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बस्ती: गंदगी के कारण हो रही हैं मौतें, प्रशासन बेखबर

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में चाईपूरवा के वार्ड नंबर 6 में गंदगी का अंबार लगा है. इसकी वजह से यहां के कई परिवार ने अपनों को खो दिया है.

गलियों में भरा बारिश का पानी.
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Published : Aug 8, 2019, 5:35 AM IST

बस्ती: शहर के वार्डों की सूरत बदलने के लिए भले ही लाखों रुपये खर्च हुए हो, लेकिन जमीनी हकीकत पर वही बजबजाती गंदगी है. अभी भी कई वार्ड ऐसे हैं जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए हैं. इन्हीं वार्डों में से एक है वार्ड नंबर 6 चाईपूरवा. टूटी सड़क, घरों के सामने बजबजाती गंदगी, कूड़े का ढेर, चोक नालियां और उनसे उठती दुर्गंध से लोग कई सालों से परेशान हैं. लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है. इतना ही नहीं 3 साल में हुए 9 मौतों के बाद डीएम ने नगर पालिका को समस्या के निराकरण का लिखित निर्देश भी दिया, लेकिन पालिका ने उसे भी दरकिनार कर दिया.

गंदगी से हो रही परेशानियों को बताते स्थानीय निवासी.


गंदगी के कारण एक ही परिवार के 6 लोगों की हो चुकी है मौत
रेलवे स्टेशन से सटे इस वार्ड में प्रवेश करते ही टूटी सड़कें आपको दिख जाएंगी. जगह-जगह बिखरे कूड़े स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं. वार्ड की महिला निवासी ने बताया कि हल्की बारिश में भी उनके घर के सामने पानी भर जाता है. महिला कहती है कि यदि खुद न सफाई की जाए तो कभी कूड़ा उठता ही नहीं. उन्होंने बताया कि गंदगी की वजह से परिवार के छह लोगों की मौत बीते सालों में हो चुकी है. आलम ये है कि घर के अंदर पानी घुस रहा है. जलजमाव के कारण डर लगा रहता है.


कई बार की गई शिकायत

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार डीएम, एडीएम, ईओ से कहा गया लेकिन, कोई सुनवाई नही हुई. लोगों ने बताया कि गन्दगी से मौतों की सूचना को तत्कालीन डीएम ने संज्ञान में लेकर ईओ नगरपालिका को नाली बनाने और जलनिकासी की व्यवस्था बनाने के निर्देश दि, लेकिन नगरपालिका ने कुछ नहींकिया. साथ ही यह भी कहा कि नाली को लेकर रेलवे से विवाद चल रहा था, जिसमें फैसला हमारे पक्ष में आया. विवाद के दौरान ही रेलवे ने नाली पटवा दी थी. जिसके बाद जलजमाव की स्थिति और बदतर हो गयी.

बता दें कि गंदगी की वजह से हैंडपम्प का पानी भी खराब हो चुका है. जिसको पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. ऐसे में या तो पानी खरीदना पड़ रहा है या फिर 2 सौ मीटर दूर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है. इलाके में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे मोहल्ले में दहशत का माहौल कि कहीं संक्रामक बीमारियां फिर किसी की जान न ले लें.

बस्ती: शहर के वार्डों की सूरत बदलने के लिए भले ही लाखों रुपये खर्च हुए हो, लेकिन जमीनी हकीकत पर वही बजबजाती गंदगी है. अभी भी कई वार्ड ऐसे हैं जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए हैं. इन्हीं वार्डों में से एक है वार्ड नंबर 6 चाईपूरवा. टूटी सड़क, घरों के सामने बजबजाती गंदगी, कूड़े का ढेर, चोक नालियां और उनसे उठती दुर्गंध से लोग कई सालों से परेशान हैं. लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है. इतना ही नहीं 3 साल में हुए 9 मौतों के बाद डीएम ने नगर पालिका को समस्या के निराकरण का लिखित निर्देश भी दिया, लेकिन पालिका ने उसे भी दरकिनार कर दिया.

गंदगी से हो रही परेशानियों को बताते स्थानीय निवासी.


गंदगी के कारण एक ही परिवार के 6 लोगों की हो चुकी है मौत
रेलवे स्टेशन से सटे इस वार्ड में प्रवेश करते ही टूटी सड़कें आपको दिख जाएंगी. जगह-जगह बिखरे कूड़े स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं. वार्ड की महिला निवासी ने बताया कि हल्की बारिश में भी उनके घर के सामने पानी भर जाता है. महिला कहती है कि यदि खुद न सफाई की जाए तो कभी कूड़ा उठता ही नहीं. उन्होंने बताया कि गंदगी की वजह से परिवार के छह लोगों की मौत बीते सालों में हो चुकी है. आलम ये है कि घर के अंदर पानी घुस रहा है. जलजमाव के कारण डर लगा रहता है.


