बस्तीः प्रदेश में अनामिका शुक्ला शिक्षक फर्जीवाड़ा मामला सामने आने के बाद शासन-प्रशासन सतर्क हो गया है. अनामिका शुक्ला शिक्षक फर्जीवाड़े के बाद शिक्षा विभाग ने बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों का भंडाफोड़ किया है. शिक्षक फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शासन-प्रशासन अब सख्त रूख अपना रहा है.
इसी क्रम में बस्ती के परमहंस बाबा राम शंकर दास कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक एसटीएफ के निशाने पर हैं. परमहंस बाबा राम शंकर दास कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपरा गौतम में प्रधानाचार्य, बाबू और तीन अन्य महिला सहायक अध्यापक हैं. विद्यालय में तैनात सभी शिक्षकों पर फर्जी अभिलेखों के जरिए नौकरी करने का आरोप है.
यह विद्यालय अनुदानित है, इसमें हो रहे फर्जीवाड़े की शिकायत पुलिस से की गई थी. इसके बाद जांच के प्रथम चरण में कार्यरत लिपिक को बर्खास्त कर दिया गया है. फर्जीवाड़े की शिकायत के बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य का वेतन रोक दिया गया. यह पहला मामला है, जब एसटीएफ शिक्षक फर्जीवाड़े की जांच सीधे कर रही है.
इस मामले में दो शिकायतकर्ता हैं. एक शिकायतकर्ता ने लिपिक और शिक्षक की शिकायत की थी. वहीं दूसरे शिकायतकर्ता ने प्रधानाचार्य की शिकायत की थी. फिलहाल इस मामले की जांच एसटीएफ कर रही है.
बीएसए ने दी जानकारी
बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि मामले की जांच एसटीएफ कर रही है. एसटीएफ ने विजय लक्ष्मी सिंह, कमला सिंह, मिथिलेश सिंह, उर्मिला सिंह और लिपिक अभिनव सिंह से अभिलेख मांगा था, जिसे उपलब्ध करा दिया गया है. एसटीएफ की रिपोर्ट पर प्रबंधक ने लिपिक को बर्खास्त कर दिया है. इसके अलावा प्रधानाचार्य का वेतन रोक दिया गया है. अन्य शिक्षकों की डिग्रियों की जांच हो रही है. रिपोर्ट आते ही उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.