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बस्ती: स्कूल नहीं आतीं मैडम, लेकिन खाते में जा रहा वेतन

उत्तर प्रदेश के बस्ती में शिक्षकों का गोरखधंधा सामने आया है. शिक्षक जहां सालों से विद्यालय न जाकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. वहीं, इसके बावजूद मिली भगत से उनके खाते में लगातार वेतन जा रहा है.

प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़.
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Published : Aug 23, 2019, 3:25 PM IST

बस्ती: सूबे में बेसिक शिक्षा व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. इसके लिए जितनी जिम्मेदार सरकार है उससे कहीं ज्यादा वो शिक्षक हैं जो मोटा वेतन लेकर भी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने नहीं जाते है. मामला जिले के विकास खंड गौर का है, जहां के प्राथमिक स्कूल बैरीखाला में तैनात एक महिला शिक्षामित्र 2 सालों से पढ़ाने नहीं गई. इसके बावजूद मिली भगत से उनके खाते में लगातार वेतन जा रहा है.

प्रधान ने की इसकी शिकायत-
दरअसल ग्राम प्रधान जीतपुर उमेश चंद्र ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर इस बात का जानकारी दी. कि शिक्षा मित्र प्रतिभा शुक्ला द्वितीय दो साल से स्कूल नहीं आई हैं. प्रधानाध्यापक और खण्ड शिक्षाधिकारी की मिलीभगत से लगातार वेतन उनके खाते में जा रहा है. वहीं, प्रधानाध्यापक विद्यालय के विकास के लिए मिलने वाले पैसे का बंदरबाट कर रहे हैं.

प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़.
स्कूल से नदारत मिली शिक्षका-जब मौके पर पहुंचकर इस बात की सच्चाई का पता लगाया गया. शिक्षामित्र प्रतिभा शुक्ला द्वितीय विद्यालय से नदारद मिलीं. जब उनके बारे में बच्चों से पूछा गया तो, बच्चों ने बताया कि दीदी चार-पांच बार के बाद कभी स्कूल पढ़ाने नहीं आईं...

जर्जर हालत में पड़ा स्कूल-
वहींं, विद्यालय भी अपनी जर्जरता पर आंसू बहा रहा है. कमरों की छतों पर दरारें पड़ गई है, जमीन का फर्श उखड़ा आया है. इतना ही नहीं बच्चों को अभी तक ड्रेस, जूते और किताबों भी नहीं मिले हैं. इस बारे में बच्चों का कहना है कि रोज पूछने पर हमें कल कहकर टाल दिया जाता है. मामले के संज्ञान में आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई की बात कही है. लेकिन इस तरह सालों विद्यालय से शिक्षकों का गायब रहना, कहीं व कहीं शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े करता है.

यह भी पढ़े: बस्ती: एडीएम की कार को रोक कर सैंकड़ों महिलाओं ने मांगा आवास, कार्रवाई के बाद छोड़ा

बस्ती: सूबे में बेसिक शिक्षा व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. इसके लिए जितनी जिम्मेदार सरकार है उससे कहीं ज्यादा वो शिक्षक हैं जो मोटा वेतन लेकर भी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने नहीं जाते है. मामला जिले के विकास खंड गौर का है, जहां के प्राथमिक स्कूल बैरीखाला में तैनात एक महिला शिक्षामित्र 2 सालों से पढ़ाने नहीं गई. इसके बावजूद मिली भगत से उनके खाते में लगातार वेतन जा रहा है.

प्रधान ने की इसकी शिकायत-
दरअसल ग्राम प्रधान जीतपुर उमेश चंद्र ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर इस बात का जानकारी दी. कि शिक्षा मित्र प्रतिभा शुक्ला द्वितीय दो साल से स्कूल नहीं आई हैं. प्रधानाध्यापक और खण्ड शिक्षाधिकारी की मिलीभगत से लगातार वेतन उनके खाते में जा रहा है. वहीं, प्रधानाध्यापक विद्यालय के विकास के लिए मिलने वाले पैसे का बंदरबाट कर रहे हैं.

प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़.
स्कूल से नदारत मिली शिक्षका-जब मौके पर पहुंचकर इस बात की सच्चाई का पता लगाया गया. शिक्षामित्र प्रतिभा शुक्ला द्वितीय विद्यालय से नदारद मिलीं. जब उनके बारे में बच्चों से पूछा गया तो, बच्चों ने बताया कि दीदी चार-पांच बार के बाद कभी स्कूल पढ़ाने नहीं आईं...

