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विकास के मुद्दे पर बोले बरेली शहर विधानसभा के विधायक डॉ. अरुण कुमार, कहा- यह तो ट्रेलर है, अभी पिक्चर पूरी बाकी है - शहर विधानसभा

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक हैं, सभी राजनैतिक दल जीत की रणनीति बनानी शुरू कर चुके हैं. वैसे तो बरेली की सभी विधानसभाओं पर बीजेपी ने अपना कब्जा जमा रखा है, मगर आरोप प्रत्यारोप का भी दौर भी लगातार जारी है. दरअसल, योगी सरकार जहां नए विकास के दावे कर रही तो सपा बीजेपी पर आरोप लगा रही कि जितने भी उद्घाटन हो रहे हैं या जितने भी फीते कट रहे वह सब सपा के कार्यकाल में किए गए काम हैं, आज इन्ही बातों की पड़ताल और बीते चार साल के किए गए कामों के बारे में ईटीवी भारत की टीम पहुंची बरेली, जहां शहर विधानसभा के बीजेपी विधायक डॉ. अरुण कुमार से जाना उनका रिपोर्ट कार्ड.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
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Published : Oct 1, 2021, 11:44 AM IST

Updated : Oct 1, 2021, 11:51 AM IST

बरेली: देश और प्रदेश की राजधानी के बीच बसे बरेली जिले में नौ विधानसभाएं है. इनमें से एक है शहर विधानसभा. बरेली की शहर विधानसभा सीट के विधायक भारतीय जनता पार्टी से डॉ. अरुण कुमार हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में अरुण कुमार ने कांग्रेस के प्रेम प्रकाश अग्रवाल को हराकर जीत हासिल की थी. बता दें कि डॉ. अरुण शहर सीट से 2007 में सपा से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बाद में डॉ. अरुण बीजेपी में शामिल हुए और शहर शीट से 2012 में विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते.

शहर विधानसभा का इतिहास

यहां के इतिहास पर नजर डाले तो यहां पर 1951 से लेकर 1969 तक कांग्रेस का कब्जा रहा. 1951 में पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त ने शहर सीट से चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की. उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद 1957, 1962 और 1967 तक कांग्रेस के जगदीश सरन अग्रवाल यहां से जीतते रहे. 1969 में बीकेडी से राम सिह खन्ना ने जित हासिल की. 1974 में बीजेपी के डॉ. दिनेश जौहरी शहर शीट पर अपना कब्जा जमाया, लेकिन 1977 के चुनाव में जेएनपी के सत्य प्रकाश ने डॉ. दिनेश जौहरी को हरा दिया, लेकिन 1980 में राम सिंह खन्ना ने इस सीट पर जीते मगर एक बार फिर से डॉ दिनेश जौहरी ने 1985 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की. डॉ. दिनेश जौहरी 1989, 1991 में भी विधायक चुने गए.

भाजपा विधायक अरुण कुमार

बीजेपी से ही राजेश अग्रवाल 1993 के चुनाव में खड़े हुए और जीत हासिल की. राजेश अग्रवाल ने 1996, 2002, 2007 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की. इसके बाद परिसीमन बदलने से राजेश अग्रवाल कैंट विधानसभा से चुनाव लड़े. जबकि शहर शीट से बीजेपी से डॉ. अरुण कुमार ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. आजादी के बाद से पांच बार शहर विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा रहा, जबकि सबसे अधिक 10 बार बीजेपी का इस शीट पर कब्जा रहा.

124 बरेली शहर विधानसभा

साल जीते प्रत्याशी पार्टी
1951-1957पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त कांग्रेस
1957-1962जगदीश शरन अग्रवालकांग्रेस
1962-1967जगदीश शरन अग्रवालकांग्रेस
1967-1969जगदीश शरन अग्रवालकांग्रेस
1969- 1974राम सिंह खन्नाबीकेडी
1974-1977डॉ दिनेश जौहरी बीजेपी
1977-1980 सत्य प्रकाश JNP
1980-1985 राम सिंह खन्ना कांग्रेस
1985-1989 डॉ दिनेश जौहरी बीजेपी
1989-1991 डॉ दिनेश जौहरीबीजेपी
1991-1993 डॉ दिनेश जौहरीबीजेपी
1993-1996राजेश अग्रवालबीजेपी
1996-2002राजेश अग्रवालबीजेपी
2002- 2007राजेश अग्रवालबीजेपी
2007- 2012राजेश अग्रवालबीजेपी
2012डॉ अरुण कुमारबीजेपी
2017डॉ अरुण कुमारबीजेपी



अब जरा जातिगत समीकरण पर भी नजर डाल लेते है. बरेली शहर विधानसभा में तीन लाख 50 हजार मतदाता है जिसमे एक लाख 50 हजार महिला मतदाता हैं.

