बस्ती: जिले में बालू के अवैध खनन को लेकर डीएम राज शेखर ने सख्ती दिखाई. अवैध खनन के मामले में बालू माफिया पर 15 करोड़ का जुर्माना लगाया गया. लगाए गए जुर्माने को वसूलने के लिए जिला प्रशासन को बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है. न जिस शख्स ने बालू कारोबारी बन कर सरकार की आंख में धूल झोंका और पट्टा हासिल किया, वह सिर्फ कागजों में है.
क्या है मामला-
- पूरा मामला कलवारी थाना क्षेत्र के महुवापार कला गांव का है.
- सैय्यद साहिल अली नाम के व्यक्ति को जिला प्रशासन ने बालू के खनन का पट्टा दिया.
- बालू माफिया के किसी भी प्रमाण पत्र की जिला प्रशासन ने जांच नहीं की.
- प्रदेश का सबसे बड़ा बालू का सिंडिकेट चलाने वाला हाफिज बालू का खनन करता रहा.
- निर्धारित से भारी मात्रा में अधिक बालू का खनन करने पर डीएम राजशेखर ने जांच कराई.
- जांच के बाद पट्टा धारक पर 15 करोड़ का जुर्माना लगाया गया.
बालू माफियाओं ने डीएम को ठग लिया
- काफी दिन बीत जाने के बाद भी खनन माफिया ने जुर्माने की रकम जमा नहीं की.
- जुर्माने जमा न करने पर राजस्व विभाग की तरफ से सैयद साहिल अली के नाम से आरसी उसके बताए पते पर भेजी गई.
- जब आरसी सैयद बताए पते पर पहुंची तो पता चला कि इस नाम का कोई भी शख्स गांव में है ही नहीं.
- बालू माफियाओं ने फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे बालू का पट्टा हासिल किया और अवैध खनन से मोटी कमाई कर रफूचक्कर हो गए.
- जिस शख्स ने बालू कारोबारी बन कर सरकार की आंख में धूल झोंका और पट्टा हासिल किया वह शख्स सिर्फ कागजों में ही था.
- अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह खड़ी हो गई है कि वह अब इस जुर्माने की रकम को कैसे और किससे वसूल करें.
बालू के पट्टा धारकों को इस बात का फायदा मिला कि हैसियत प्रमाण पत्र उनके द्वारा नहीं लगाया गया, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जो भी बालू का पट्टा लेने आएगा, उसके लिए एक प्रोफॉर्मा बनाया जाएगा. जब तक वह व्यक्ति अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देगा, तब तक उसे पट्टा अलॉट नहीं होगा.
-राजशेखर, डीएम
पट्टा धारक के नाम से चल रही बैंक खातों की जांच कराई गई तो उस खाते से 32 लोगों से लेनदेन की बात सामने आई है. जिला प्रशासन अब इन लोगों के गिरेहबान तक पहुंचना चाह रही है ताकि जुर्माने की रकम को वसूला जा सके.