बस्ती: सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर बुधवार को जनपद पहुंचे. इस दौरान वह देवीपाटन के मंडल कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हुए. साथ ही उन्होंने मुफ्तखोरी योजनाओं पर अपनी बातें रखीं. स्वामी प्रसाद मोर्य के बयान पर पलटवार करते हुए ओपी राजभर ने कहा कि वह बहुजन समाज पार्टी की कृपा से विधायक और मंत्री बने, उस के बाद बीजेपी में चले गए. फिर बीजेपी की कृपा से विधायक और मंत्री बनें, ये जग जाहिर है.
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वह 20 साल से अपनी पार्टी बना कर राजनीति कर रहे हैं, हम अपरिपक्व हैं. अच्छी बात है, बड़े भाई है वो और उन से हम सीखेंगे. उन्होंने कहा कि वह जहां से चुनाव लड़े जिला ही साफ हो गया. हम गाजीपुर से चुनाव लड़े और पूरा जिला जीत लिए. अब तय कर ले कि दोनों में परिपक्व कौन है और अपरिपक्व कौन है.
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उन्होंने कहा कि ओपी राजभर जब बीजेपी में थे, तो पूर्वांचल में बीजेपी बड़े पैमाने पर चुनाव जीती. जब बीजेपी का साथ छोड़ दिया तो पूर्वांचल के 4 जिले में उसका खाता नहीं खुला. सपा का कांग्रेस से गठबंधन 47 सीट मिली थी. ओम प्रकाश राजभर और जयंत चौधरी से गठबंधन हुआ तो 125 सीट मिली, स्वामी प्रसाद मौर्य को एहसास होना चाहिए, जब तक मैं सपा में नहीं गया था तब तक वो भी बीजेपी छोड़ कर सपा में नहीं आए थे, जब ओपी राजभर ने माहौल बनाया तो उसी दिन से सपा लड़ाई में खड़ी हुई. उनको लगा की सरकार बन रही है तो उधर से छोड़कर इधर चले आए.
मुफ्तखोरी योजनाओं पर भी ओपी राजभर ने खुल कर अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा की स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा है देना है तो शिक्षा फ्री दो, इलाज फ्री दो, जिसकी आज जरूरत भी है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अधिकारी हो, कर्मचारी हो या फिर किसान हो. सब लोग बिजली की बिल से परेशान हैं, इसलिए बिजली का बिल माफ होना चाहिए. मंहगाई से निजात मिलनी चाहिए.
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