जातिगत समीकरण

जातिअनुमानित आंकड़ा
ब्राह्मण12 -13 हजार
वैश्य 12 -13 हजार
कायष्ठ28 -30 हजार
कुर्मी15 हजार
पंजाबी 12 हजार
लोधी 10 -12 हजार
कश्यप 10 -12 हजार
मौर्या 15 हजार
बाल्मीकि 12 -13 हजार
जाटव 10 हजार
मुस्लिम 1 लाख 20 हजार
ठाकुर 5 हजार
क्रश्चियन5 हजार
कोरी, धोबी5 हजार



प्रमुख और प्रसिद्ध स्थल

शहर विधानसभा में कई प्राचीन मंदिर हैं, जिसमें अलखनाथ, वनखंडी नाथ मंदिर, टीबरीनाथ मंदिर, बड़ा बाग हनुमान मंदिर, इसके साथ ही यहां पर पूर्वोत्तर रेलवे का कारखाना भी है. यहां पर देश के प्रतिष्ठित भारतीय पशु चिकित्सा अनुशंधान संसथान भी हैं.

2017 में विधानसभा चुनाव के परिणाम

पार्टीप्रत्याशीमिले मत
भाजपाडॉ अरुण कुमार115270
कांग्रेसप्रेम प्रकाश अग्रवाल76559
बीएसपीअनीस अहमद14577
भाकपातारकेश्वर चतुर्वेदी1754
पीईसीपीअकील अहमद1073
नोटा-1421

अभी और विकास होना बाकी


हमने यहां के विधायक से विकास के मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कहा कि बरेली शहर में विकास कार्यों की बात की जाए तो यहां सबसे बड़ा काम बरेली एयरपोर्ट बनना है. यहां एयरपोर्ट बनने से उद्योगों को नया आयाम मिला है. जाम से बचने के लिये शहर में कई पुल बने हैं. कोरोना काल मे दूर-दूर से आये प्रवासी मजदूरों को भोजन-पानी की व्यवस्था कर बसों और ट्रेनों द्वारा उनके कर्तव्य तक पहुंचाया गया. शौचालय, उज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर और अन्य सरकारी योजनाओं को शहर के लोंगो को लाभान्वित करवाया. सीवर, बिजली, सड़क की सुविधाएं मुहैया कराई गईं. उन्होंने कहा कि बरेली विधानसभा में अभी और विकास होना बाकी है. शहर में आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का बड़ा हॉस्पिटल, एक डिग्री कॉलेज लड़कियों के लिए डिग्री कॉलेज और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी होनी चाहिए.



बता दें कि यहां 1989 से लेकर आज तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. बरेली यूपी का सबसे ज्यादा संवेदनशील जिला है. यहां पर हुए दंगों के बाद से यहां चुनावी गड़ित बिलकुल बदल गई. एक बार फिर विधायक डॉ. अरुण कुमार जनता के बीच जाने वाले हैं और चुनाव की तैयारी में लग गए हैं. उनका कहना है कि शहर में एक एम्स अस्पताल की बहुत जरूरत है, इसके लिए हमने मुख्यमंत्री से बात की थी, जल्द एम्स हॉस्पिटल बनेगा. वो चाहते हैं कि एक बार जनता उन्हें फिर से विधानसभा पहुचाएं ताकि जो कमिया रह गई है उन्हें निपटाया जा सके. अब देखना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में जनता किसको चुनकर विधानसभा तक पहुंचाती है.

बरेली: देश और प्रदेश की राजधानी के बीच बसे बरेली जिले में नौ विधानसभाएं है. इनमें से एक है शहर विधानसभा. बरेली की शहर विधानसभा सीट के विधायक भारतीय जनता पार्टी से डॉ. अरुण कुमार हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में अरुण कुमार ने कांग्रेस के प्रेम प्रकाश अग्रवाल को हराकर जीत हासिल की थी. बता दें कि डॉ. अरुण शहर सीट से 2007 में सपा से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बाद में डॉ. अरुण बीजेपी में शामिल हुए और शहर शीट से 2012 में विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते.

शहर विधानसभा का इतिहास

यहां के इतिहास पर नजर डाले तो यहां पर 1951 से लेकर 1969 तक कांग्रेस का कब्जा रहा. 1951 में पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त ने शहर सीट से चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की. उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. इसके बाद 1957, 1962 और 1967 तक कांग्रेस के जगदीश सरन अग्रवाल यहां से जीतते रहे. 1969 में बीकेडी से राम सिह खन्ना ने जित हासिल की. 1974 में बीजेपी के डॉ. दिनेश जौहरी शहर शीट पर अपना कब्जा जमाया, लेकिन 1977 के चुनाव में जेएनपी के सत्य प्रकाश ने डॉ. दिनेश जौहरी को हरा दिया, लेकिन 1980 में राम सिंह खन्ना ने इस सीट पर जीते मगर एक बार फिर से डॉ दिनेश जौहरी ने 1985 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की. डॉ. दिनेश जौहरी 1989, 1991 में भी विधायक चुने गए.

भाजपा विधायक अरुण कुमार

बीजेपी से ही राजेश अग्रवाल 1993 के चुनाव में खड़े हुए और जीत हासिल की. राजेश अग्रवाल ने 1996, 2002, 2007 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की. इसके बाद परिसीमन बदलने से राजेश अग्रवाल कैंट विधानसभा से चुनाव लड़े. जबकि शहर शीट से बीजेपी से डॉ. अरुण कुमार ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. आजादी के बाद से पांच बार शहर विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा रहा, जबकि सबसे अधिक 10 बार बीजेपी का इस शीट पर कब्जा रहा.

