बस्ती: जिले के हरैया तहसील में तैनात तेज तर्रार आईएएस और बतौर एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा की कार्यशैली इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. समाज का हर तबका प्रेम प्रकाश मीणा के तत्काल न्याय देने की कार्य प्रणाली से बेहद खुश है. एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा खुद सालों से लटके विवाद को मौके पर ही जाकर चुटकी में निपटा देते हैं. 'न्याय आपके द्वार' का प्रोजेक्ट अब लोगों को इस कदर रास आने लगा है कि लोग अपने घर बैठे रहते हैं और एसडीएम साहब खुद न्याय देने उनके घर पहुंच जाते हैं.
आईएएस प्रेम प्रकाश मीणा की हर जगह चर्चा
बस्ती जनपद में एसडीएम की पोस्ट पर तैनात आईएएस अधिकारी प्रेम प्रकाश मीणा के चर्चे इन दिनों पूरे जिले में है. एसडीएम मीणाइस समय हरैया तहसील के एसडीएम की पोस्ट पर तैनात अपनी जिम्मेदारियों के साथ बस्ती विकास प्राधिकरण की भी जिम्मेदारी उठा रहे हैं. वे दोनों पदों की जिम्मेदारी को अपनी कार्यशैली और निर्णयों से बेहतर तरीके से पूरा कर रहे हैं. वह जिला प्रशासन के साथ आम जनता का दिल भी जीत रहे हैं. उनके बारे में हरैया तहसील में तो मशहूर है 'जिसकी कोई न सुने उसकी प्रेम प्रकाश मीणा सुनें और वह भी फरियादी के द्वार जाकर'.
मौके पर पहुंचकर करते हैं निस्तारण
हरैया में सालों से लटका जमीन विवाद हो या फिर नहर विवाद, प्रेम प्रकाश मीणा हर जगह पहुंचकर मामलों का तत्काल निस्तारण करते हैं. यही नहीं बाढ़ के पानी में हर साल बहने वाले परिवारों को बचाने के लिये लोलपुर विक्रमजोत का बंधा का काम भी उनकी सक्रियता के कारण समय रहते पूरा करा लिया गया है.
क्या है 'न्याय आपके द्वार'
लोगों को जल्दी न्याय दिलाने के लिए राजस्थान सरकार ने एक योजना शुरू की थी, जिसे 'न्याय आपके द्वार' नाम दिया गया है. इसके तहत लोगों को सामाजिक और पारिवारिक न्याय दिलाने में मदद की जाती है. दरअसल छोटे-छोटे मामलों में लोग अदालत पहुंच जाते हैं, जिससे लोगों का और अदालत दोनों का वक्त जाया होता है. ऐसे मामलों की भी कई सालों तक सुनवाई चलती रहती है, जिसमें दोनो पक्षों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार ने इस योजना की शुरुआत वर्ष 2015 में की थी. योजना के तहत राज्य सरकार गांव, ब्लॉक, तहसील, जिले जैसे कई स्तरों पर शिविरों का आयोजन करती है, जहां लोगों के विवादों को सुलझाया जाता है.