बिजनौरः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने इस कार्यकाल का पांचवां और अंतिम बजट पेश करने जा रही है. ऐसे में प्रदेश के हर वर्ग के लोगों के इस बजट से खासी उम्मीद है. खासकर देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच पेश हो रहे बजट से किसानों को क्या उम्मीद है, जानने के लिए ईटीवी भारत बिजनौर के किसानों के बीच पहुंचा.
देश में बढ़ रही महंगाई ने किसानों को परेशान कर रखा है. खेती के उपयोग में आने वाली चीजों पर बढ़ रही महंगाई से किसानों को राहत की उम्मीद है. किसानों ने सरकार से खाद सहित बीज व अन्य चीजों को सस्ता करने की मांग की है. किसानों का कहना है कि लगातार बिजली के दाम बढ़ने के कारण किसानों को सिंचाई के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वही पेट्रोल और डीजल के रूपों में वृद्धि होने के कारण किसान काफी परेशान हैं.
हालांकि कुछ किसान सरकार की कार्यशैली से नाराज हैं. किसानों का आरोप है कि किसानों से किए गए वादे अभी भी पूरे नहीं हुए हैं. गन्ने का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है और न ही बीते चार साल में गन्ने के रेट में कोई बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने पहले भी किसानों से खाद और बीज सस्ता करने की बात कही थी, लेकिन पिछले बजट में किसानों को खाद और बीज सहित अन्य सामानों पर किसी तरह की छूट नहीं मिली. इस बजट में किसानों को उम्मीद है कि सरकार द्वारा खेती से संबंधित सभी चीजों पर छूट दी जाए. किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी होनी चाहिए.