बस्ती: बीजेपी विधायक रवि सोनकर पर गरीब परिवारों की जमीन को जबरन कब्जा करने का आरोप लगा है. वैसे तो योगी सरकार में बड़े-बड़े गुंडे माफिया जेलों के अंदर बंद है या फिर कानून के दांव पेंच में फंसकर बिलों में छिप गए है. यहां तक कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की हेकड़ी भी योगी सरकार ने निकाल दी है. मगर इस बार गरीबों को सताने का मामला किसी और का नहीं बल्कि उनके ही एक विधायक का है, जिन पर गरीब परिवारों की जमीन जबरदस्ती कब्जा करने का आरोप लगा है. बहरहाल इस मामले को लेकर मंडल के आयुक्त अनिल सागर ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
मामला भानपुर तहसील के वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर गांव का है. जहां सेराज नाम के एक शख्स ने डीएम से मिलकर शिकायत दर्ज करवाई कि उनकी जमीन पर जबरन बीजेपी विधायक रवि सोनकर कब्जा कर रहे है. मना करने पर उनके साथ मारपीट की जाती है. इतना ही नहीं एक सैनिक परिवार की जमीन को भी विधायक ने कब्जा कर लिया है. अब सैनिक मेराज के पिता अली हसन की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे.
दरअसल, बीजेपी के विधायक रवि सोनकर ने लक्ष्मणपुर गांव में लगभग 21 बीघे का प्लाट गाटा संख्या 303 हफीजुल्ला नाम के एक व्यक्ति से बैनामा लिया, उसके बाद विधायक ने पक्की पैमाईस के लिए एसडीएम के यहां अपील की. वहीं विधायक द्वारा जमीन लिखवाने की जानकारी होते ही पीड़ित पक्ष सेराज और अन्य ने भी पैमाइस के लिए एसडीएम को पत्र लिखा. मगर विधायक की हनक के आगे उनकी एप्लीकेशन आगे नहीं बढ़ सकी. एडीएम ने विधायक के पक्ष में पैमाइस का आदेश दिया, फिर राजस्व की टीम लाव लस्कर के साथ विवादित जमीन पर पहुंची. मगर पीड़ित पक्ष से किसी को भी इस पैमाइस की जानकारी नहीं दी गई और विधायक ने मनमर्जी के मुताबिक जमीन नपवा ली, जिसमें गाटा संख्या 300, 301 और 302 भी कब्जा करने की साजिश दिखाई देने लगी और विधायक की इस साजिश में राजस्व विभाग भी मिला नजर आया. इसके बाद पीड़ित सेराज ने डीएम को प्रार्थना पत्र दिया कि मामले में फिर से जमीन नापी जाए, क्यों कि विधायक और उनके गुंडे जबरन गरीबों की जमीन भी हथियाने पर तुले हुए है. इतना ही नहीं विधायक ने सत्ता की हनक की बदौलत सैनिक की जमीन पर कब्जा जमा लिया है, गाटा संख्या 300 जो सरकारी अभिलेखों में जल गड्ढा दर्ज है उस जमीन को भी विधायक ने मिट्टी से पाट दिया है. जमीन संख्या 301 में 11 लोगो का नाम दर्ज है, जब कि गाटा संख्या 302 में 3 लोग काबिज है जिसमे सैनिक का परिवार भी है. चूंकि विधायक की जमीन सड़क से 90 फुट अंदर है और उस जमीन पर जाने के लिए कोई सीधा रास्ता नहीं है. बस इसी को लेकर विधायक अपने बल का प्रयोग करने लगे और रास्ते की चाहत में गरीबों की जमीन कब्जाना शुरू कर दिया. जब विधायक विवादी जमीन पर दबंगई करने पहुंचे. इस दौरान पीड़ित पक्ष ने चुपके से एक पेड़ पर सीसीटीवी कैमरा लगवा दिया था. इस बात की जानकारी जैसे ही विधायक को हुई तो उन्होंने कैमरा भी तोड़ दिया.
पीड़ित सेराजुल्ला और अली हसन ने बताया की जब राजस्व की टीम ने विधायक की जमीन नाप कर सीमांकन कर दिया तो विधायक जबरन सीमा तोड़कर कैसे दीवाल खड़ा करवा रहे हैं. नियम कानून का माखौल उड़ाते हुए विधायक रवि सोनकर जबदस्ती नेशनल हाईवे से सटकर दीवाल खड़ी कर दी है. इतना ही नहीं गरीब परिवार की झोपड़ी को भी विधायक के गुंडो ने तोड़ दिया. अपने हक के लिए सेराज और उसके गांव के कई लोग लड़ाई लड़ रहे है. मगर कही से भी उनकी मदद नहीं हो पड़ी.
बस्ती मंडल के आयुक्त अनिल सागर से जब इस मामले पर जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि जमीन की पैमाइस फिर से करा ली जाएगी. अगर कोई भी सरकार की भूमि या किसी प्राइवेट व्यक्ति की जमीन पर कोई कब्जा करता है तो उस आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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