ETV Bharat / state

बस्ती: मृदा परीक्षण केन्द्र हर्रैया पर DM हुए सख्त, दोषियों पर होगी कार्रवाई - action on agriculture department officials

यूपी के बस्ती जिला स्थित हरैया मृदा परीक्षण केन्द्र पर ताला लटकने की खबर से डीएम ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मृदा परीक्षण से जुड़े अधिकारी फाइलें दुरुस्त करने में व्यस्त हैं.

etv bharat
मृदा परीक्षण केन्द्र हर्रैया पर DM हुये सख्त.
author img

By

Published : Jan 28, 2020, 10:40 AM IST

बस्ती: मृदा परीक्षण केंद्र हर्रैया में तीन साल से ताला लटकने की खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. डीएम ने कृषि अधिकारी को सख्त निर्देश दिए हैं कि मृदा परीक्षण केंद्र हर्रैया का तत्काल निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट उन्हें सौंपें.

मृदा परीक्षण केन्द्र हर्रैया पर DM हुये सख्त.


क्या है मामला
बस्ती जिले में एक मृदा जांच प्रयोगशाला है और दो उप मृदा परीक्षण केंद्र हैं. मुख्य मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में एक साल में मात्र 30 किसानों के भूमि की जांच हुई है, जबकि अन्य दो सेंटरों पर किसी भी किसान के भूमि की जांच नहीं हुई. हर्रैया तहसील में बने मृदा परीक्षण केंद्र पर हमेशा ताला लटका रहता है. इस केंद्र पर जाकर ईटीवी ने पड़ताल की तो देखा कि किसानों की भूमि की जांच करने के बाद जो मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को देने थे, वो नहीं दिए गए. जबकि हजारों कि संख्या में मृदा स्वास्थ्य कार्ड कूड़े के ढेर में पड़े दिखाई दिए.

लक्ष्य के मुताबिक नहीं हुआ मृदा परीक्षण

जिले के इन तीनों सरकारी लैब में किसानों के खेत की मिट्टी की जांच होती है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में मृदा नमूना लिए जाने का 37,000 का लक्ष्य मिला था. उनमें से कुछ किसानों के खेत के भूमि की जांच विभाग ने कराई है, जबकि जिले के पांच लाख किसान में से महज 30 किसान खुद मृदा जांच करवाने सेंटर आए. वहीं विभाग की फाइलों में 31,000 किसानों के खेत की भूमि की जांच करने का रिकॉर्ड दर्ज है. जांच के बाद अब तक प्रयोगशाला ने 30,900 का रिपोर्ट कार्ड जारी कर दिया है, जिन्हें किसानों में वितरित किया जा चुका है.

उर्वरा तत्व की जांच कर जारी किए जाते हैं मृदा स्वास्थ्य कार्ड

किसानों को जो कार्ड जारी किया जाता है, उसमें भूमि में उर्वरा तत्व की कमी और अधिकता के बारे में बताया गया है. वहीं सहायक निदेशक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला प्रभारी प्रदीप चौधरी ने बताया कि लैब में मिट्टी की जांच नियमानुसार होती है, गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है. मिट्टी की जांच के लिए मानक तय हैं. ढाई हेक्टेयर ग्रिड में से किसी एक खेत से मिट्टी का नमूना लिया जाता है. नमूना लेते समय वहां के किसानों को एकत्र किया जाता है. उनके नाम दर्ज किए जाते हैं. वहीं परीक्षण के बाद ग्रिड में शामिल किसानों को उनकी मिट्टी की सेहत के बारे में बताया जाता है और सभी को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाता है. कार्ड के अनुसार खेत में कमजोर तत्वों की आपूर्ति किसान करते हैं.

उपजाऊ खेत की मिट्टी में 16 तत्वों की जांच कराई जाती है. बस्ती में क्षेत्रीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, हर्रैया और भानपुर में तहसील स्तर पर जांच होती है. तहसील स्तर पर छह तत्वों की जांच होती है, जिसमें पोएस, ईसी, आर्गेनिक कार्बन डीसी, उपलब्ध नाइट्रोजन एन, फास्फोरस पी, पोटैशियम की जांच शामिल है, जबकि क्षेत्रीय प्रयोगशाला में सल्फर एस, जिंक जेडएन, बोरोन बी, आयरन एफई, मैंगनीज एमएन, कापर सीयू की जांच होती है.

