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बस्ती: बालू माफिया का कारनामा, सरकार को लगाया करोड़ों का चूना

जिले में अवैध खनन को लेकर डीएम राजशेखर ने सख्ती दिखाई तो बालू माफिया पर 15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. लेकिन अब इस जुर्माने की राशि को वसूलने के लिए जिला प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.

बालू का अवैध खनन.
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Published : Jul 14, 2019, 3:29 AM IST

बस्ती: जिले में बालू के अवैध खनन को लेकर डीएम राज शेखर ने सख्ती दिखाई. अवैध खनन के मामले में बालू माफिया पर 15 करोड़ का जुर्माना लगाया गया. लगाए गए जुर्माने को वसूलने के लिए जिला प्रशासन को बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है. न जिस शख्स ने बालू कारोबारी बन कर सरकार की आंख में धूल झोंका और पट्टा हासिल किया, वह सिर्फ कागजों में है.

बालू कारोबारी बन कर सरकार की आंख में झोंका धूल.

क्या है मामला-

  • पूरा मामला कलवारी थाना क्षेत्र के महुवापार कला गांव का है.
  • सैय्यद साहिल अली नाम के व्यक्ति को जिला प्रशासन ने बालू के खनन का पट्टा दिया.
  • बालू माफिया के किसी भी प्रमाण पत्र की जिला प्रशासन ने जांच नहीं की.
  • प्रदेश का सबसे बड़ा बालू का सिंडिकेट चलाने वाला हाफिज बालू का खनन करता रहा.
  • निर्धारित से भारी मात्रा में अधिक बालू का खनन करने पर डीएम राजशेखर ने जांच कराई.
  • जांच के बाद पट्टा धारक पर 15 करोड़ का जुर्माना लगाया गया.

बालू माफियाओं ने डीएम को ठग लिया

  • काफी दिन बीत जाने के बाद भी खनन माफिया ने जुर्माने की रकम जमा नहीं की.
  • जुर्माने जमा न करने पर राजस्व विभाग की तरफ से सैयद साहिल अली के नाम से आरसी उसके बताए पते पर भेजी गई.
  • जब आरसी सैयद बताए पते पर पहुंची तो पता चला कि इस नाम का कोई भी शख्स गांव में है ही नहीं.
  • बालू माफियाओं ने फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे बालू का पट्टा हासिल किया और अवैध खनन से मोटी कमाई कर रफूचक्कर हो गए.
  • जिस शख्स ने बालू कारोबारी बन कर सरकार की आंख में धूल झोंका और पट्टा हासिल किया वह शख्स सिर्फ कागजों में ही था.
  • अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह खड़ी हो गई है कि वह अब इस जुर्माने की रकम को कैसे और किससे वसूल करें.

बालू के पट्टा धारकों को इस बात का फायदा मिला कि हैसियत प्रमाण पत्र उनके द्वारा नहीं लगाया गया, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जो भी बालू का पट्टा लेने आएगा, उसके लिए एक प्रोफॉर्मा बनाया जाएगा. जब तक वह व्यक्ति अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देगा, तब तक उसे पट्टा अलॉट नहीं होगा.

-राजशेखर, डीएम

पट्टा धारक के नाम से चल रही बैंक खातों की जांच कराई गई तो उस खाते से 32 लोगों से लेनदेन की बात सामने आई है. जिला प्रशासन अब इन लोगों के गिरेहबान तक पहुंचना चाह रही है ताकि जुर्माने की रकम को वसूला जा सके.

बस्ती: जिले में बालू के अवैध खनन को लेकर डीएम राज शेखर ने सख्ती दिखाई. अवैध खनन के मामले में बालू माफिया पर 15 करोड़ का जुर्माना लगाया गया. लगाए गए जुर्माने को वसूलने के लिए जिला प्रशासन को बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है. न जिस शख्स ने बालू कारोबारी बन कर सरकार की आंख में धूल झोंका और पट्टा हासिल किया, वह सिर्फ कागजों में है.

बालू कारोबारी बन कर सरकार की आंख में झोंका धूल.

क्या है मामला-

  • पूरा मामला कलवारी थाना क्षेत्र के महुवापार कला गांव का है.
  • सैय्यद साहिल अली नाम के व्यक्ति को जिला प्रशासन ने बालू के खनन का पट्टा दिया.
  • बालू माफिया के किसी भी प्रमाण पत्र की जिला प्रशासन ने जांच नहीं की.
  • प्रदेश का सबसे बड़ा बालू का सिंडिकेट चलाने वाला हाफिज बालू का खनन करता रहा.
  • निर्धारित से भारी मात्रा में अधिक बालू का खनन करने पर डीएम राजशेखर ने जांच कराई.
  • जांच के बाद पट्टा धारक पर 15 करोड़ का जुर्माना लगाया गया.