जर्जर हालत में पड़ा स्कूल-
वहींं, विद्यालय भी अपनी जर्जरता पर आंसू बहा रहा है. कमरों की छतों पर दरारें पड़ गई है, जमीन का फर्श उखड़ा आया है. इतना ही नहीं बच्चों को अभी तक ड्रेस, जूते और किताबों भी नहीं मिले हैं. इस बारे में बच्चों का कहना है कि रोज पूछने पर हमें कल कहकर टाल दिया जाता है. मामले के संज्ञान में आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई की बात कही है. लेकिन इस तरह सालों विद्यालय से शिक्षकों का गायब रहना, कहीं व कहीं शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े करता है.

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Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: सूबे में बेसिक शिक्षा व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नही हैं. इसके लिए जितनी जिम्मेवार सरकार है उससे कहीं ज्यादा वो शिक्षक है जो मोटा वेतन ले रहे हैं और पढ़ाने ही नही जाते.

जी हां ये मामला बस्ती जनपद के विकास खंड गौर का है, जहां एक महिला शिक्षामित्र 2 साल से विद्यालय ही नहीं आयीं, लेकिन वेतन खाते में जा रहा है. और यह सब प्रधानाध्यापक और खण्ड शिक्षाधिकारी की मिलीभगत से हो रहा है.

Body: 25 जून से नया शिक्षण सत्र शुरू हो चुका है. जब हमने शिक्षा व्यवस्था को लेकर पड़ताल की तो शिक्षकों का ये गोरखधंधा सामने आया. जनपद के गौर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बैरीखाला की हालत जर्जर है. यहां तैनात शिक्षामित्र प्रतिभा शुक्ला द्वितीय स्कूल से नदारद रहती हैं.

दरअसल ग्राम प्रधान गयाजीतपुर उमेश चंद्र ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर बैरीखावा के शिक्षामित्र और प्रधानाध्यापक रामलखन दुबे पर गम्भीर आरोप लगाये हैं. प्रधान ने आरोप लगाया है कि शिक्षा मित्र प्रतिभा शुक्ला द्वितीय दो साल से विद्यालय नही आई हैं.

साथ ही उन्होंने प्रधानाध्यापक पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है. पत्र में उन्होंने प्रधानाध्यापक पर शौचालय निर्माण में गबन किया, खेल किट नही खरीदा गया, पुस्तकालय के लिए किताबें नही खरीदी गई और कम्पोजिट ग्रांट के पैसे के बंदरबाट का आरोप लगाया है.

Conclusion:वहीं जब हमने विद्यालय पर पहुचकर देखा तो शिक्षामित्र प्रतिभा शुक्ला द्वितीय नदारद मिलीं. वहां मौजूद शिक्षिकाएं कोई अवकाश पत्र नही दिखा सकीं. छात्रों ने बताया कि बस्ती वाली दीदी यानि प्रतिभा शुक्ला द्वितीय, चार पांच बार छोड़कर कभी विद्यालय नही आती है.

इतना ही नही मीडिया के आने की खबर मिलते ही प्रधानाचार्य रामलखन दूबे जरूरी काम के बहाने विद्यालय से गायब हो गए और रजिस्टर भी छुपा गए. वहीं जब हमें विद्यालय की स्थिति काफी जर्जर मिली. कमरे के छत में दरारें और उखड़ा हुआ फर्श किसी हादसे का संकेत दे रहा था. रसोई में गैस भी गायब मिला. पुस्तकालय के नाम पर एक भी पुस्तक नही दिखी. खेल का सामान भी मौजूद नही था. इतना ही नही बच्चों ने बताया कि अभी तक ड्रेस, जूते और किताबो का वितरण भी नही हुआ है.

अब ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे ये शिक्षक अपनी ड्यूटी से गायब रहते हैं और शिक्षा विभाग को जानकारी ही नही है. कैसे प्रधानाचार्य सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहा है और किसी अधिकारी को जानकारी ही नही है. इसमें सबसे बड़ी मिलीभगत खण्ड शिक्षा अधिकारी की है, जिनके ऊपर निरीक्षण की जिम्मेदारी होती है.

इस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार ने कहा कि जो भी शिक्षक गैरहाजिर रहते हैं, उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही खंड शिक्षा अधिकारियों की भी इसमें लापरवाही पाई जाती है तो उनके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी.

विजुअल...बैरीखावा प्राथमिक स्कूल
बाइट...छात्र
बाइट...बीएसए, अरुण कुमार

डेस्क ध्यानार्थ: विजुअल और छात्रों की बाइट मोज़ों से भेजी गई है. कृपया उठाने का कष्ट करें.
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