बरेलीः मशहूर कवि, साहित्यकार हरिवंशराय बच्चन और सदी के नायक, बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन ने बरेली के एक पते पर सैंकड़ों पत्र भेजे थे. कई दशक बाद आज भी वो सैंकड़ों पत्र साहित्यकार स्व. निरंकार देव सेवक की पुत्रवधू ने सहेजकर अपने ससुर की अनमोल धरोहर के तौर पर रखे हुए हैं. इन पत्रों में हरिवंशराय बच्चन ने हर वो मन की बात शेयर की है, जो एक मित्र अपने मित्र से जीवन के उतार चढ़ाव के साथ साथ करता है.
देश दुनिया को सबसे पहले बाल साहित्य लिखकर देने वाले साहित्यकार निरंकार देव सेवक और सदी के नायक अभिनेता अमिताभ बच्चन के पिता दोनों में गहरी दोस्ती थी. हरिवंशराय बच्चन ने निरंकार देव सेवक को अपने दिल की हर बात बताई थी. निरंकार देव सेवक ने भी हर चिट्ठी का जवाब दिया था. इसके साथ ही हरिवंश राय बच्चन ने बरेली निवासी बच्चों के लिए 55 पुस्तकें भी दी थीं.
निरंकार देव सेवक की स्मृतियों को पुत्रवधू ने सहेज कर रखा
करीब तीन दशक पूर्व दुनिया को अलविदा कह चुके निरंकार देव सेवक की पुत्रवधू ने अपने ससुर की सभी पुस्तकों को सहेजकर रखा हुआ है है. साथ ही उनके पास वो सैंकड़ों पत्र हैं जो कि अमिताभ बच्चन और हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखे गए. निरंकार देव सेवक की स्मृतियों को संजोकर रखने वाली उनकी पुत्रवधू पूनम देव सेवक ETV BHRARAT से खास बातचीत करते हुए कहा कि ये पत्र उनके लिए अनमोल हैं. उन्होंने बताया कि उन पत्रों को संकलित करते हुए एक पुस्तक भी पूर्व में लिखी गई. जिसमें हर पत्र को ज्यों का त्यों छापा गया था.
अमिताभ बच्चन की भाषा नहीं समझ आती
पूनम देव सेवक ने बताया कि अमिताभ बच्चन ने जो पत्र लिखे वो भाषा उन्हें और उनके पति को कम ही समझ आती हैं. जबकि उनके ससुर निरंकार देव सेवक न सिर्फ अमिताभ बच्चन के पत्रों को पढ़ते थे बल्कि हमेशा जवाब भी देते थे. पूनम सेवक कहती हैं कि हरिवंशराय बच्चन के लिखे पत्रों को पढ़ सकती हैं, आसान हैंडराइटिंग में वो लिखे हुए हैं. इन पत्रों में एक पिता ने अपने पुत्रों के भविष्य को लेकर सभी सम्भावनाओं के बारे में भी लिखा है. पूनम बताता हैं कि उनके ससुर हरिवंश राय बच्चन के बारे में बहुत सारी बातें बताते थे. उनके ससुर जब बीमार थे तब अंतिम बार हरिवंश राय बच्चन का पत्र आया था.
पत्र के लिए बहुत लोगों ने दिए प्रलोभन
उन्होंने कहा कि हरिवंश राय और अमिताभ बच्चन के पत्रों के लिए काफी प्रलोभन लोगो ने दिए. कुछ लोगों ने इन चिट्ठियों को हड़पने की कोशिश भी. लेकिन ये उनके ससुर की धरोहर है, जब तक वो जीवित हैं तब तक किसी नहीं देंगी. पूनम कहती हैं कि बच्चन फैमिली से मिलने की भी बहुत कोशिश की थी, लेकिन मिल नहीं पाईं. एक बार जब जया बच्चन बरेली आई थी तो भी उनसे मुलाकात करने की कोशिश की लेकिन उनके सहयोगियों ने नहीं मिलने दिया.