बालू माफियाओं ने डीएम को ठग लिया

  • काफी दिन बीत जाने के बाद भी खनन माफिया ने जुर्माने की रकम जमा नहीं की.
  • जुर्माने जमा न करने पर राजस्व विभाग की तरफ से सैयद साहिल अली के नाम से आरसी उसके बताए पते पर भेजी गई.
  • जब आरसी सैयद बताए पते पर पहुंची तो पता चला कि इस नाम का कोई भी शख्स गांव में है ही नहीं.
  • बालू माफियाओं ने फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे बालू का पट्टा हासिल किया और अवैध खनन से मोटी कमाई कर रफूचक्कर हो गए.
  • जिस शख्स ने बालू कारोबारी बन कर सरकार की आंख में धूल झोंका और पट्टा हासिल किया वह शख्स सिर्फ कागजों में ही था.
  • अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह खड़ी हो गई है कि वह अब इस जुर्माने की रकम को कैसे और किससे वसूल करें.

बालू के पट्टा धारकों को इस बात का फायदा मिला कि हैसियत प्रमाण पत्र उनके द्वारा नहीं लगाया गया, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जो भी बालू का पट्टा लेने आएगा, उसके लिए एक प्रोफॉर्मा बनाया जाएगा. जब तक वह व्यक्ति अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देगा, तब तक उसे पट्टा अलॉट नहीं होगा.

-राजशेखर, डीएम

पट्टा धारक के नाम से चल रही बैंक खातों की जांच कराई गई तो उस खाते से 32 लोगों से लेनदेन की बात सामने आई है. जिला प्रशासन अब इन लोगों के गिरेहबान तक पहुंचना चाह रही है ताकि जुर्माने की रकम को वसूला जा सके.

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

स्लग- बालू माफिया का कारनामा, योगी सरकार को करोड़ो का चूना

एंकर- जिले में बालू के अवैध खनन को लेकर डीएम राज शेखर ने सख्ती दिखाई तो बालू माफिया पर 15 करोड़ का जुर्माना लगाया गया, मगर अब इस जुर्माने की राशि को वसूलने के लिए जिला प्रशासन को नाको चने चबाने पड़ रहे है, क्यों कि जिस शख्स ने बालू कारोबारी बन कर सरकार की आंख में धूल झोंका और पट्टा हासिल किया वह शख्स सिर्फ कागजों में है, दरअसल कलवारी थाना एरिया के महुवापार कला गांव में सरयू नदी के पास सैय्यद साहिल अली को बालू के खनन का पट्टा दिया गया, लेकिन उसके किसी भी प्रमाण पत्र की जिला प्रशासन ने जांच नही की, इतना ही नही संपत्ति के तौर पर भी कोई प्रमाण पत्र नही लिया गया, जिसका फायदा उठा कर बालू माफियाओं ने डीएम को ठग लिया, प्रदेश का सबसे बड़ा बालू का सिंडिकेट चलाने वाला हाफिज उर्फ डॉक्टर बालू का खनन करता रहा, निर्धारित से भारी मात्रा में अधिक बालू का खनन करने पर डीएम राज शेखर ने जांच कराई और पट्टा धारक पर 15 करोड़ का जुर्माना लगाया, काफी दिन बीत जाने के बाद भी जब पट्टा धारक ने जुर्माने की रकम जमा नही की तो राजस्व विभाग की तरफ से सैयद साहिल अली के नाम आरसी काट कर उसके बताये पते पर भेजी गई, लेकिन जब आरसी उक्त पते पर पहुची तो पता चला कि इस नाम का कोई भी शख्स गांव में है ही नही, मतलब साफ हो गया कि बालू माफियाओं ने फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे बालू का पट्टा हासिल किया और अवैध खनन करके मोटी कमाई कर रफूचक्कर हो गए, अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह खड़ी हो गयी है कि वह अब इस जुर्माने की रकम को कैसे और किससे वसूल करेगी,


Body:बहरहाल डीएम राजशेखर ने अयोध्या डीएम को पत्र लिखकर उस मदद मांगी की जिस बालू माफिया ने इस ठगी को अंजाम दिया उसे पकड़ा जाए, इस पत्र के बाद डीएम अयोध्या ने पट्टा धारक के नाम से चल रही बैंक खातों की जांच कराई और उस खाते से 32 लोगो के द्वारा लेनदेन की बात सामने आई है, जिला प्रशासन अब इन लोगो के गिरेबान तक पहुचना चाह रही है ताकि जुर्माने की रकम को वसूल सके, 





Conclusion:डीएम राजशेखर ने इस बावत बताया कि पट्टा धारक पर जुर्माना लगाया गया था और आरसी भी काट कर भेजी गई है, अब उस बालू माफिया के गिरफ्तारी के लिए भी आदेश किया गया है जिसने यह सब अंजाम दिया है, बालू के पट्टा धारकों को इस बात का फायदा मिला कि हैसियत प्रमाण पत्र उनके द्वारा नही लगाया गया लेकिन अब ऐसा नही होगा, और जो भी बालू का पट्टा लेने आएगा उसके लिए एक प्रोफॉर्मा बनाया जाएगा और जब तक वह व्यक्ति अपनी संपत्ति का ब्यौरा नही देगा उसे पट्टा अलॉट नही होगा।

बाइट- राज शेखर.......डीएम


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