यह बहुत गंभीर प्रकरण है कि जहां पर किसानों के खेती की भूमि का परीक्षण किया जाता है, वह केंद्र उपेक्षा का शिकार है. इस मामले में दोषी कर्मचारियों पर उनके द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी.

-आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी

बस्ती: मृदा परीक्षण केंद्र हर्रैया में तीन साल से ताला लटकने की खबर प्रकाशित होने के बाद जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. डीएम ने कृषि अधिकारी को सख्त निर्देश दिए हैं कि मृदा परीक्षण केंद्र हर्रैया का तत्काल निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट उन्हें सौंपें.

मृदा परीक्षण केन्द्र हर्रैया पर DM हुये सख्त.


क्या है मामला
बस्ती जिले में एक मृदा जांच प्रयोगशाला है और दो उप मृदा परीक्षण केंद्र हैं. मुख्य मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में एक साल में मात्र 30 किसानों के भूमि की जांच हुई है, जबकि अन्य दो सेंटरों पर किसी भी किसान के भूमि की जांच नहीं हुई. हर्रैया तहसील में बने मृदा परीक्षण केंद्र पर हमेशा ताला लटका रहता है. इस केंद्र पर जाकर ईटीवी ने पड़ताल की तो देखा कि किसानों की भूमि की जांच करने के बाद जो मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को देने थे, वो नहीं दिए गए. जबकि हजारों कि संख्या में मृदा स्वास्थ्य कार्ड कूड़े के ढेर में पड़े दिखाई दिए.

लक्ष्य के मुताबिक नहीं हुआ मृदा परीक्षण

जिले के इन तीनों सरकारी लैब में किसानों के खेत की मिट्टी की जांच होती है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में मृदा नमूना लिए जाने का 37,000 का लक्ष्य मिला था. उनमें से कुछ किसानों के खेत के भूमि की जांच विभाग ने कराई है, जबकि जिले के पांच लाख किसान में से महज 30 किसान खुद मृदा जांच करवाने सेंटर आए. वहीं विभाग की फाइलों में 31,000 किसानों के खेत की भूमि की जांच करने का रिकॉर्ड दर्ज है. जांच के बाद अब तक प्रयोगशाला ने 30,900 का रिपोर्ट कार्ड जारी कर दिया है, जिन्हें किसानों में वितरित किया जा चुका है.

उर्वरा तत्व की जांच कर जारी किए जाते हैं मृदा स्वास्थ्य कार्ड

किसानों को जो कार्ड जारी किया जाता है, उसमें भूमि में उर्वरा तत्व की कमी और अधिकता के बारे में बताया गया है. वहीं सहायक निदेशक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला प्रभारी प्रदीप चौधरी ने बताया कि लैब में मिट्टी की जांच नियमानुसार होती है, गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है. मिट्टी की जांच के लिए मानक तय हैं. ढाई हेक्टेयर ग्रिड में से किसी एक खेत से मिट्टी का नमूना लिया जाता है. नमूना लेते समय वहां के किसानों को एकत्र किया जाता है. उनके नाम दर्ज किए जाते हैं. वहीं परीक्षण के बाद ग्रिड में शामिल किसानों को उनकी मिट्टी की सेहत के बारे में बताया जाता है और सभी को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाता है. कार्ड के अनुसार खेत में कमजोर तत्वों की आपूर्ति किसान करते हैं.

उपजाऊ खेत की मिट्टी में 16 तत्वों की जांच कराई जाती है. बस्ती में क्षेत्रीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, हर्रैया और भानपुर में तहसील स्तर पर जांच होती है. तहसील स्तर पर छह तत्वों की जांच होती है, जिसमें पोएस, ईसी, आर्गेनिक कार्बन डीसी, उपलब्ध नाइट्रोजन एन, फास्फोरस पी, पोटैशियम की जांच शामिल है, जबकि क्षेत्रीय प्रयोगशाला में सल्फर एस, जिंक जेडएन, बोरोन बी, आयरन एफई, मैंगनीज एमएन, कापर सीयू की जांच होती है.

यह बहुत गंभीर प्रकरण है कि जहां पर किसानों के खेती की भूमि का परीक्षण किया जाता है, वह केंद्र उपेक्षा का शिकार है. इस मामले में दोषी कर्मचारियों पर उनके द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी.

