बस्ती: शहर के वार्डों की सूरत बदलने के लिए भले ही लाखों रुपये खर्च हुए हो, लेकिन जमीनी हकीकत पर वही बजबजाती गंदगी है. अभी भी कई वार्ड ऐसे हैं जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए हैं. इन्हीं वार्डों में से एक है वार्ड नंबर 6 चाईपूरवा. टूटी सड़क, घरों के सामने बजबजाती गंदगी, कूड़े का ढेर, चोक नालियां और उनसे उठती दुर्गंध से लोग कई सालों से परेशान हैं. लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है. इतना ही नहीं 3 साल में हुए 9 मौतों के बाद डीएम ने नगर पालिका को समस्या के निराकरण का लिखित निर्देश भी दिया, लेकिन पालिका ने उसे भी दरकिनार कर दिया.
गंदगी के कारण एक ही परिवार के 6 लोगों की हो चुकी है मौत
रेलवे स्टेशन से सटे इस वार्ड में प्रवेश करते ही टूटी सड़कें आपको दिख जाएंगी. जगह-जगह बिखरे कूड़े स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं. वार्ड की महिला निवासी ने बताया कि हल्की बारिश में भी उनके घर के सामने पानी भर जाता है. महिला कहती है कि यदि खुद न सफाई की जाए तो कभी कूड़ा उठता ही नहीं. उन्होंने बताया कि गंदगी की वजह से परिवार के छह लोगों की मौत बीते सालों में हो चुकी है. आलम ये है कि घर के अंदर पानी घुस रहा है. जलजमाव के कारण डर लगा रहता है.
कई बार की गई शिकायत
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार डीएम, एडीएम, ईओ से कहा गया लेकिन, कोई सुनवाई नही हुई. लोगों ने बताया कि गन्दगी से मौतों की सूचना को तत्कालीन डीएम ने संज्ञान में लेकर ईओ नगरपालिका को नाली बनाने और जलनिकासी की व्यवस्था बनाने के निर्देश दि, लेकिन नगरपालिका ने कुछ नहींकिया. साथ ही यह भी कहा कि नाली को लेकर रेलवे से विवाद चल रहा था, जिसमें फैसला हमारे पक्ष में आया. विवाद के दौरान ही रेलवे ने नाली पटवा दी थी. जिसके बाद जलजमाव की स्थिति और बदतर हो गयी.
बता दें कि गंदगी की वजह से हैंडपम्प का पानी भी खराब हो चुका है. जिसको पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. ऐसे में या तो पानी खरीदना पड़ रहा है या फिर 2 सौ मीटर दूर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है. इलाके में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे मोहल्ले में दहशत का माहौल कि कहीं संक्रामक बीमारियां फिर किसी की जान न ले लें.