कई बार की गई शिकायत

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार डीएम, एडीएम, ईओ से कहा गया लेकिन, कोई सुनवाई नही हुई. लोगों ने बताया कि गन्दगी से मौतों की सूचना को तत्कालीन डीएम ने संज्ञान में लेकर ईओ नगरपालिका को नाली बनाने और जलनिकासी की व्यवस्था बनाने के निर्देश दि, लेकिन नगरपालिका ने कुछ नहींकिया. साथ ही यह भी कहा कि नाली को लेकर रेलवे से विवाद चल रहा था, जिसमें फैसला हमारे पक्ष में आया. विवाद के दौरान ही रेलवे ने नाली पटवा दी थी. जिसके बाद जलजमाव की स्थिति और बदतर हो गयी.

बता दें कि गंदगी की वजह से हैंडपम्प का पानी भी खराब हो चुका है. जिसको पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं. ऐसे में या तो पानी खरीदना पड़ रहा है या फिर 2 सौ मीटर दूर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है. इलाके में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे मोहल्ले में दहशत का माहौल कि कहीं संक्रामक बीमारियां फिर किसी की जान न ले लें.

Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

मौत की बस्ती
बस्ती: शहर के वार्डों की सूरत बदलने के लिए भले ही लाखों रुपये खर्च हुए हों, लेकिन जमीनी हकीकत वही बजबजाती गंदगी है. अभी भी कई वार्ड ऐसे हैं जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए हैं. इन्हीं वार्डों में से एक है वार्ड नंबर 6 चाईपूरवा. यहां कई परिवार ऐसे हैं जो गंदगी की वजह से अपने परिवार के लोगों को खो चुके हैं.

टूटी सड़क, घरों के सामने बजबजाती गंदगी, कूड़े का ढेर, चोक नालियां और उनसे उठती दुर्गंध से लोग कई सालों से परेशान हैं, लेकिन जिम्मेदारों का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है. इतना ही नहीं 3 साल में हुए 9 मौतों के बाद डीएम ने नगर पालिका को समस्या के निराकरण का लिखित निर्देश भी दिया लेकिन पालिका ने उसे भी दरकिनार कर दिया.

Body:रेलवे स्टेशन से सटे इस वार्ड में प्रवेश करते ही टूटी सड़कें आपको दिख जाएंगी. जगह-जगह बिखरे कूड़े स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं. वार्ड की निवासी महिला ने बताया कि हलकी बारिश में भी उनके घर के सामने पानी भर जाता है. कहती हैं कि यदि खुद न सफाई की जाए तो कभी कूड़ा उठता ही नहीं. उन्होंने बताया कि गंदगी की वजह से परिवार के छह लोगों की मौत बीते सालों में हो चुकी है. आलम ये है कि घर के अंदर पानी घुस रहा है. जलजमाव के कारण डर लगा रहता है.

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार डीएम, एडीएम, ईओ से कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नही हुई. उन्होंने बताया किगन्दगी से मौतों के तत्कालीन डीएम ने संज्ञान लेकर ईओ नगर पालिका को नाली बनाने और जलनिकासी की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए लेकिन पालिका ने इसके बावजूद कुछ नही किया.

Conclusion:लोगों ने बताया कि नाली को लेकर रेलवे से विवाद चल रहा था जिसमें फैसला हमारे पक्ष में आया. विवाद के दौरान ही रेलवे ने नाली पटवा दी थी. जिसके बाद जलजमाव की स्थिति और बदतर हो गयी.

उन्होंने बताया की गंदगी कि वजह से हैंडपम्प का पानी भी खराब हो चुका है. जिसको पीने से लोग बीमार पड़ रहे है. ऐसे में या तो पानी खरीदना पड़ता है या फिर 2 सौ मीटर दूर से पानी ढो कर लेते हैं. स्थानीय लोगो ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे पूरे मोहल्ले में दहशत है कि कहीं संक्रामक बीमारियां फिर किसी की जान न लें.

वही इस बाबत ईओ नगर पालिका अखिलेश कुमार ने कहा कि सड़क और नाली न होने की वजह से समस्या आ रही है. हम जल्द से जल्द इसके लिए बजट की व्यवस्था कर के नाली का निर्माण कराएंगे. हालांकि इन सबमे थोड़ा समय लगेगा लेकिन तब तक हम इस समस्या का तत्कालीन समाधान निकलेंगे ताकि लोगों की समस्या कुछ कम हो सके.

बाइट....सदानन्द ओझा, स्थानीय
बाइट....जगदीश अरोरा, स्थानीय
बाइट....दीप माला, स्थानीय
बाइट....शिव कुमार श्रीवास्तव, स्थानीय
बाइट....ईओ नगर पालिका, अखिलेश (ये बाइट मोजो से भेजी गई है)
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