बस्ती: जिले के सांसद, विधायक और अधिकारी ने 5 साल की बच्ची माही के इलाज के लिए भले ही मुंह फेर लिया हो, लेकिन अब समाज ने इस बच्ची के इलाज का जिम्मा उठाया है. एक चैरिटी शो के माध्यम से लगभग पांच लाख रुपये माही के इलाज के लिए इकट्ठा किए गए.
समाजसेवी ने की बच्ची माही की जान बचाने की पहल
समाजसेवी राणा दिनेश प्रताप सिंह की पहल के बाद सोमवार को एक चैरिटी शो का आयोजन किया गया, जिसका नाम दिया गया- 'आओ नया साल मनाएं, बेटी माही का जीवन बचाएं'. शो शुरू होते ही बस्ती के हर वर्ग के लोगों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और यथासंभव माही के इलाज के लिए दान दिया.
मासूम माही के दिल में है छेद
दरअसल, माही के दिल में छेद है, जिसके इलाज के लिए डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी थी, लेकिन ऑपरेशन की फीस साढ़े तीन लाख रुपये होने की वजह से माही के पिता राजेंद्र अपनी बेटी का इलाज नहीं करवा पा रहे थे, जिस वजह से माही की जिंदगी पर खतरा मंडरा रहा था.
6 महीने के अंदर होना चाहिए ऑपरेशन
डॉक्टरों के मुताबिक अगर 6 महीने के अंदर माही के दिल की बीमारी का इलाज नहीं हुआ तो उसका जीवन बचाना मुश्किल हो जाएगा. लेकिन इस चैरिटी शो से इकट्ठे पैसे से माही के दिल की बीमारी का ऑपरेशन होगा और माही भी एक नई जिंदगी जी सकेगी.
सांसद, विधायक और जिलाधिकारी ने नहीं दिया बच्ची पर ध्यान
इससे पहले गरीबी का दंश झेल रहे माही के पिता अपनी बेटी के इलाज के लिए सांसद विधायक और जिलाधिकारी से मिलकर मदद मांगी थी. लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी उनकी तरफ से किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली. इस बात की जानकारी जब समाजसेवी दिनेश प्रताप सिंह को हुई तो उन्होंने चैरिटी शो का आयोजन किया.
इस चैरिटी शो में जिले के अलग-अलग स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने परफॉर्म किया. इसमें परफॉर्म करने के लिए सारेगामापा लिटिल चैम्प भोजपुरी की विनर तुषा भी पहुंची. 10 घंटे से भी अधिक तक चले इस शो में लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
यह मेरा तीसरा चैरिटी शो है. इसके माध्यम से तीन लोगों की बीमारी का इलाज हो चुका है. मुझे इस बात का दु:ख भी है कि जिम्मेदार पद पर बैठे लोग इस बच्ची माही के इलाज के लिए जरा भी गंभीर नहीं हुए. मैं अब इस बात का विश्वास दिलाता हूं कि माही के इलाज में पैसे की कमी आड़े नहीं आएगी.
-राणा दिनेश प्रताप सिंह, समाजसेवी
भले ही आयुष्मान योजना गरीबों के लिए सरकार की नजर में वरदान हो, लेकिन मेरी बेटी के इलाज के लिए कार्ड बनवाने का प्रयास किया, मगर बन नहीं पाया. नेता भले ही अपनी निधि से बड़ी-बड़ी इमारत या सड़कों के गड्ढे भर सकते हों, लेकिन एक पांच साल की मासूम बच्ची के दिल के छेद को भरने के लिए जिले के जिम्मेदार सांसद, विधायक आगे नहीं आए.
-राजेंद्र, माही के पिता