बस्ती: सरकार गांव से लेकर शहर तक विकास का दावा करती है. हर गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने की बात करती है. मगर बस्ती जिले का एक ऐसा गांव है जहां के नागरिक पिछले 5 साल से एक अदद सड़क के लिए गुहार लगाते रह गए, लेकिन प्रशासन की तारीफ से जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो समाजसेवी अरविंद सिंह ने सड़क बनाने का बीड़ा अपने हाथ लिया और अपने खर्चे से गांव के लोगों की सुविधा के लिए सड़क बनवाना शुरू कर दिया है. उनके इस कार्य को देखकर गांव के लोग बेहद खुश हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि रूधौली तहसील क्षेत्र के मुरियार गांव को जाने वाली सड़क की हालत पहले बेहद खराब थी. सड़क में गड्ढों के भरमार थी और आए दिन इस सड़क से गुजरने वाले लोग किसी न किसी हादसे का शिकार हो रहे थे. इस सड़क से हर रोज 5 हजार से अधिक जनता का आना जाना है. इसके बाद भी कभी किसी सरकार ने ग्रामीणों की समस्या का निदान नहीं किया. यहां तक कि गड्ढा मुक्ति अभियान में इस सड़क का जीर्णोद्वार नहीं हो सका. उसके बाद इस गांव के समाजसेवी अरविंद सिंह ने खुद ही सड़क बनाने का बीड़ा अपने हाथ लिया.
समाजसेवी अरविंद सिंह ने बताया कि उन्होंने स्थानीय विधायक, सांसद लेकर नगर पंचायत और शासन तक में सड़क के निर्माण के लिए गुहार लगाई. मगर उन्हें कहीं से मदद नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने खुद अपने पैसे से एक किलो मीटर सड़क का निर्माण करवाना शुरू कर दिया है. इस सड़क को बनवाने में लगभग 10 लाख की लागत आई है. वहीं, आम नागरिकों को कहना है कि सरकार के विकास सिर्फ कागजी है. क्यों कि उनके गांव में विकास के नाम पर आज तक एक भी सड़क नहीं बनी है. वो तो भला हो समाजसेवी अरविंद सिंह का जिन्होंने अपने खुद के पैसे से सड़क बनवा रहे हैं. फिलहाल इस सड़क का निर्माण सरकार के मुंह पर किसी करारा तमाचे से कम नहीं है.
इसे भी पढे़ं-जान की परवाह किए बगैर हमलावर से भिड़ी महिला, बचाई पति की जान