ETV Bharat / state

बस्ती: जन औषधि केंद्रों पर नहीं मिल रही जेनरिक दवाएं, मरीज परेशान

उत्तर प्रदेश के बस्ती में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर मरीजों को जेनरिक दवाएं नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में मरीजों को प्राइवेट मेडिकल स्टोरों से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं.

etv bharat
जन औषधि केंद्रों पर नहीं मिल रहीं जेनरिक दवाएं.
author img

By

Published : Jan 7, 2020, 9:30 AM IST

बस्ती: जिले में सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्थापित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर मरीजों की उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं. प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर जितने प्रकार की दवाएं होनी चाहि, उसके सापेक्ष 20 फीसदी दवाएं भी नहीं हैं. ऐसे में मरीजों को सुलभ उपचार और सस्ती दवाइयों का सपना पूरा नहीं हो रहा है. औषधि केंद्रों की स्थापना के एक वर्ष बाद भी यह हाल है.

जन औषधि केंद्रों पर नहीं मिल रहीं जेनरिक दवाएं.
  • जरुरतमंद मरीजों को जेनरिक दवाएं नहीं मिल पा रही हैं.
  • यह हाल उन तमाम मरीजों का है, जो दवा के लिए औषधि केंद्र पहुंच रहे हैं.
  • ऐसे में मरीजों को प्राइवेट मेडिकल स्टोरों से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं.
  • महिला अस्पताल, जिला अस्पताल और ओपेक चिकित्सालय कैली में स्थापित औषधि केंद्रों का एक सा हाल है.
  • 800 तरह की दवाओं में से मरीजों को महज 136 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हो रही हैं.
  • केंद्र पर जो दवाएं उपलब्ध हैं, उन्हें भी लिखने में चिकित्सक परहेज करते हैं.
  • जेनरिक दवाएं 50 से 90 फीसदी तक सस्ती मिलती हैं.
  • औषधि केंद्रों के लिए 154 प्रकार के सर्जिकल सामान पंजीकृत हैं, लेकिन स्टोर में एक भी नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर: भाजपा नेता मोनिका चौधरी ने मुस्लिम क्षेत्रों में जाकर दी CAA की जानकारी

बस्ती: जिले में सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्थापित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर मरीजों की उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं. प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर जितने प्रकार की दवाएं होनी चाहि, उसके सापेक्ष 20 फीसदी दवाएं भी नहीं हैं. ऐसे में मरीजों को सुलभ उपचार और सस्ती दवाइयों का सपना पूरा नहीं हो रहा है. औषधि केंद्रों की स्थापना के एक वर्ष बाद भी यह हाल है.

जन औषधि केंद्रों पर नहीं मिल रहीं जेनरिक दवाएं.
  • जरुरतमंद मरीजों को जेनरिक दवाएं नहीं मिल पा रही हैं.
  • यह हाल उन तमाम मरीजों का है, जो दवा के लिए औषधि केंद्र पहुंच रहे हैं.
  • ऐसे में मरीजों को प्राइवेट मेडिकल स्टोरों से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं.
  • महिला अस्पताल, जिला अस्पताल और ओपेक चिकित्सालय कैली में स्थापित औषधि केंद्रों का एक सा हाल है.
  • 800 तरह की दवाओं में से मरीजों को महज 136 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हो रही हैं.
  • केंद्र पर जो दवाएं उपलब्ध हैं, उन्हें भी लिखने में चिकित्सक परहेज करते हैं.
  • जेनरिक दवाएं 50 से 90 फीसदी तक सस्ती मिलती हैं.
  • औषधि केंद्रों के लिए 154 प्रकार के सर्जिकल सामान पंजीकृत हैं, लेकिन स्टोर में एक भी नहीं हैं.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर: भाजपा नेता मोनिका चौधरी ने मुस्लिम क्षेत्रों में जाकर दी CAA की जानकारी

Intro:रिपोर्ट - सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो -9889557333

स्लग - जन औषधि से टूटती उम्मीदें

एंकर - सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने को स्थापित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर मरीजों की उम्मीदें टूट रही हैं। जितने प्रकार की दवा होनी चाहिए उसके सापेक्ष 20 फीसद भी दवाएं नहीं हैं। ऐसे में सुलभ उपचार और सस्ती दवा का सपना पूरा नहीं हो रहा। केंद्रों की स्थापना के एक वर्ष बाद भी यह हाल, बड़ा सवाल है।

जरुरतमंद मरीजो को जेनरिक दवाएं चाहिए, पर नहीं मिल रही। यह हाल उन तमाम मरीजों का है जो दवा के लिए यहां पहुंच रहे हैं। ऐसे में प्राइवेट मेडिकल स्टोरों से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। महिला अस्पताल, जिला अस्पताल और ओपेक चिकित्सालय कैली में स्थापित औषधि केंद्रों का एक सा हाल है। 800 प्रकार की दवाओं में से महज 136 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं।


Body:इन केंद्रों के भरोसे जिले के हजारों मरीज हैं। हद तो यह है कि केंद्र पर जो दवाएं उपलब्ध हैं, उन्हें भी लिखने में चिकित्सक परहेज करते हैं। जेनरिक दवाएं 50 से 90 फीसद तक सस्ती मिलती हैं। 154 प्रकार के सर्जिकल सामान पंजीकृत है, लेकिन स्टोर में एक भी नहीं हैं। सीएमओ जेपी त्रिपाठी ने कहा कि जन औषधि केंद्रों पर पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हों और चिकित्सक जेनरिक दवाएं लिखें इसके लिए निर्देशित किया गया है। एक बार फिर चेताया जाएगा। मरीजों को सस्ती दवाएं मिलें ऐसा प्रयास किया जाता है।

बाइट - जेपी त्रिपाठी'''.... सीएमओ बस्ती


बस्ती यूपी


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.