बरेली : अगर आपके खेत-खलियान में कार्बनडाइ ऑक्साइड को ग्रहण करने वाले पेड़-पौधे लगे हैं तो आपको टेरी संस्था की तरफ से प्रोत्साहन राशि मिलेगी ताकि आप उससे प्रोत्साहित होकर और अधिक वृक्षारोपण करें. वातावरण में फैल रही कार्बन डाइऑक्साइड को उन पौधों से शून्य किया जा सके.
वातावरण में कार्बनडाइ ऑक्साइड को शून्य करने वाले पौधों के बारे में दिल्ली की एक संस्था टेरी की तरफ से वन विभाग द्वारा एक सर्वे कराया जा रहा है. इस सर्वे में वन विभाग से किसानों के खेतों में लगे ऐसे पेड़ जिन से फर्नीचर तैयार किया जाता है. मकान बनाए जाते हैं और जो वर्ष 2018 से 2021 के बीच में किसानों द्वारा वृक्षारोपण कर लगाए गए हैं. उनका सर्वे कर उनके किसानों के बैंक खातों की डिटेल को एकत्र करने को कहा गया है ताकि वातावरण में फैले कार्बन को शून्य किया जा सके.
किसानों के खेतों में लगे पौधों द्वारा जो कार्बन ग्रहण किया गया है, उसको खरीदकर उसकी प्रोत्साहन राशि किसानों को दी जा सके. खेत में लगे पौधों द्वारा जितनी कार्बन ग्रहण की गई है, उसी के आधार पर उसके बैंक खाते में पैसा भेजा जाएगा. इस प्रोत्साहन राशि को सीधे किसान के खाते में भेजा जाएगा.
इसे भी पढ़ेंः महंगाई ने पशुपालकों की तोड़ी कमर, 235 रुपये खर्च करने पर मात्र 25 रुपये का हो रहा फायदा
बरेली मंडल के मुख्य वन संरक्षक ललित कुमार वर्मा (Chief Conservator of Forests Lalit Kumar Verma) ने बताया कि दिल्ली की एक संस्था टेरी की तरफ से कार्बन फाइनेंस के तहत बरेली सहित उत्तर प्रदेश के 6 मंडलों में सर्वे का काम मई से शुरू किया गया है. इसमें किसानों के खेतों में लगे लिपटिस यूकेलिप्टस जैसे फर्नीचर की लकड़ी वाले पौधों का सर्वे किया जा रहा है और उनके मालिकों के बैंक खातों को एकत्र कर दिल्ली की टेरी संस्था को दिया जाएगा.
वर्मा ने बताया कि इसका मेन उद्देश्य है कि पर्यावरण में हो रहा है. गर्मी और तापमान बढ़ रहा है. इसका मुख्य कारण उद्योगों के द्वारा पोलूशन किया जाना और कार्बन डाइऑक्साइड का थोड़ा जाना इसका मुख्य कारण है जो कार्बन डाइऑक्साइड उद्योगों द्वारा छोड़ी जा रही है. पर्यावरण में उसका एक आकलन किया जा रहा है. जितना कार्बन वातावरण में छोड़ा है, उसे इसी विधि से कार्बन को लॉक करने वाले वृक्षों की गणना की जा रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि प्रत्येक वृक्ष की आयु में कितना कार्बन लॉक करेगा और वह कार्बन कंपनी को खरीदना है. उसी के हिसाब से किसान को प्रोत्साहित राशि दी जानी है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप