बिजनौरः उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही के गंदा खेल सामने आया है. बिजनौर के स्योहारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला ने पिछले साल जून में नसबंदी कराई थी. इसके बावजूद महिला गर्भवती हो गई. नसबंदी के बावजूद महिला के गर्भवती होने पक बिजनौर जिला महिला अस्पताल पहुंची सीएमएस ने पीड़िता व आशा वर्कर को खरी-खोटी सुनाते हुए जबरन ऑपरेशन कर गर्भपात ही करा दिया. फिलहाल पीड़ित महिला जिला महिला अस्पताल में भर्ती है.
सरकारी जिला महिला अस्पताल में भर्ती महिला मीनाक्षी ने 24 जून 2022 को बिजनौर की सीएचसी स्योहारा में नसबंदी कराई थी. सरकारी डॉक्टर की लापरवाही की वजह से नसबंदी के बावजूद महिला 3 महीने की गर्भवती हो गई. सरकारी आशा वर्कर आनन-फानन में महिला को जिला अस्पताल लेकर पहुंची. आशा वर्कर ने सीएमएस पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए जबरन महिला का ऑपरेशन कर गर्भपात कराने का आरोप लगाया.
इस मामले को लेकर आशा वर्कर सुषमा का कहना है कि हमने मीनाक्षी की नसबंदी स्योहारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 7 महीने पहले करवाई थी. जिसके बाद भी महिला के गर्भवती होने पर हम उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला महिला अस्पताल लेकर आए. यहां पर महिला सीएमएस प्रभारी प्रभा द्वारा मेरे व गर्भवती महिला के पति गौतम के साथ अभद्र व्यवहार किया गया. साथ ही अस्पताल में मीनाक्षी का गर्भपात करा दिया गया. इसके साथ ही सीएमएस डॉ. प्रभा ने महिला मीनाक्षी और उसके परिवार वालों के साथ बदतमीजी की. गर्भपात के बाद भ्रूण को परिजनों के पास फेंक कर चली गईं.
बरहाल इस घटना को लेकर महिला अस्पताल के स्टाफ व जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर कुछ भी बताने को तैयार नहीं है. जब मीडिया के लोगों ने सीएमएस डॉ. प्रभा से बात करनी चाही तो उन्होंने बातचीत करने से साफ मना कर दिया. उधर इस घटना को लेकर बिजनौर सीएमओ विजय गोयल ने फोन पर बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है और महिला अस्पताल की सीएमएस मुख्य इंचार्ज हैं.
ये भी पढ़ेंः जब पीटी ऊषा की तरह स्टेडियम और सर्किट हाउस में दौड़ पड़ीं बस्ती डीएम प्रियंका निरंजन