बिजनौर: जिले में मेडिकल सुविधा के नाम पर नगर पालिका लोगों को गुमराह कर रही है. पिछले साल मरीजों के लिए एंबुलेंस लाई गई थी. यह एंबुलेंस एक साल से नगर पालिका कार्यालय में खड़ी है. इस एंबुलेंस को अभी तक चलाया नहीं गया. इससे यह खड़े-खड़े कबाड़ में तब्दील होती जा रही है. इस लापरवाही पर स्योहारा नगर पालिका ईओ का कहना है कि अभी तक इसका किराया निर्धारित नहीं हुआ है. किराया निर्धारित होने के बाद ही एंबुलेंस को संचालित किया जाएगा.
नगर पालिका में बदहाल खड़ी एंबुलेंस नगर पालिका में बदहाल खड़ी है एंबुलेंसउत्तर प्रदेश सरकार मेडिकल सुविधाओं को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. मरीजों के लिए स्योहारा नगर पालिका में एक साल पहले एंबुलेंस आई थी. नगरपालिका को यह एंबुलेंस पिछले साल कोविड-19 के मरीजों के लिए मिली थी. आज तक यह एंबुलेंस नगर पालिका कार्यालय में खड़ी है. इस एंबुलेंस की सुध लेने वाला कोई भी नहीं है. नगर पालिका चेयरमैन और ईओ ने एंबुलेंस पर कोई भी ध्यान नहीं दिया. न ही सड़क पर उतारा गया.
कोविड-19 के कारण नहीं हो सका किराए का निर्धारणइसको लेकर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी अरुणेंद्र पांडे ने बताया कि इस एंबुलेंस का किराया निर्धारित नहीं हुआ था. इस वजह से यह एंबुलेंस सड़क पर नहीं उतर पाई है. इसका किराया निर्धारित करके एंबुलेंस को सड़क पर उतारा जाएगा. एक साल से खड़ी एंबुलेंस के सवाल पर ईओ का कहना है कोविड-19 के कारण इस एंबुलेंस का किराया निर्धारण नहीं हो पाया है.
नगर पालिका परिषद में की है शिकायतः सभासद
एंबुलेंस को लेकर नगर पालिका सभासद मुकेश रस्तोगी ने नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि आखिर एक साल होने पर भी नगर पालिका की बोर्ड मीटिंग में एंबुलेंस के संचालन के लिए किराया क्यों नहीं निर्धारित किया जा सका है. उन्होंने इसकी शिकायत नगर पालिका परिषद में भी की है.