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बस्तीः नार्थ ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक बोले-2 हजार करोड़ घाटे के बाद चला रहे ट्रेन

उत्तर प्रदेश के बस्ती में शुक्रवार को नार्थ ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल पहुंचे. उन्होंने बताया कि नार्थ ईस्टर्न जोन 2 हजार करोड़ के घाटे पर है. उसे कम करना है.

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हजार करोड़ घाटे के बाद चला रहे ट्रेन
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Published : Dec 27, 2019, 11:15 PM IST

बस्ती: नार्थ ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल शुक्रवार को बस्ती पहुंचे. उन्होंने प्लेटफार्म, पार्सल घर, पेयजल, शौचालय, वाशिंग पिट का जायजा लिया. महाप्रबन्धक राजीव अग्रवाल ने मीडिया से कहा कि नार्थ ईस्टर्न रेलवे 2 हजार करोड़ के घाटे में है.

नार्थ ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक ने रेलवे के घाटे पर की बातचीत.

जीएम राजीव अग्रवाल ने कहा कि भारतीय रेलवे में पैसेंजर सर्विस घाटे में चल रही है. नार्थ ईस्टर्न रेलवे का खर्चा 55 सौ करोड़ है, जबकि कमाई सिर्फ 35 सौ करोड़ रुपए की है. इसकी वजह से हम 2 हजार करोड़ के घाटे में चल रहे हैं. जीएम ने कहा कि तेजस को आईआरसीटीसी को रेलवे के ही पीएसयू को चलाने के लिए दिया गया है. इसी तर्ज पर कुछ और ट्रेनों को भी चलाने की तैयारी है. चाहे वह रेलवे की पीएसयू हो या प्राइवेट.

ये भी पढ़ें- वाराणसी: सीएम योगी ने रैन बसेरा का किया निरीक्षण, गरीबों को बांटे कंबल

उन्होने कहा कि प्राइवेट कम्पनी अपनी ट्रेन भी ला सकती हैं. कुछ ट्रेनों को निजी हाथों में इसलिए दिया जाता है ताकि घाटे को पूरा किया जा सके. रेलवे की मंशा है कि जनता पर किसी तरह का बोझ न पड़े और घाटा भी पूरा कर लिया जाए.

ये भी पढ़ें- CAA विरोध: 498 उपद्रवियों की हुई पहचान, वसूला जाएगा हर्जाना

बस्ती रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करते हुए जीएम राजीव अग्रवाल ने इस बात का दावा किया कि रेलवे स्टेशन को आदर्श रेलवे स्टेशन बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. हालांकि वाशिंग पिट के लिए अभी बजट नहीं आएगा. साथ ही ट्रेनों की देरी पर जीएम ने कहा कि ट्रैक को ठीक किया जा रहा है, जिससे एक्सीडेंट का प्रतिशत कम हो गया है. ये गर्व की बात है.

बस्ती: नार्थ ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल शुक्रवार को बस्ती पहुंचे. उन्होंने प्लेटफार्म, पार्सल घर, पेयजल, शौचालय, वाशिंग पिट का जायजा लिया. महाप्रबन्धक राजीव अग्रवाल ने मीडिया से कहा कि नार्थ ईस्टर्न रेलवे 2 हजार करोड़ के घाटे में है.

नार्थ ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक ने रेलवे के घाटे पर की बातचीत.

जीएम राजीव अग्रवाल ने कहा कि भारतीय रेलवे में पैसेंजर सर्विस घाटे में चल रही है. नार्थ ईस्टर्न रेलवे का खर्चा 55 सौ करोड़ है, जबकि कमाई सिर्फ 35 सौ करोड़ रुपए की है. इसकी वजह से हम 2 हजार करोड़ के घाटे में चल रहे हैं. जीएम ने कहा कि तेजस को आईआरसीटीसी को रेलवे के ही पीएसयू को चलाने के लिए दिया गया है. इसी तर्ज पर कुछ और ट्रेनों को भी चलाने की तैयारी है. चाहे वह रेलवे की पीएसयू हो या प्राइवेट.

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उन्होने कहा कि प्राइवेट कम्पनी अपनी ट्रेन भी ला सकती हैं. कुछ ट्रेनों को निजी हाथों में इसलिए दिया जाता है ताकि घाटे को पूरा किया जा सके. रेलवे की मंशा है कि जनता पर किसी तरह का बोझ न पड़े और घाटा भी पूरा कर लिया जाए.

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बस्ती रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करते हुए जीएम राजीव अग्रवाल ने इस बात का दावा किया कि रेलवे स्टेशन को आदर्श रेलवे स्टेशन बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. हालांकि वाशिंग पिट के लिए अभी बजट नहीं आएगा. साथ ही ट्रेनों की देरी पर जीएम ने कहा कि ट्रैक को ठीक किया जा रहा है, जिससे एक्सीडेंट का प्रतिशत कम हो गया है. ये गर्व की बात है.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: नार्थ ईस्टर्न रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल आज बस्ती रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे. जहां उन्होंने प्लेटफार्म, पार्सल घर, पेयजल, शौचालय, और वाशिंग पिट सहित निर्माणाधीन लिफ्ट का जायजा लिया. इसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए महाप्रबन्धक राजीव अग्रवाल ने रेलवे के निजीकरण के सवाल का जवाब देते हुए बड़ा बयान दिया है.




Body:जीएम राजीव अग्रवाल ने कहा कि भारतीय रेलवे में पैसेंजर सर्विस घाटे में चल रही है. उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्टर्न रेलवे का खर्चा 55 सौ करोड़ है, जबकि अर्निंग सिर्फ 35 सौ करोड़ है. जिसकी वजह से आज हम 2 हजार करोड़ के घाटे में चल रहे हैं. जीएम ने कहा कि तेजस को आईआरसीटीसी को जो रेलवे का ही पीएसयू है, चलाने को दिया गया है. इसी की तर्ज पर कुछ और ट्रेनों को भी चलाने की तैयारी है, चाहे वो रेलवे की पीएसयू हो या प्राइवेट कोई चलाये. इसमें प्राइवेट कम्पनी अपनी ट्रेन भी ले आए सकती है या हमसे लेकर भी चला सकती है. जीएम ने बताया कि कुछ ट्रेनों को निजी हाथों में इसलिए दिया जाता है ताकि जो घाटा हो रहा है, उसको पूरा किया जा सके. रेलवे की मंशा है कि जनता पर किसी तरह का बोझ न पड़े और घाटा भी पूरा कर लिया जाए. जब बाहर से पैसा रेलवे में आएगा तभी घाटा कम हो जाये.






Conclusion:जीएम के इस बयान से बाद एक बात तो साफ है कि मंदी का असर सिर्फ आर्थिक व्यवस्था पर नहीं बल्कि भारतीय रेलवे पर भी बड़े पैमाने पर पड़ा है. बस्ती रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करते हुए उन्होंने इस बात का दावा किया रेलवे स्टेशन को आदर्श रेलवे स्टेशन बनाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. हालांकि वाशिंग पिट के लिए अभी बजट नहीं आएगा. साथ ही ट्रेनों की देरी पर जीएम ने कहा कि ट्रैक को ठीक किया जा रहा है, जिससे एक्सीडेंट का प्रतिशत भी कम हो गया है. जो कि गर्व की बात है.

बाइट.....राजीव अग्रवाल महाप्रबंधक नार्थ ईस्टर्न रेलवे
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