बस्ती : मालवीय रोड के बाहृमण महासभा कार्यालय के बगल में स्थित अनाथालय के करोड़ों रुपये की जमीन पर कब्जा करने का मामला सामने आया है. कहा गया कि तहसील के अभिलेखों में दर्ज अध्यानंद अनाथालय के नाम के 13 बिस्वा एक धुर जमीन सालों से दुरुपयोग हो रहा है. उक्त जमीन पर डेढ़ दर्जन व्यवसायिक प्रतिष्ठान और नर्सिंगं होम संचालित हो रहा है. किराए के रुप में हर माह भारी धनराषि वसूली जा रही है. टैक्स की चोरी भी की जा रही है. 100 रुपये के स्टांप पर किराएनामें का अनुबंध किया गया. स्टांप की चोरी करने की नीयत से किराएनामें का पंजीकरण भी नहीं कराया गया. बताया गया कि सड़क किनारे के जमीन की मालियत वर्तमान में 10 से 20 करोड़ आंकी गई है. एडीएम रमेषचंद्र ने पहले लेखपाल से जांच कराई और उस रिपोर्ट के आधार पर तहसीलदार को टीम बनाकर जमीन की पैमाइश कराने का आदेश दिया.
काबिजदार रघुवंष उपाध्याय का कहना है कि 30 साल पहले आवासीय अनाथालय चलता था. कहा कि श्रीमद्दयानंद बाल आश्रम मालवीय रोड के नाम से ट्रस्ट बनाया गया. जब उनसे पूछा गया कि जब ट्रस्ट है तो इसका नाम सरकारी अभिलेखों में क्यों अनाथालय के रुप में दर्ज है, पर कोई जबाव नहीं दिया. कहा कि कुछ जमीन उनके द्वारा खरीदी गई, जिसमें मकान का निर्माण है. उनका कहना था कि जिन लोगों को किराए पर नहीं दिया गया, वही लोग शिकायत कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कब्जा करने की बात से इंकार किया. वहीं पर आसपास के लोगों का कहना है कि कुछ लोगों के द्वारा साजिश करके अनाथालय के करोड़ों की जमीन को ट्रस्ट बनाकर उसका दुरुपयोग कर रहे हैं. दावा किया गया कि टाउन क्लब की तरह यह संपत्ति भी प्रशासन के कब्जे में आ सकती है.
मंडल के कमिश्नर अनिल सागर ने इस मामले को लेकर कहा कि उनकी जानकारी में अनाथालय की जमीन पर कब्जा करने की शिकायत सामने आई है. जिसकी टीम बनाकर कार्रवाई करने का निर्देश जारी कर दिया गया है. अनाथालय की जमीन को कानूनी तौर पर खाली कराया जाएगा. वहीं अनाथालय के संचालक रघुवंश उपाध्याय ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा कि अनाथालय चलाने के लिए उन्हें जमीन के कुछ हिस्से को कमर्शियल के लिए देना पड़ा. अनाथालय का नाम बदल कर अब बाल आश्रम हो गया है. गरीब बच्चों के लिए एक स्कूल का संचालन किया जा रहा है. लेकिन अनाथालय की जमीन पर दुकान चलाने के सवाल माकूल जवाब नहीं दे सके.