बिजनौर: 2012 के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए भीड़ जुटाने के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व सपा विधायक रूचि वीरा को बरी कर दिया है. विशेष न्यायाधीश एसीजेएम प्रथम अभिनव यादव ने पूर्व सपा विधायक को साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया.
जिले में 2012 विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी रुचि वीरा द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए 28 फरवरी 2012 में बिजनौर के नुमाइश ग्राउंड में एक जन सभा का आयोजन किया गया था. इस सभा में समाजवादी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव भी शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. वहीं, सभा में भीड़ जुटाने के लिए पूर्व सपा विधायक रुचि वीरा द्वारा केपीएस इंटर कॉलेज की छात्राओं को रैली में बुलाया गया था.
इसको लेकर तत्कालीन सहायक रिटर्निंग ऑफिसर और तहसीलदार सुरेश कुमार मिश्रा ने बिजनौर थाना कोतवाली शहर में पूर्व विधायक रुचि वीरा के खिलाफ थाने में दर्ज कराई गई. रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि रुचि वीरा केपीएस बालिका इंटर कॉलेज की प्रबंधन की कमेटी सदस्य हैं. उनके द्वारा छात्रों को नुमाइश ग्राउंड में बुलाकर भीड़ में शामिल किया गया था. और भीड़ को चुनाव में लुभाने की कोशिश की गई थी. इसको लेकर शिकायत की गई थी. इस शिकायत में छात्राओं को स्कूल ड्रेस में लाइन में लगा कर कॉलेज से चुनावी सभा तक लाया गया था. आरोप यह भी लगा था कि सभा के दौरान स्कूल में वार्षिक परीक्षाएं चल रही थी.
वहीं, इस मामले में एसीजेएम कोर्ट में सरकारी पक्ष घटना को सही साबित करने में नाकाम रहा है. उधर रुचि वीरा पक्ष के वकील अनिल चौधरी के अनुसार इस मामले को एसीजेएम प्रथम अभिनव यादव के समक्ष रखने पर साक्ष्य के अभाव में एसीजेएम ने रुचि वीरा को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया है.
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