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5 साल में 40 करोड़ रुपये खर्च, फिर भी अधूरा है ये अस्पताल - 40 करोड़ खर्च पर अस्पताल अधूरा

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक महिला अस्पताल का निर्माण कार्य 5 साल से चल रहा है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है. निरीक्षण के लिए पहुंचीं डीएम सौम्या अग्रवाल ने कार्यदायी संस्था के ठेकेदारों को जमकर फटकार लगाई.

बस्ती
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Published : Apr 17, 2021, 9:12 PM IST

बस्तीः एक तरफ प्रदेश सरकार अस्पताल को तमाम विकास और सख्ती के दावे करती है, वहीं बस्ती जनपद के हरैया नगर पंचायत में अलग ही नजारा है. यहां 40 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 100 शैय्या महिला अस्पताल पांच वर्षों के बाद भी अधूरा पड़ा है. अस्पताल में अभी तक चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है. पूर्वांचल में महिलाओं के बेहतर इलाज के लिए 100 बेड वाले इस अस्पताल का निर्माण 2015-16 में शुरू तो हो गया लेकिन कार्यदायी संस्था सीएनडीएस 5 वर्ष पूरे होने के बाद भी इस अस्पताल का निर्माण पूरा नहीं कर पाई. सरकार की तरफ से दो वर्ष में अस्पताल का निर्माण कार्य पूर्ण कर अस्पताल खोलने का निर्देश दिया गया था लेकिन कार्यदायी संस्था सीएनडीएस की तरफ से लेटलतीफी का शिकार हुआ यह महिला अस्पताल, आज भी आधे अधूरे में लटका हुआ है.

महिला अस्पताल का निरीक्षण

इसे भी पढ़ेंः डॉ. रोशन जैकब बनीं लखनऊ की प्रभारी डीएम

डीएम ने किया निरीक्षण
डीएम सौम्या अग्रवाल ने शनिवार को 100 शैय्या महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और सीएनडीएस के ठेकेदारों संग बैठक कर अधूरे पड़े अस्पताल के कार्यों का जायजा लिया. पूछा की आखिर क्या कारण है की धन आवंटित होने के बाद भी अभी तक अस्पताल का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया. कार्यदायी संस्था सीएनडीएस के ठेकेदार जिलाधिकारी को कोई भी माकूल जवाब नहीं दे पाए. इस पर जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कड़ी फटकार लगाई और 15 दिन का समय दिया. कहा, 15 दिन के अंदर हर हाल में अस्पताल का कार्य पूर्ण होना चाहिए. मीडिया से बात करते समय जिलाधिकारी ने बताया की अतिशीघ्र अस्पताल का भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा.

बस्तीः एक तरफ प्रदेश सरकार अस्पताल को तमाम विकास और सख्ती के दावे करती है, वहीं बस्ती जनपद के हरैया नगर पंचायत में अलग ही नजारा है. यहां 40 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 100 शैय्या महिला अस्पताल पांच वर्षों के बाद भी अधूरा पड़ा है. अस्पताल में अभी तक चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है. पूर्वांचल में महिलाओं के बेहतर इलाज के लिए 100 बेड वाले इस अस्पताल का निर्माण 2015-16 में शुरू तो हो गया लेकिन कार्यदायी संस्था सीएनडीएस 5 वर्ष पूरे होने के बाद भी इस अस्पताल का निर्माण पूरा नहीं कर पाई. सरकार की तरफ से दो वर्ष में अस्पताल का निर्माण कार्य पूर्ण कर अस्पताल खोलने का निर्देश दिया गया था लेकिन कार्यदायी संस्था सीएनडीएस की तरफ से लेटलतीफी का शिकार हुआ यह महिला अस्पताल, आज भी आधे अधूरे में लटका हुआ है.

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डीएम ने किया निरीक्षण
डीएम सौम्या अग्रवाल ने शनिवार को 100 शैय्या महिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और सीएनडीएस के ठेकेदारों संग बैठक कर अधूरे पड़े अस्पताल के कार्यों का जायजा लिया. पूछा की आखिर क्या कारण है की धन आवंटित होने के बाद भी अभी तक अस्पताल का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया. कार्यदायी संस्था सीएनडीएस के ठेकेदार जिलाधिकारी को कोई भी माकूल जवाब नहीं दे पाए. इस पर जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कड़ी फटकार लगाई और 15 दिन का समय दिया. कहा, 15 दिन के अंदर हर हाल में अस्पताल का कार्य पूर्ण होना चाहिए. मीडिया से बात करते समय जिलाधिकारी ने बताया की अतिशीघ्र अस्पताल का भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा.

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