124 बरेली शहर विधानसभा

साल जीते प्रत्याशी पार्टी
1951-1957पण्डित गोविन्द बल्लभ पन्त कांग्रेस
1957-1962जगदीश शरन अग्रवालकांग्रेस
1962-1967जगदीश शरन अग्रवालकांग्रेस
1967-1969जगदीश शरन अग्रवालकांग्रेस
1969- 1974राम सिंह खन्नाबीकेडी
1974-1977डॉ दिनेश जौहरी बीजेपी
1977-1980 सत्य प्रकाश JNP
1980-1985 राम सिंह खन्ना कांग्रेस
1985-1989 डॉ दिनेश जौहरी बीजेपी
1989-1991 डॉ दिनेश जौहरीबीजेपी
1991-1993 डॉ दिनेश जौहरीबीजेपी
1993-1996राजेश अग्रवालबीजेपी
1996-2002राजेश अग्रवालबीजेपी
2002- 2007राजेश अग्रवालबीजेपी
2007- 2012राजेश अग्रवालबीजेपी
2012डॉ अरुण कुमारबीजेपी
2017डॉ अरुण कुमारबीजेपी



अब जरा जातिगत समीकरण पर भी नजर डाल लेते है. बरेली शहर विधानसभा में तीन लाख 50 हजार मतदाता है जिसमे एक लाख 50 हजार महिला मतदाता हैं.

जातिगत समीकरण

जातिअनुमानित आंकड़ा
ब्राह्मण12 -13 हजार
वैश्य 12 -13 हजार
कायष्ठ28 -30 हजार
कुर्मी15 हजार
पंजाबी 12 हजार
लोधी 10 -12 हजार
कश्यप 10 -12 हजार
मौर्या 15 हजार
बाल्मीकि 12 -13 हजार
जाटव 10 हजार
मुस्लिम 1 लाख 20 हजार
ठाकुर 5 हजार
क्रश्चियन5 हजार
कोरी, धोबी5 हजार



प्रमुख और प्रसिद्ध स्थल

शहर विधानसभा में कई प्राचीन मंदिर हैं, जिसमें अलखनाथ, वनखंडी नाथ मंदिर, टीबरीनाथ मंदिर, बड़ा बाग हनुमान मंदिर, इसके साथ ही यहां पर पूर्वोत्तर रेलवे का कारखाना भी है. यहां पर देश के प्रतिष्ठित भारतीय पशु चिकित्सा अनुशंधान संसथान भी हैं.

2017 में विधानसभा चुनाव के परिणाम

पार्टीप्रत्याशीमिले मत
भाजपाडॉ अरुण कुमार115270
कांग्रेसप्रेम प्रकाश अग्रवाल76559
बीएसपीअनीस अहमद14577
भाकपातारकेश्वर चतुर्वेदी1754
पीईसीपीअकील अहमद1073
नोटा-1421

अभी और विकास होना बाकी


हमने यहां के विधायक से विकास के मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कहा कि बरेली शहर में विकास कार्यों की बात की जाए तो यहां सबसे बड़ा काम बरेली एयरपोर्ट बनना है. यहां एयरपोर्ट बनने से उद्योगों को नया आयाम मिला है. जाम से बचने के लिये शहर में कई पुल बने हैं. कोरोना काल मे दूर-दूर से आये प्रवासी मजदूरों को भोजन-पानी की व्यवस्था कर बसों और ट्रेनों द्वारा उनके कर्तव्य तक पहुंचाया गया. शौचालय, उज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर और अन्य सरकारी योजनाओं को शहर के लोंगो को लाभान्वित करवाया. सीवर, बिजली, सड़क की सुविधाएं मुहैया कराई गईं. उन्होंने कहा कि बरेली विधानसभा में अभी और विकास होना बाकी है. शहर में आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का बड़ा हॉस्पिटल, एक डिग्री कॉलेज लड़कियों के लिए डिग्री कॉलेज और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी होनी चाहिए.



बता दें कि यहां 1989 से लेकर आज तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. बरेली यूपी का सबसे ज्यादा संवेदनशील जिला है. यहां पर हुए दंगों के बाद से यहां चुनावी गड़ित बिलकुल बदल गई. एक बार फिर विधायक डॉ. अरुण कुमार जनता के बीच जाने वाले हैं और चुनाव की तैयारी में लग गए हैं. उनका कहना है कि शहर में एक एम्स अस्पताल की बहुत जरूरत है, इसके लिए हमने मुख्यमंत्री से बात की थी, जल्द एम्स हॉस्पिटल बनेगा. वो चाहते हैं कि एक बार जनता उन्हें फिर से विधानसभा पहुचाएं ताकि जो कमिया रह गई है उन्हें निपटाया जा सके. अब देखना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में जनता किसको चुनकर विधानसभा तक पहुंचाती है.

Last Updated : Oct 1, 2021, 11:51 AM IST
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