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पुरुष दिल्ली किसान आंदोलन में गए तो महिलाएं संभाल रही खेती - women doing farming in Bijnor

पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान भी दिल्ली और यूपी गेट पर जाम लगाकर केंद्र सरकार को बिल वापस लेने के लिए लगातार मांग कर रहे हैं. दिल्ली प्रदर्शन में शामिल होकर लौटे बिजनौर के किसानों का साफ तौर से कहना है कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा बिल को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक प्रदर्शन करते रहेंगे.

बिजनौर में गन्ना काटते किसान.
बिजनौर में गन्ना काटते किसान.
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Published : Dec 13, 2020, 11:17 AM IST

बिजनौरः पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान भी दिल्ली और यूपी गेट पर जाम लगाकर केंद्र सरकार को बिल वापस लेने के लिए लगातार मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा इस बिल को वापस न लिए जाने पर किसान अपने घर का काम छोड़कर दिल्ली में धरने प्रदर्शन में जहां जुटे हुए हैं, तो वहीं महिलाएं खेत जाकर गन्ना छीलने को मजबूर हैं. दिल्ली प्रदर्शन में शामिल होकर लौटे बिजनौर के किसानों का साफ तौर से कहना है कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा बिल को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक प्रदर्शन करते रहेंगे.

बिजनौर में किसानों ने किसान बिल वापस लेने की मांग की.
दिल्ली में चल रहे आंदोलन में शामिल होकर लौटे किसानों का कहना है कि कोरोना कल का फायदा उठाते हुए केंद्र सरकार ने इस बिल को लाकर किसानों का उत्पीड़न कर रही है. किसान पहले गेंहू की फसल को एमएसपी रेट से ज्यादा मंडी में बेच लेता था, लेकिन किसान अब मजबूरी दूसरी फसल को बोने के लिये अपनी गेहूं की फसल को औने पौने दामों में बेचने को मजबूर है.

बिल वापस होने तक करेंगे प्रदर्शन
बिजनौर जनपद के रसीदपुर गढ़ी गांव के रहने वाले किसान संजीव राठी का कहना है कि वह इस किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली गए हुए थे. केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस का फायदा उठाते हुए इस बिल को पास कर दिया, जिससे कि किसान धरना प्रदर्शन ना कर सके. यह बिल किसान के विरोध में है. किसान इस बिल को कभी भी नहीं मानेगा अपनी आखरी सांस तक प्रदर्शन करता रहेगा. खेती में चाहे कितना भी नुकसान हो जाए, लेकिन इस बिल के विरोध में दिल्ली पहुंचकर लगातार प्रदर्शन में शामिल होता रहूंगा.

नुकसान उठाने को तैयार
किसान धीरज कुमार का कहना है कि इस समय गन्नों को छिलकर मिल भेजना था. लेकिन इस बिल के विरोध में मैं 3 दिन तक दिल्ली में प्रदर्शन में मौजूद रहा. उनकी घर की महिलाएं खेतों में जाकर मजबूरी में गन्ना छिलकर खेतों पर छोड़ रही थी. सरकार किसान विरोधी है, जब तक यह बिल वापस नहीं लेगी किसान लगातार विरोध प्रदर्शन करता रहेगा. इस बिल के वापस होने में किसान को चाहे जितना भी नुकसान हो जाए उसके लिए भी तैयार है.

बिजनौरः पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान भी दिल्ली और यूपी गेट पर जाम लगाकर केंद्र सरकार को बिल वापस लेने के लिए लगातार मांग कर रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा इस बिल को वापस न लिए जाने पर किसान अपने घर का काम छोड़कर दिल्ली में धरने प्रदर्शन में जहां जुटे हुए हैं, तो वहीं महिलाएं खेत जाकर गन्ना छीलने को मजबूर हैं. दिल्ली प्रदर्शन में शामिल होकर लौटे बिजनौर के किसानों का साफ तौर से कहना है कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा बिल को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक प्रदर्शन करते रहेंगे.

बिजनौर में किसानों ने किसान बिल वापस लेने की मांग की.
दिल्ली में चल रहे आंदोलन में शामिल होकर लौटे किसानों का कहना है कि कोरोना कल का फायदा उठाते हुए केंद्र सरकार ने इस बिल को लाकर किसानों का उत्पीड़न कर रही है. किसान पहले गेंहू की फसल को एमएसपी रेट से ज्यादा मंडी में बेच लेता था, लेकिन किसान अब मजबूरी दूसरी फसल को बोने के लिये अपनी गेहूं की फसल को औने पौने दामों में बेचने को मजबूर है.

बिल वापस होने तक करेंगे प्रदर्शन
बिजनौर जनपद के रसीदपुर गढ़ी गांव के रहने वाले किसान संजीव राठी का कहना है कि वह इस किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली गए हुए थे. केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस का फायदा उठाते हुए इस बिल को पास कर दिया, जिससे कि किसान धरना प्रदर्शन ना कर सके. यह बिल किसान के विरोध में है. किसान इस बिल को कभी भी नहीं मानेगा अपनी आखरी सांस तक प्रदर्शन करता रहेगा. खेती में चाहे कितना भी नुकसान हो जाए, लेकिन इस बिल के विरोध में दिल्ली पहुंचकर लगातार प्रदर्शन में शामिल होता रहूंगा.

नुकसान उठाने को तैयार
किसान धीरज कुमार का कहना है कि इस समय गन्नों को छिलकर मिल भेजना था. लेकिन इस बिल के विरोध में मैं 3 दिन तक दिल्ली में प्रदर्शन में मौजूद रहा. उनकी घर की महिलाएं खेतों में जाकर मजबूरी में गन्ना छिलकर खेतों पर छोड़ रही थी. सरकार किसान विरोधी है, जब तक यह बिल वापस नहीं लेगी किसान लगातार विरोध प्रदर्शन करता रहेगा. इस बिल के वापस होने में किसान को चाहे जितना भी नुकसान हो जाए उसके लिए भी तैयार है.

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