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सपा के इस विधायक पर है गैंगरेप का आरोप, हाईकोर्ट ने भेजा जेल

हाइकोर्ट की विशेष अदालत ने नगीना के विधायक और पूर्व मंत्री को जेल भेज दिया है. सपा विधायक पर गैंगरेप का आरोप है. साल 2007 में एक महिला के घर में घुसकर विधायक और उसके 3 साथियों पर मिलकर वारदात को अंजाम देने का आरोप है.

नगीना विधायक मनोज कुमार पारस.
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Published : Jun 3, 2019, 11:58 AM IST

बिजनौर: पूर्व मंत्री और नगीना से सपा विधायक मनोज कुमार पारस को स्पेशल कोर्ट ने जेल भेज दिया है. प्रयागराज की एमपी, एमएलए स्पेशल कोर्ट ने विधायक को जेल भेजने के आदेश दिए थे. गैंगरेप के मामले में विधायक मनोज पारस कोर्ट में पेश हुए थे. कोर्ट ने कुछ दिनों पहले पूर्व मंत्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. 13 जून 2007 को बिजनौर के नगीना थाने में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया था. 4 जून को जमानत अर्जी पर कोर्ट सुनवाई करेगी. पारस एवं उनके 3 अन्य साथियों पर महिला के घर में घुसकर गैंगरेप करने का आरोप है. मामले में तीन आरोपी जयपाल, अस्सु और कुंवर सैनी पहले ही कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं. आरोप के मुताबिक महिला को सरकारी कोटे की दुकान दिलाने के नाम पर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था.

2007 में दर्ज हुआ था गैंगरेप का मुकदमा

  • 13 जनवरी 2007 को कोर्ट के आदेश के बाद विधायक पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज हुआ.
  • गांव की ही महिला ने राशन की दुकान एलॉट कराने के नाम पर दुष्कर्म किये जाने का मुकदमा दर्ज कराया.
  • मनोज पारस सहित चार लोग आरोपी बनाये गये. मनोज पारस हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर उस समय स्टे ले आये थे.
  • नगीना कोर्ट ने 6 जनवरी 2012 को इनके वारंट और 16 जनवरी को ही धारा 82 के तहत कार्रवाई करते हुए कुर्की के नोटिस जारी कर दिए थे.
  • मनोज पारस एडीजे प्रथम के यहां रिवीजन में ये कहते हुए चले गये कि उनके पास हाईकोर्ट का स्टे है. इसलिए उनकी गिरफ्तारी और कुर्की नहीं हो सकती.
  • मामले में 8 जनवरी 2013 से कोर्ट में तारीख लगती रही है. सपा विधायक मनोज पारस ने हाइकोर्ट में याचिका दी थी.
  • इसमें विधायक ने नगीना कोर्ट में चल रहे गैंगरेप के विचाराधीन मामले को निरस्त करने की हाइकोर्ट में अपील की थी.
  • हाइकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए याचिका निरस्त कर दी और कुछ दिन पहले गैर जमानती वारंट जारी कर दिये थे.
  • विशेष अदालत ने प्रस्तुत होने पर विधायक को जेल भेज दिया है.

विधायक का राजनीतिक सफर

  • सपा सरकार में पूर्व कर एवं स्टाम्प राज्य मंत्री मनोज पारस बिजनौर के नगीना विधानसभा से विधायक हैं.
  • उनकी राजनीतिक शुरुआत 1993 में जनता दल से हुई थी.
  • विधायक रहे उनके चाचा सतीश कुमार से प्रभावित होकर ये राजनीति में आये.
  • 2000 में ये बसपा से चुनाव लड़े और सपा प्रत्याशी ओमवती से हार गये.
  • 2007 में ओमवती बसपा में शामिल हो गईं और मनोज पारस सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और एक बार फिर ओमवती से चुनाव हार गये.
  • 2012 में ये दोबारा सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गये. इसी के बाद इन्हें प्रदेश का स्टाम्प राज्यमंत्री बना दिया गया.

बिजनौर: पूर्व मंत्री और नगीना से सपा विधायक मनोज कुमार पारस को स्पेशल कोर्ट ने जेल भेज दिया है. प्रयागराज की एमपी, एमएलए स्पेशल कोर्ट ने विधायक को जेल भेजने के आदेश दिए थे. गैंगरेप के मामले में विधायक मनोज पारस कोर्ट में पेश हुए थे. कोर्ट ने कुछ दिनों पहले पूर्व मंत्री के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. 13 जून 2007 को बिजनौर के नगीना थाने में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया था. 4 जून को जमानत अर्जी पर कोर्ट सुनवाई करेगी. पारस एवं उनके 3 अन्य साथियों पर महिला के घर में घुसकर गैंगरेप करने का आरोप है. मामले में तीन आरोपी जयपाल, अस्सु और कुंवर सैनी पहले ही कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं. आरोप के मुताबिक महिला को सरकारी कोटे की दुकान दिलाने के नाम पर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था.

