बुलंदशहर: सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद बुलंदशहर में 7 साल से कम सजा वाले 135 विचाराधीन बंदियों को देर रात 8 सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है. हालांकि जेल अधीक्षक की मानें तो ऐसे बंदियों की संख्या 201 है, मगर कहा जा रहा है कि एक-दो दिन बाद बाकी बंदियों को भी रिहा कर दिया जाएगा. रिहाई के 8 सप्ताह बाद इन सभी कैदियों को अदालत में पेश होना होगा और वापस जिला कारागार आना होगा. रिहाई के वक्त सभी बंदियों को बुलंदशहर प्रशासन की तरफ से बसें भी मुहैया कराई गईं, जिनको कारागार से उनके घर तक पहुंचाया गया है.
बंदियों ने जेल से बाहर आने पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिन के लॉकडाउन मे पूरी तरह सरकार का साथ देंगे और अपने-अपने गांव जाकर लोगों को कोरोना वायरस जैसी भयंकर बीमारी से बचने के लिए जागरूक करेंगे. जेल अधीक्षक OP कटियार ने बताया कि सभी 135 बंदियों को 8 सप्ताह की पैरोल पर छोड़ा जा रहा है. आठ सप्ताह बाद सभी बंदियों को न्यायालय में पेश होना होगा. जिला प्रशासन द्वारा बसों का इंतजाम किया गया था, जिससे यह बंदी अपने अपने घर तक पहुंच सकें.
उन्होंने बताया कि शासन से जेल के बंदियों और कैदियों की सूची मांगी गई थी. बुलन्दशहर जेल से विचाराधीन 224 बंदियों, 49 सजायाफ्ता की सूची भेजी गई थी. यह वो बंदी हैं, जो 7 साल से कम वाली धारा में मुकदमे में नामजद हैं और कैदी भी वही हैं जिन्हें 7 साल से कम की सजा हो रखी है. सोमवार को चार जजों की पीठ ने सुबह से लेकर शाम तक 135 बंदियों के मुकदमे में सुनवाई की थी, जिसके बाद अंतरिम जमानत पर देर रात इन्हें छोड़ा गया है.
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