बरेली: 'कहां तो तय था चरागां हर एक घर के लिए, कहां चराग मयस्सर नहीं शहर के लिए'. आजकल यही हाल बरेली के कई इलाकों का है. इन इलाकों में अधिकारी आकर मास्क बांटते हैं और लॉकडाउन का मतलब भी समझाते हैं, लेकिन कोई पेट की आग नहीं बुझाता.
दरअसल, प्रयागराज से हरिद्वार जाने के लिए एक परिवार के 20 लोग बीते दिनों निकले थे, लॉकडाउन के कारण ये लोग बरेली में फंस गए. इन लोगों के साथ एक विकलांग महिला भी है. इन लोगों ने फिलहाल किला थाना इलाके के अशोका होटल के सामने अपना आशियाना बनाया है.
नहीं चेत रहा प्रशासन
भीख मांगकर गुजारा करने वाले ये लोग इन दिनों धूल फांकने पर मजबूर हैं. सरकार द्वारा जहां लोगों को पर्याप्त मात्रा में खाना और राशन दिये जाने के तमाम दावे किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इन लोगों के सामने भूखों मरने के हालात हैं. ईटीवी भारत ने इनके हालात का जायजा लेकर मामले की खबर प्रसारित की थी. इसके बावजूद प्रशासन मामले पर चुप्पी साधे हुए है.
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सामाजिक संस्थाएं कर रहीं मदद
वहीं इस बीच ईटीवी भारत पर खबर चलाए जाने के बाद कई समाजसेवी संस्थाएं इनकी मदद को आगे आई हैं. इनमें DGATS नामक सामाजिक संस्था ने पहल करते हुए विकलांग महिला और इनके 20 लोगों के परिवार को राशन समेत अन्य जरूरी सामान मुहैया कराया है.