बस्ती: उत्तर प्रदेश में भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन गरीबों से सरकारी योजना का लाभ देने के नाम पर वसूली जारी है. बस्ती के महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज में उत्तर प्रदेश सरकार व हेरिटेज हॉस्पिटल वाराणसी द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट के तहत डायलिसिस यूनिट की स्थापना की गई. इसका मकसद था कि गरीबों को फ्री में डायलिसिस का लाभ मिल सके, लेकिन डायलिसिस यूनिट संचालकों ने इसे भी भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है. यहां जो पैसा देता है, उसी की डायलिसिस पहले की जाती है.
दरअसल, धरमवीर चौधरी नाम का शख्स अपने जीजा की डायलिसिस कराने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचा. यहां उसके द्वारा काफी मिन्नतें करने के बाद भी बेड न खाली होने का बहाना बनाकर डायलिसिस से इनकार कर दिया गया. डायलिसिस यूनिट में काम कर रहे शुभम ने डायलिसिस कराने के लिए 5 हजार रुपये की डिमांड की, लेकिन पीड़ित ने एक हजार देने पर सहमति जताई और उस दौरान की बातचीत का वीडियो मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया. इसके बाद पीड़ित ने वाराणसी के हेरिटेज हॉस्पिटल के संचालक के नाम पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई.
जब इस मामले की जानकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपल नवनीत कुमार को हुई तो उन्होंने आनन-फानन में कार्रवाई की. प्रिंसिपल का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है. इसमें जो लोग सम्बंधित थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. एक डॉक्टर को वहां से हटा दिया गया है. साथ ही इंचार्ज के खिलाफ भी कार्रवाई चल रही है.
मर गई मां की ममता, 15 महीने की मासूम का किया मर्डर
इस मामले का संज्ञान लेते हुए डीएम आशुतोष निरंजन ने भी जांच टीम गठित कर दी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.