बरेली: जिले में स्वास्थ्य विभाग की सरकारी बिल्डिंगों पर स्वास्थ्य सेवाओं के बजाय ग्रामीणों ने कब्जा कर रखा है. कमरों में दवाओं की जगह उपले, लकड़ी और भूसा भरा है, लेकिन अधिकारियों को इस तरफ ध्यान नहीं है. जिले के मझगवां ब्लॉक के अतरछेड़ी गांव में साल 2005 में बना स्वास्थ्य उपकेंद्र को गांव वाले अपने सुविधानुसार इस्तेमाल कर रहे हैं.
2005 में बनी बिल्डिंग में ग्रामीण भरते हैं भूसा
बरेली से 40 किलोमीटर दूर अतरछेड़ी गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनवाया गया एक स्वास्थ्य उपकेंद्र है. यह उपकेंद्र साल 2005 में बनकर तैयार हो गया था. यहां आज तक कोई डॉक्टर इसलिए नहीं बैठा, क्योंकि इसे कभी शुरू ही नहीं किया गया. इसकी वजह है कि अभी तक विभाग को हैंडओवर नहीं हुआ है. यहां पर ग्रामीणों ने अपना कब्जा जमा रखा है. केंद्र के कमरों में स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं, बल्कि भूसा भरा मिलेगा. यहां ग्रामीण अपने आवश्यकतानुसार कंडे, लकड़ी और भूसा रखते हैं. खास बात यह है कि इस बात की खबर प्रशासन को नहीं है. या फिर प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है.
हैंडओवर नहीं होने के चलते नहीं हुआ शुरू
अतरछेड़ी में बना स्वास्थ्य उपकेंद्र समय पर शुरू हो जाता तो कई गांव के मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मिलती. इसके अभाव में ग्रामीणों को मझगंवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है. अगर सीएचसी नहीं जाते हैं तो 40 किलोमीटर दूर शहर के जिला अस्पताल की ओर रुख करते हैं. इस बारे में सीएमओ डॉ. सुधीर गर्ग ने बताया कि उपकेंद्र पर कब्जा होने की जानकारी मिली है. पता किया जा रहा है कि किन कारणों से केंद्र अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. कब्जे को जल्द ही खाली कराया जाएगा.