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आशिक दरोगा दीपक सिंह आखिरकार पहुंचा सलाखों के पीछे, सीएम का ऑन स्पॉट फैसला - The then CO Girish Singh

बस्ती के इस मामले में एडीजी अखिल कुमार को शासन ने पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है. एडीजी पीड़िता के गांव जांच करने पहुंचे. उसी दौरान आरोपी दरोगा दीपक सिंह और कोतवाल रामपाल यादव को सस्पेंड कर दिया गया. जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कार्रवाई भी तेज कर दी गई है.

मुख्य आरोपी दीपक सिंह को अब अरेस्ट किया गया है
मुख्य आरोपी दीपक सिंह को अब अरेस्ट किया गया है
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Published : Mar 23, 2021, 12:34 AM IST

बस्ती : सदर कोतवाली के पोखरभिटवा मामले में पुलिस की कार्रवाई का सिलसिला जारी है. मुख्य आरोपी एसआई दीपक सिंह को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. इस पूरे प्रकरण में अब तक 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है.

आखिरकार आशिक दरोगा दीपक सिंह पहुंचा सलाखों के पीछे

यह भी पढ़ें : दारोगा के एकतरफा प्यार में अब 14 लोगों पर हुई FIR

एडीजी अखिल कुमार को शासन ने सौंपी प्रकरण की जांच

बता दें कि एडीजी अखिल कुमार को शासन ने पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है. एडीजी पीड़िता के गांव पर जांच करने पहुंचे. उसी दौरान आरोपी दरोगा दीपक सिंह और कोतवाल रामपाल यादव को सस्पेंड कर दिया गया. जांच जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, कार्रवाई का दौर शुरू हो गया. एसपी हेमराज मीणा पर कार्रवाई की गाज गिरी और एसपी को पुलिस मुख्यालय से अटैच कर दिया गया. दूसरे दिन एएसपी रवीन्द्र कुमार सिंह को भी मुख्यालय से अटैच कर दिया गया.

पुलिस और राजस्व कर्मियों पर भी मुकदमा

मामले में तत्कालीन सीओ गिरीश सिंह को निलंबित किया गया. पूरे प्रकरण के मुख्य आरोपी दीपक सिंह को अब अरेस्ट किया गया है. इसके अलावा आरोपी दरोगा और कोतवाल रामपाल यादव के संपत्तियों की जांच के लिए डीएम ने आदेश दिए हैं. इसके अलावा इस पूरे प्रकरण में शामिल पुलिस और राजस्व कर्मियों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. इनकी विभागीय जांच शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कई अन्य पुलिसकर्मी भी बर्खास्त किए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : पत्नी की हत्या कर पुलिस को किया फोन, कहा- आइए मुझे पकड़ लीजिए...

आला अधिकारियों ने आरोपी को दी थी क्लीन चीट
आरोप है कि आरोपी दरोगा दीपक सिंह ने लाकडाउन के दौरान पीड़िता काजल सिंह को मास्क चेकिंग के लिए रोक लिया. उसका मोबाइल नंबर लेकर अश्लील मैसेज, चैटिंग और काल करने लगा. इसके बाद पीड़िता की शिकायत पर दरोगा को जिले के आला अधिकारियों ने क्लीन चीट दे दी और दीपक को लाइन हाजिर कर मामले को रफादफा कर दिया गया. कार्रवाई से खुन्नस खाए दरोगा ने पीड़िता और परिजनों पर 8 मुकदमे दर्ज कर दिए. इस मामले में पीड़िता ने राज्यमहिला आयोग में शिकायत की जिसका शासन ने संज्ञान लेकर उच्च स्तरीय जांच टीम गठित कर दी. जो पुलिस वाले पीड़िता पर मुकदमें दर्ज कर रहे थे, अब उन पर मुकदमें दर्ज हो रहे हैं.

बस्ती : सदर कोतवाली के पोखरभिटवा मामले में पुलिस की कार्रवाई का सिलसिला जारी है. मुख्य आरोपी एसआई दीपक सिंह को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है. इस पूरे प्रकरण में अब तक 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है.

आखिरकार आशिक दरोगा दीपक सिंह पहुंचा सलाखों के पीछे

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एडीजी अखिल कुमार को शासन ने सौंपी प्रकरण की जांच

बता दें कि एडीजी अखिल कुमार को शासन ने पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है. एडीजी पीड़िता के गांव पर जांच करने पहुंचे. उसी दौरान आरोपी दरोगा दीपक सिंह और कोतवाल रामपाल यादव को सस्पेंड कर दिया गया. जांच जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, कार्रवाई का दौर शुरू हो गया. एसपी हेमराज मीणा पर कार्रवाई की गाज गिरी और एसपी को पुलिस मुख्यालय से अटैच कर दिया गया. दूसरे दिन एएसपी रवीन्द्र कुमार सिंह को भी मुख्यालय से अटैच कर दिया गया.

पुलिस और राजस्व कर्मियों पर भी मुकदमा

मामले में तत्कालीन सीओ गिरीश सिंह को निलंबित किया गया. पूरे प्रकरण के मुख्य आरोपी दीपक सिंह को अब अरेस्ट किया गया है. इसके अलावा आरोपी दरोगा और कोतवाल रामपाल यादव के संपत्तियों की जांच के लिए डीएम ने आदेश दिए हैं. इसके अलावा इस पूरे प्रकरण में शामिल पुलिस और राजस्व कर्मियों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. इनकी विभागीय जांच शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कई अन्य पुलिसकर्मी भी बर्खास्त किए जाएंगे.

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आला अधिकारियों ने आरोपी को दी थी क्लीन चीट
आरोप है कि आरोपी दरोगा दीपक सिंह ने लाकडाउन के दौरान पीड़िता काजल सिंह को मास्क चेकिंग के लिए रोक लिया. उसका मोबाइल नंबर लेकर अश्लील मैसेज, चैटिंग और काल करने लगा. इसके बाद पीड़िता की शिकायत पर दरोगा को जिले के आला अधिकारियों ने क्लीन चीट दे दी और दीपक को लाइन हाजिर कर मामले को रफादफा कर दिया गया. कार्रवाई से खुन्नस खाए दरोगा ने पीड़िता और परिजनों पर 8 मुकदमे दर्ज कर दिए. इस मामले में पीड़िता ने राज्यमहिला आयोग में शिकायत की जिसका शासन ने संज्ञान लेकर उच्च स्तरीय जांच टीम गठित कर दी. जो पुलिस वाले पीड़िता पर मुकदमें दर्ज कर रहे थे, अब उन पर मुकदमें दर्ज हो रहे हैं.

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