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बस्ती: निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने हाथों में मसाल लेकर किया प्रदर्शन

यूपी के बस्ती जिले में पावर कॉरपोरेशन को प्राइवेट हाथों में बेचने के विरोध में बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. जिले भर के सैकड़ों बिजली कर्मी हाथों में मशाल लिए जुलूस लेकर सड़क पर उतर पड़े. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की.

निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने किया प्रदर्शन.
निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Sep 30, 2020, 5:18 PM IST

बस्ती: निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारियों ने संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में जमकर प्रदर्शन किया. बिजली विभाग के जेई और लाइनमैन ने हाथों में मसाल लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोडवेज तक जुलूस निकाला. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की.

एसडीओ मनोज यादव ने बताया कि बिजली विभाग को निजी हाथों में बेचने का फैसला बिल्कुल गलत है. इस फैसले से विभाग के लाखों कर्मचारियों के साथ-साथ आम लोगों का भी बड़ा नुकसान होगा. लेकिन सरकार है कि उनकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि यूपी पावर कॉरपोरेशन के निजीकरण से सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा होगा. जो कर्मचारी आज मेहनत से इस विभाग में सालों से काम कर रहे हैं, निजीकरण से उनकी नौकरी तक खतरे में पड़ जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से बिजली विभाग के कर्मचारी बिल्कुल खुश नहीं हैं. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार अपने कर्मचारियों का हित करने के बजाए विभाग को ही बेचने में लगी हुई है.

गौरतलब है कि बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले का विरोध लगातार उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग के कर्मचारी कर रहे हैं. आज जिले में मशाल जुलूस के माध्यम से कर्मचारियों ने सरकार को नींद से जगाने का प्रयास किया है, ताकि एक सरकारी विभाग को प्राइवेट हाथों में बेचने से रोका जा सके. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तो बड़ा आदोलन होगा.

बस्ती: निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारियों ने संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में जमकर प्रदर्शन किया. बिजली विभाग के जेई और लाइनमैन ने हाथों में मसाल लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोडवेज तक जुलूस निकाला. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार से इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की.

एसडीओ मनोज यादव ने बताया कि बिजली विभाग को निजी हाथों में बेचने का फैसला बिल्कुल गलत है. इस फैसले से विभाग के लाखों कर्मचारियों के साथ-साथ आम लोगों का भी बड़ा नुकसान होगा. लेकिन सरकार है कि उनकी कोई बात सुनने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि यूपी पावर कॉरपोरेशन के निजीकरण से सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा होगा. जो कर्मचारी आज मेहनत से इस विभाग में सालों से काम कर रहे हैं, निजीकरण से उनकी नौकरी तक खतरे में पड़ जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से बिजली विभाग के कर्मचारी बिल्कुल खुश नहीं हैं. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार अपने कर्मचारियों का हित करने के बजाए विभाग को ही बेचने में लगी हुई है.

गौरतलब है कि बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले का विरोध लगातार उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग के कर्मचारी कर रहे हैं. आज जिले में मशाल जुलूस के माध्यम से कर्मचारियों ने सरकार को नींद से जगाने का प्रयास किया है, ताकि एक सरकारी विभाग को प्राइवेट हाथों में बेचने से रोका जा सके. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तो बड़ा आदोलन होगा.

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