बस्ती: सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज के सरकारी दावों की पोल खोलता एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां महिला अस्पताल में डिलेवरी के दैरान डॉक्टर अनीता वर्मा ने प्रसूता की गुदा नली ही काट दी और बिना बताए तीन दिन तक इलाज करती रहीं.
परिजनों ने डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप
- परिजनों का आरोप हैं कि जब प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी तो आनन-फानन में उसे डिस्चार्ज कर दिया गया.
- जब वो घर ले कर पहुंचे तो महिला की हालत और खराब हो गई.
- इसके बाद परिजन प्रसूता को लेकर सीएचसी लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया.
- वहीं, परिजनों ने इसकी शिकायत डीएम राजशेखर से की.
- डीएम के निर्देश पर सीएमएस एके सिंह ने तीन डॉक्टरों की टीम बनाकर जांच के आदेश दे दिए हैं.
क्या है पूरा मामला
- दरअसल, जनपद के थाना लालगंज क्षेत्र के गांव पृथ्वीपुर के रहने वाले प्रमोद कुमार ने 21 मार्च को अपनी गर्भवती पत्नी इन्द्रमती को महिला अस्पताल में भर्ती कराया था.
- प्रमोद ने बताया कि 22 मार्च को उनकी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था.
- महिला के पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी का इलाज करते समय डॉक्टर अनीता वर्मा और स्टॉफ की लापरवाही के कारण पत्नी की गुदा नली कट गई.
- इतना ही नहीं, इसकी सूचना भी तत्काल नहीं दी गई.
- इस दौरान लगातार प्रसूता का रक्त स्राव होता रहा.
चार घंटे बाद घाव की सिलाई की गई. हालांकि इससे कोई फायदा नहीं हुआ. इस कारण पीड़िता शौच करने में असमर्थ हो गई. इसी हालत में मेरी पत्नी को तीन दिन अस्पताल में रखा गया, उसके बाद डिस्चार्ज किया गया. घर पहुचने पर पत्नी को असहनीय पीड़ा होने लगी, जिस पर उसे बगही स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने बताया कि इनकी लैट्रिन की नली फट गई है. डॉक्टर ने वहां से तुरन्त लखनऊ मेडिकल कालेज रेफर कर दिया. जहां उसका इलाज चल रहा है.
-प्रमोद, पीड़िता का पति
पीड़िता के पति ने इस बाबत डीएम और मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है
मामला संज्ञान में आने के बाद तुरंत तीन डॉक्टरों की टीम बना दी गई है, जो जांच करेगी. इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
-एके सिंह, सीएमएस, महिला अस्पताल