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बिजनौर में किसानों के लिए आफत की बारिश, गंगा पर बने अस्थाई पुल का कुछ हिस्सा बहा - बिजनौर ताजा समाचार

तौकते तूफान के कारण पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में जोरदार बारिश हो रही थी. जिस वजह से नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है. यूपी के बिजनौर में तेज बारिश के कारण गंगा पर बना अस्थाई पुल का कुछ हिस्सा भी नदी के बहाव में बह गया है. जिससे नदी पार करके खेती करने जाने वाले किसानों को बहुत समस्या हो रही है.

गंगा पर बने अस्थाई पुल का कुछ हिस्सा बहा
गंगा पर बने अस्थाई पुल का कुछ हिस्सा बहा
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Published : May 22, 2021, 3:41 PM IST

बिजनौर: गंगा के किनारे खेती करने वाले किसानों के लिए पहाड़ों पर हो रही बारिश आफत बनकर टूट पड़ी है. इस बारिश से गंगा किनारे खेती करने वाले किसानों की सभी फसलें जलमग्न हो गई हैं. गंगा पर बना अस्थाई पुल का कुछ हिस्सा भी इस बहाव में बह गया है. जिसके बाद से गंगा के उस पार जाने वाले हजारों लोगों को नाव या 60 किलोमीटर घूमकर अपनी खेती करने जाना पड़ेगा. रास्ता लंबा होने के कारण गंगा के उस पार गन्ने की खेती करने वाले किसान अब गंगा की धार को पार करके नाव से खेती करने के लिए गंगा के उस पार जाने के लिए मजबूर हैं.

जानकारी देते किसान.

गंगा के उस पार खेती करने वाले किसान परेशान
जिले के गंगा खादर क्षेत्र के हजारों लोगों को इस पार से उस पार पहुंचाने वाला अस्थाई पुल भी गंगा में बह गया है. जिससे बिजनौर के गंगा तराई क्षेत्र मंडावर इलाके में गंगा के किनारे खेती करने वाले किसान अब खासे परेशान हैं. इस पुल से हजारों लोग मुजफ्फरनगर की सीमा में जाकर गंगा किनारे गन्ने की खेती करते थे. इसी खेती के सहारे इन किसानों के परिवार का पेट पल रहा था. किसानों का साफ तौर पर कहना है कि गंगा में ज्यादा पानी आने के कारण अस्थाई पुल बह गया है. अब किसान अगर सड़क के रास्ते से खेत में जाते हैं तो उन्हें 60 किलोमीटर की सड़क यात्रा तय करनी पड़ेगी, जिसके कारण किसान नाव से गंगा के उस पार जाने पर मजबूर हैं. कई बार गंगा उफान पर होने के कारण नाव से खेती करने जाने वाले किसान गंगा में नाव डूबने की वजह से बह भी गए हैं. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा इस अस्थाई पुल का निर्माण नहीं किया गया है. इस पुल से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद भी आज तक पुल का निर्माण नहीं हो सका है.

नाव के सहारे फसल लाते किसान.
नाव के सहारे फसल लाते किसान.

इसे भी पढ़ें- रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर बेटे को अस्पताल में छोड़कर चली गई मां, टूट गईं मासूम की सांसें

बिजनौर: गंगा के किनारे खेती करने वाले किसानों के लिए पहाड़ों पर हो रही बारिश आफत बनकर टूट पड़ी है. इस बारिश से गंगा किनारे खेती करने वाले किसानों की सभी फसलें जलमग्न हो गई हैं. गंगा पर बना अस्थाई पुल का कुछ हिस्सा भी इस बहाव में बह गया है. जिसके बाद से गंगा के उस पार जाने वाले हजारों लोगों को नाव या 60 किलोमीटर घूमकर अपनी खेती करने जाना पड़ेगा. रास्ता लंबा होने के कारण गंगा के उस पार गन्ने की खेती करने वाले किसान अब गंगा की धार को पार करके नाव से खेती करने के लिए गंगा के उस पार जाने के लिए मजबूर हैं.

जानकारी देते किसान.

गंगा के उस पार खेती करने वाले किसान परेशान
जिले के गंगा खादर क्षेत्र के हजारों लोगों को इस पार से उस पार पहुंचाने वाला अस्थाई पुल भी गंगा में बह गया है. जिससे बिजनौर के गंगा तराई क्षेत्र मंडावर इलाके में गंगा के किनारे खेती करने वाले किसान अब खासे परेशान हैं. इस पुल से हजारों लोग मुजफ्फरनगर की सीमा में जाकर गंगा किनारे गन्ने की खेती करते थे. इसी खेती के सहारे इन किसानों के परिवार का पेट पल रहा था. किसानों का साफ तौर पर कहना है कि गंगा में ज्यादा पानी आने के कारण अस्थाई पुल बह गया है. अब किसान अगर सड़क के रास्ते से खेत में जाते हैं तो उन्हें 60 किलोमीटर की सड़क यात्रा तय करनी पड़ेगी, जिसके कारण किसान नाव से गंगा के उस पार जाने पर मजबूर हैं. कई बार गंगा उफान पर होने के कारण नाव से खेती करने जाने वाले किसान गंगा में नाव डूबने की वजह से बह भी गए हैं. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा इस अस्थाई पुल का निर्माण नहीं किया गया है. इस पुल से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन से शिकायत करने के बावजूद भी आज तक पुल का निर्माण नहीं हो सका है.

नाव के सहारे फसल लाते किसान.
नाव के सहारे फसल लाते किसान.

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