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स्पेशल पॉक्सो कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, मासूम की रेप के बाद हत्या के दोषी को फांसी की सजा

बुलंदशहर में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मामसूम बच्ची के साथ रेप और हत्या के दोषी को फांसी की सजा मुकर्रर की है. कोर्ट के इस फैसले को पीड़ित परिवार ने इंसाफ के लिए नजीर बताया है.

रेप के बाद हत्या के दोषी को फांसी की सजा
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Published : Sep 3, 2021, 6:19 PM IST

बुलंदशहरः जिले की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. मासूम बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या के दोषी को कोर्ट ने फांसी की सजा दी है. कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित परिजनों ने इसे इंसाफ के लिए नजीर बताया है. वहीं जैसे ही सजा के बाद दोषी को कोर्ट से बाहर ले जाया जाने लगा तो उसकी मां जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी.

दरअसल, 04 अगस्त 2020 को खुर्जा कोतवाली नगर क्षेत्र के गांव में एक शख्स की आठ साल की बेटी अपनी छोटी बहन के साथ खेत पर जामुन बीनने के लिए गई थी. इसी बीच गांव का अशोक उनकी बड़ी बेटी को भुट्टा खिलाने के बहाने जंगल में ले गया और रेप के बाद हत्या कर शव को ईंख के खेत में फेंक दिया. इस मामले में खुर्जा कोतवाली नगर में पीड़ित के पिता ने आरोपी के खिलाफ हत्या और रेप की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी. स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने संवेदनशील मामले को एक साल एक माह तक सुना और आज आरोपी को फांसी की सजा सुना दी. फांसी के साथ कोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

स्पेशल पॉक्सो कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

अपहरण कर दुष्कर्म के पश्चात नाबालिग की हत्या कर शव को छिपाने की घटना में पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी किए जाने के फलस्वरूप घटना के दोषी को 1 साल के भीतर मृत्युदंड की सजा दी गई.

थाना खुर्जानगर क्षेत्र निवासी 8 साल की नाबालिग का अभियुक्त अशोक पुत्र अमर सिंह उर्फ भूति सिंह निवासी ग्राम सीकरी थाना खुर्जानगर बुलंदशहर जो पड़ोस में रहता था. वो पीड़ित के घर आता जाता था. अशोक ने उसे भुट्टा खिलाने के बहाने जंगल में ले गया. जहां उसने मासूम के साथ रेप किया और हत्या कर शव को बोरी में रखकर गन्ने के खेत में छिपाने की दुस्साहसिक घटना को अंजाम दिया. जिसके संबंध में दिनांक 5/8/2020 को थाना खुर्जानगर पर मअसं-792/20 धारा 363, 376 एबी, 302, 201 भादवि और 5एम/ 6 पॉक्सो अधिनियम पंजीकृत किया गया था. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फौरन कार्रवाई की गई और आरोपी अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

इसे भी पढ़ें- IAS ऑफिसर रजनीश दुबे के निजी सचिव की इलाज के दौरान मौत, खुद को मारी थी गोली

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलन्दशहर संतोष कुमार सिंह द्वारा नाबालिग लड़की के साथ अपहरण कर दुष्कर्म, हत्या के इस अपराध को बेहद गंभीरता से लेते हुए सुनियोजित तरीके से क्षेत्राधिकारी खुर्जा सुरेश कुमार, मॉनिटरिंग सेल प्रभारी उ.नि. तेजपाल सिंह की एक संयुक्त टीम गठित की गई. क्षेत्राधिकारी खुर्जा के निकट पर्यवेक्षण में विवेचक द्वारा सार्थक साक्ष्य संकलन कर अभियोग में दिनांक 09.09.2020 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया था. इसके उपरांत क्षेत्राधिकारी खुर्जा और सहायक शासकीय अधिवक्ता सुनील कुमार शर्मा द्वारा अभियोग की न्यायालय में व्यक्तिगत रुचि लेकर प्रभावी पैरवी की गई. कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत न्यायालय में कार्यवाही सुचारू रूप से नही हो पाई. फिर भी इनके द्वारा लगातार अथक प्रयास किए जाते रहे. गठित टीम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलन्दशहर का नियमित संवाद चलता रहा, नियत तिथि पर गवाहों को प्रस्तुत कराने एवं गवाही सुनिश्चित कराने के लिए नियमित ब्रीफिंग की जाती थी. अभियोजन की कार्यवाही सम्पन्न कराई गई. जिसके बाद न्यायालय ने घटना होने के करीब 1 साल में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आज दिनांक 03.09.2021 को न्यायालय, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अपर सत्र न्यायाधीश बुलन्दशहर डॉ0 पल्लवी अग्रवाल द्वारा अभियुक्त अशोक को दोषी पाते हुए मृत्युदंड और 1.40 लाख रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है.

