बस्ती: देश में 34 साल बाद केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है. जिसको लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार की आलोचना कर रहा है. कांग्रेस लगातार देश की नई शिक्षा नीति को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. रविवार को बस्ती जनपद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देश की नई शिक्षा नीति के खिलाफ रोडवेज के नेहरू तिराहे पर प्रदर्शन कर विरोध जताया. इस दौरान कांग्रेसियों ने नई शिक्षा नीति की प्रतियों को जलाकर जमकर नारेबाजी की.
महत्वपूर्ण बिंदु-
- नई शिक्षा नीति के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
- कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ बोला हमला
- 34 साल बाद मोदी सरकार ने किया है देश की शिक्षा नीति में बदलाव
इस मौके पर कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश सचिव नोमान ने कहा कि, मोदी सरकार संविधान को बर्बाद करने पर तुली है. संविधान की धारा 21ए में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का मौलिक अधिकार है. नई शिक्षा नीति इस अधिकार का हनन कर रही है. इस नीति से सरकार शिक्षा पर अपने दायित्व से पल्ला झाड़ते हुए शिक्षा के बाजारीकरण का मार्ग प्रशस्त कर रही है.
नई शिक्षा नीति का विरोध करते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा शिक्षा को मुफ्त करना चाहिए. जिससे गरीबों के बच्चे भी पढ़ कर आगे बढ़ सकें, लेकिन सरकार शिक्षा को इतना मंहगी कर रही है कि, गरीब का बच्चा न तो पढ़ पाएगा, न आगे बढ़ पाएगा. मोदी सरकार ने गरीब को सबसे निचले पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है. देश में अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. जीडीपी माइनस में चला गया है. महंगाई चरम पर है, छोटे व्यापार खत्म हो रहे हैं. ऐसे में आम आदमी अपना जीवन यापन कैसे करेगा. सरकार हर मामले में पूरी तरह फेल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार देश मे अशिक्षा लाना चाहती है, ताकि देश का युवा गुलाम रहे, इनसे सवाल न पूछ सके. हम यह मांग करते हैं कि इस शिक्षा नीति को रद्द कर पुरानी शिक्षा नीति ही चलाई जाए.