बस्ती: पूरा जीवन हिन्दुत्व और गोवंशों की सुरक्षा को जीवन समर्पित करने वाले हिंदु युवा वाहिनी के जिला प्रभारी रहे अज्जू हिन्दुस्तानी की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. इतना ही नहीं, कुदरत के कहर ने उनकी सगी बहन को उसी दिन छीन लिया. वहीं उनकी मां की मंगलवार को कोविड-19 इलाज के दौरान मौत हो गयी थी. अज्जू मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी बताए जाते थे, लेकिन परिवार पर इतनी बड़ी विपत्ति के बावजूद कोई खास सरकारी मदद नहीं मिली. इसको लेकर शुक्रवार से ही समाजसेवी और कांग्रेस नेता राना दिनेश प्रताप सिंह ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है.
राना दिनेश सिंह ने कहा कि अज्जू हिन्दुस्तानी के परिवार को सरकार एक करोड़ की आर्थिक मदद और उनकी पत्नी को योग्यता अनुसार सम्मानजनक सरकारी नौकरी दे. उन्होंने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, भूख हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा अलग होने के बावजूद यह आंदोलन एक सामाजिक कार्यकर्ता के परिवार के लिए है, जो आज मुसीबतों से जूझ रहा है.
उन्होंने कहा कि अज्जू हिंदुस्तानी के परिवार में सिर्फ 6 साल का बच्चा, विधवा पत्नी और 70 साल के बुजुर्ग पिता हैं. ऐसे में घर कैसे चलेगा, बड़ा सवाल यही है. उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ और जिला प्रशासन को ईमेल से अपने फैसले को बता चुके हैं. अज्जू की मौत कोरोना से होने वाली सामान्य मौत नहीं है. उन्होंने दो दशकों से सार्वजनिक जीवन में खुद को झोंक दिया था.
कोरोना में लोगों की मदद और जागरूक करते हुए उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ. वह एक कोरोना योद्धा थे. अज्जू का कोई व्यापार अथवा रोजगार नहीं था, न ही कोई चल-अचल संपत्ति है, जिससे परिवार का भरण-पोषण हो सके. इसलिए सरकार को आगे आकर मदद करनी चाहिए. बता दें कि अज्जू हिंदुस्तानी की मौत के बाद सांसद हरिश द्विवेदी ने एक लाख और विधायक राघवेंद्र सिंह ने 5 लाख की आर्थिक मदद की थी.