-आशुतोष निरंजन, जिलाधिकारी

Intro:रिपोर्ट - सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो -9889557333

स्लग - मृदा परिक्षण मे गोलमाल पर डीएम हुये सख्त, कार्यवाही का दिया निर्देश

एंकर -मृदा परीक्षण केंदृ हर्रैया मे 3साल से ताला लटकने की खबर प्रसारित होने के बाद जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन है कार्यवाही शुरू कर दी है डीएम ने कृषि अधिकारी को सख्त निर्देश दिया है कि मृदा परीक्षण केंद्र हरिया का तत्काल निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट उन्हें सौंपा साथिया भी बताया जाए उन्हें कि उस केंद्र पर कितने कर्मचारी और कब से तैनात हैं और वह क्या काम करते हैं डीएम ने कहा कि यह बहुत गंभीर प्रकरण है कि जहां पर किसानों के खेती की भूमिका परीक्षण किया जाता है वह केंद्र उपेक्षा का शिकार है इस मामले में दोषी कर्मचारियों पर उनके द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ये था मामला,

बस्ती जनपद में जब मृदा परीक्षण अभियान की हमारे संवाददाता ने तहकीकात की तो पता चला कि जनपद में एक मृदा जांच प्रयोगशाला है और दो उप मृदा परीक्षण केंद्र है, मुख्य मृदा परीक्षण प्रयोगशाला में तो किसानो कि एक साल में मात्र 30 किसानो के भूमि की जांच हुई है जब कि अन्य दो सेंटरों पर किसी भी किसान के भूमि की जांच नहीं हुई। हरैया तहसील में बने मृदा परीक्षण केंद्र पर हमेशा ताला लटका रहता है और इस केंद्र पर जब हमारे संवाददाता पहुंचे तो देखा कि जिन कार्डो को किसानो कि भूमि की जांच करने के बाद उन कार्ड को तहसील के किसानो को देना था वो नहीं दिए गए और आज हजारों कि संख्या में मृदा स्वास्थ्य कार्ड कूड़े में पड़े है। जिले के इन तीनों सरकारी लैब में किसानो के खेत की मिट्टी की जांच होती है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में मृदा नमूना लिए जाने का 37000 का लक्ष्य मिला था। किसानो के खेत के भूमि की जांच विभाग के द्वारा कराई गई है जब की जिले के 5 लाख किसान में से मात्र 30 किसान खुद जांच करवाने आए। विभाग के फाइलों में 31000 किसानो के खेत की भूमि की अपने स्तर से जांच कराई है और जांच के बाद अब तक प्रयोगशाला ने 30900 का रिपोर्ट कार्ड जारी कर दिया है। जिन्हें किसानों में वितरित किया जा चुका है। किसानों को जो कार्ड जारी किया जाता है उसमें तत्व की कमी और अधिकता के बारे में बताया गया है। सहायक निदेशक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला प्रभारी प्रदीप चौधरी ने बताया कि यहां सरकारी लैब है, मिट्टी की जांच नियमानुसार होती है। गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है।

मिट्टी की जांच के लिए मानक तय हैं। ढाई हेक्टेयर ग्रिड में से किसी एक खेत से मिट्टी का नमूना लिया जाता है। नमूना लेते समय वहां के किसानों को एकत्र किया जाता है। उनके नाम दर्ज किए जाते हैं। परीक्षण के बाद ग्रिड में शामिल किसानों को उनकी मिट्टी की सेहत के बारे में बताया जाता है। कार्ड सभी को जारी किया जाता है। कार्ड के अनुसार खेत में कमजोर तत्वों की आपूर्ति किसान करते हैं। विभाग के अनुसार ढाई हेक्टेयर क्षेत्र की सारी मिट्टी एक समान होती है।


Body:उपजाऊ खेत की मिट्टी में 16 तत्वों की जांच कराई जाती है। बस्ती में क्षेत्रीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, हर्रैया व भानपुर में तहसील स्तर पर जांच होती है। तहसील स्तर पर छह तत्वों की जांच होती है, जिसमें पोएस, ईसी, आर्गेनिक कार्बन डीसी, उपलब्ध नाइट्रोजन एन, फास्फोरस पी, पोटैशियम की जांच शामिल है, जबकि क्षेत्रीय प्रयोगशाला में सल्फर एस, जिंक जेडएन, बोरोन बी, आयरन एफई, मैंगनीज एमएन, कापर सीयू की जांच होती है। जो चार तत्व बचते हैं 12 जांच में उनको कवर कर लिया जाता है।

बाइट - प्रदीप चौधरी,,, हेड प्रयोगशाला
बाइट - किसान
बाइट - किसान


बस्ती यूपी


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.