बुलंदशहरः जिले की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. मासूम बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या के दोषी को कोर्ट ने फांसी की सजा दी है. कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित परिजनों ने इसे इंसाफ के लिए नजीर बताया है. वहीं जैसे ही सजा के बाद दोषी को कोर्ट से बाहर ले जाया जाने लगा तो उसकी मां जमीन पर बेहोश होकर गिर पड़ी.

दरअसल, 04 अगस्त 2020 को खुर्जा कोतवाली नगर क्षेत्र के गांव में एक शख्स की आठ साल की बेटी अपनी छोटी बहन के साथ खेत पर जामुन बीनने के लिए गई थी. इसी बीच गांव का अशोक उनकी बड़ी बेटी को भुट्टा खिलाने के बहाने जंगल में ले गया और रेप के बाद हत्या कर शव को ईंख के खेत में फेंक दिया. इस मामले में खुर्जा कोतवाली नगर में पीड़ित के पिता ने आरोपी के खिलाफ हत्या और रेप की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी. स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने संवेदनशील मामले को एक साल एक माह तक सुना और आज आरोपी को फांसी की सजा सुना दी. फांसी के साथ कोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

स्पेशल पॉक्सो कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

अपहरण कर दुष्कर्म के पश्चात नाबालिग की हत्या कर शव को छिपाने की घटना में पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी किए जाने के फलस्वरूप घटना के दोषी को 1 साल के भीतर मृत्युदंड की सजा दी गई.

थाना खुर्जानगर क्षेत्र निवासी 8 साल की नाबालिग का अभियुक्त अशोक पुत्र अमर सिंह उर्फ भूति सिंह निवासी ग्राम सीकरी थाना खुर्जानगर बुलंदशहर जो पड़ोस में रहता था. वो पीड़ित के घर आता जाता था. अशोक ने उसे भुट्टा खिलाने के बहाने जंगल में ले गया. जहां उसने मासूम के साथ रेप किया और हत्या कर शव को बोरी में रखकर गन्ने के खेत में छिपाने की दुस्साहसिक घटना को अंजाम दिया. जिसके संबंध में दिनांक 5/8/2020 को थाना खुर्जानगर पर मअसं-792/20 धारा 363, 376 एबी, 302, 201 भादवि और 5एम/ 6 पॉक्सो अधिनियम पंजीकृत किया गया था. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फौरन कार्रवाई की गई और आरोपी अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलन्दशहर संतोष कुमार सिंह द्वारा नाबालिग लड़की के साथ अपहरण कर दुष्कर्म, हत्या के इस अपराध को बेहद गंभीरता से लेते हुए सुनियोजित तरीके से क्षेत्राधिकारी खुर्जा सुरेश कुमार, मॉनिटरिंग सेल प्रभारी उ.नि. तेजपाल सिंह की एक संयुक्त टीम गठित की गई. क्षेत्राधिकारी खुर्जा के निकट पर्यवेक्षण में विवेचक द्वारा सार्थक साक्ष्य संकलन कर अभियोग में दिनांक 09.09.2020 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया था. इसके उपरांत क्षेत्राधिकारी खुर्जा और सहायक शासकीय अधिवक्ता सुनील कुमार शर्मा द्वारा अभियोग की न्यायालय में व्यक्तिगत रुचि लेकर प्रभावी पैरवी की गई. कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत न्यायालय में कार्यवाही सुचारू रूप से नही हो पाई. फिर भी इनके द्वारा लगातार अथक प्रयास किए जाते रहे. गठित टीम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलन्दशहर का नियमित संवाद चलता रहा, नियत तिथि पर गवाहों को प्रस्तुत कराने एवं गवाही सुनिश्चित कराने के लिए नियमित ब्रीफिंग की जाती थी. अभियोजन की कार्यवाही सम्पन्न कराई गई. जिसके बाद न्यायालय ने घटना होने के करीब 1 साल में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आज दिनांक 03.09.2021 को न्यायालय, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अपर सत्र न्यायाधीश बुलन्दशहर डॉ0 पल्लवी अग्रवाल द्वारा अभियुक्त अशोक को दोषी पाते हुए मृत्युदंड और 1.40 लाख रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है.

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