2007 में दर्ज हुआ था गैंगरेप का मुकदमा

  • 13 जनवरी 2007 को कोर्ट के आदेश के बाद विधायक पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज हुआ.
  • गांव की ही महिला ने राशन की दुकान एलॉट कराने के नाम पर दुष्कर्म किये जाने का मुकदमा दर्ज कराया.
  • मनोज पारस सहित चार लोग आरोपी बनाये गये. मनोज पारस हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर उस समय स्टे ले आये थे.
  • नगीना कोर्ट ने 6 जनवरी 2012 को इनके वारंट और 16 जनवरी को ही धारा 82 के तहत कार्रवाई करते हुए कुर्की के नोटिस जारी कर दिए थे.
  • मनोज पारस एडीजे प्रथम के यहां रिवीजन में ये कहते हुए चले गये कि उनके पास हाईकोर्ट का स्टे है. इसलिए उनकी गिरफ्तारी और कुर्की नहीं हो सकती.
  • मामले में 8 जनवरी 2013 से कोर्ट में तारीख लगती रही है. सपा विधायक मनोज पारस ने हाइकोर्ट में याचिका दी थी.
  • इसमें विधायक ने नगीना कोर्ट में चल रहे गैंगरेप के विचाराधीन मामले को निरस्त करने की हाइकोर्ट में अपील की थी.
  • हाइकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए याचिका निरस्त कर दी और कुछ दिन पहले गैर जमानती वारंट जारी कर दिये थे.
  • विशेष अदालत ने प्रस्तुत होने पर विधायक को जेल भेज दिया है.

विधायक का राजनीतिक सफर

  • सपा सरकार में पूर्व कर एवं स्टाम्प राज्य मंत्री मनोज पारस बिजनौर के नगीना विधानसभा से विधायक हैं.
  • उनकी राजनीतिक शुरुआत 1993 में जनता दल से हुई थी.
  • विधायक रहे उनके चाचा सतीश कुमार से प्रभावित होकर ये राजनीति में आये.
  • 2000 में ये बसपा से चुनाव लड़े और सपा प्रत्याशी ओमवती से हार गये.
  • 2007 में ओमवती बसपा में शामिल हो गईं और मनोज पारस सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और एक बार फिर ओमवती से चुनाव हार गये.
  • 2012 में ये दोबारा सपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गये. इसी के बाद इन्हें प्रदेश का स्टाम्प राज्यमंत्री बना दिया गया.
बिजनौर।हाइकोर्ट की विशेष अदालत ने इस विधायक को भेजा जेल।

बिजनौर।पूर्व मंत्री और नगीना विधायक मनोज कुमार पारस को स्पेशल कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में जेल भेज दिया है।प्रयागराज की एमपी, एमएलए स्पेशल कोर्ट ने जेल भेजा है।गैंगरेप के मामले में कोर्ट में विधयक मनोज पारस हुए थे पेश।कोर्ट ने कुछ दिनों पहले पूर्व मंत्री के खिलाफ जारी किया था गैर जमानती वारंट।13 जून 2007 में बिजनौर के नगीना थाने में दर्ज हुआ था गैंगरेप का मुकदमा।4 जून को जमानत अर्जी पर कोर्ट करेगी सुनवाई।पारस एवं उनके तीन अन्य साथियों पर महिला के घर में घुसकर गैंगरेप मामले में तीन आरोपी जयपाल,अस्सु और कुँवर सैनी पहले ही कोर्ट में कर चुके है सरेंडर।महिला को सरकारी कोटे की दुकान दिलाने के नाम पर हुआ था गैंगरेप।नगीना से सपा से विधायक है मनोज कुमार पारस।


हम आपको बता दे कि सपा सरकार में पूर्व कर एवम स्टाम्प  राज्य मंत्री मनोज पारस बिजनौर के नगीना विधानसभा से विधायक है। उनकी राजनितिक शुरुआत 1993 में जनता दल से शुरू हुई थी। विधायक रहे उनके चाचा सतीश कुमार के साथ रहते हुए उन्ही से प्रभावित होकर ये राजीनीति में आये और 2000 में ये बसपा  से चुनाव लड़े और सपा प्रत्यशी ओमवती से हार गये।इसके बाद सन 2007 में ओमवती तो बसपा में शामिल हो गई और मनोज पारस सपा  के टिकट पर चुनाव लड़े और एक बार फिर ओमवती से चुनाव हार  गये।2012 में ये दोबारा सपा  के टिकट  पर  चुनाव लड़े  और जित गये। इसी के बाद इन्हें प्रदेश का  स्टाम्प राज्यमंत्री बना दिया गया। सन 2007 में 13 जनवरी को कोर्ट के आदेश पर इनके खिलाफ इनके ही गाँव की महिला विनोद पत्नी धनीराम ने राशन की दुकान अलाट कराने  के नाम पर बलात्कार करने का मुकदमा दर्ज कराया। जिसमे मनोज पारस सहित चार लोग आरोपी बनाये गये। जिसमे मनोज पारस हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे उस समय ले आये थे।नगीना कोर्ट ने 6 जनवरी 2012 को इनके वारंट और 16 जनवरी को ही धारा 82 की कार्यवाही करते हुए कुर्की का नोटिस जारी कर दिया था। जिसके खिलाफ मनोज पारस एडीजे प्रथम के यह रिवीजन में ये कहते हुए चले गये की उनके पास हाईकोर्ट का स्टे है।इस लिए उनकी गिरफ्तारी और कुर्की नहीं हो सकती। इस मामले में आठ जनवरी 2013 से कोर्ट में तारीख लगती रही है।इस मामले को लेकर सपा के विधायक मनोज पारस ने एक बार फिर से हाइकोर्ट में एक रिट डाली थी।जिसमे विधायक ने नगीना कोर्ट में चल रहे सामूहिक बलात्कार के विचारधीन मामले को निरस्त करने के लिये हाइकोर्ट में अपील की थी।लेकिन हाइकोर्ट ने इस अपील को खारिज़ करते हुए रिट को कैंसिल कर दिया है और इस मामले में कुछ दिन पहले गैर जमानती वारंट जारी कर दिये थे।इसी को लेकर हाई कोर्ट की विशेष अदालत ने प्रस्तुत होने पर कोर्ट ने विधायक को जेल भेज दिया है।


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