बरेली: सदर तहसील में भू माफियाओं का खेल लगातार जारी है. भूमाफिया जमीन की फाइलें गायब करने और जमीन के पेपर अपने मुताबिक करने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं. अभी कुछ समय पहले ही 6 फाइलें गायब होने का मामला डीएम के सामने आया था, जिसमें तहसील सदर के न्यायालय से गायब हुई छह फाइलें करगैना में कथित रूप से एक कबाड़ी की दुकान पर मिली थी.
हालांकि प्रथम दृष्टया इस मामले में कस्टोडियन पेशकार को जिम्मेदार माना है. डीएम ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए स्पष्ट तौर पर कहा है कि इसमें शामिल सभी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी.
तहसील से गायब हुई फाइलें
- तहसीलदार सदर न्यायालय से 14 से 21 अक्तूबर के बीच जमीन संबंधी विभिन्न मुकदमों की सात फाइलें गायब होने का मामला सामने आया था.
- पेशकार के काफी ढूंढने के बावजूद तहसील के किसी भी कार्यालय में ये फाइलें नहीं मिलीं थी .
- तहसीलदार सदर ने दो नवंबर को तत्कालीन डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह को रिपोर्ट भेज दी था.
- इस पर डीएम ने एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दे दिया था.
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तीन नवंबर को एक वकील के जरिये सूचना मिली कि छह फाइलें तहसील से करीब पांच किमी दूर करगैना पुलिस चौकी के सामने एक कबाड़ी की दुकान पर मौजूद हैं. यह सूचना भी उसी बाबू को मिली जिस पर फाइल रखने की जिम्मेदारी थी. स्टाफ कबाड़ी की दुकान पर पहुंचा तो वहां सिर्फ छह फाइलें मिलीं.
इस मामले में मौजूदा डीएम ने तहसील के अधिकारियों से पूछताछ की तो पता चला कि फाइलों को हिफाजत के साथ रखने की जिम्मेदारी पेशकार विक्रम सिंह की थी. ऐसे में प्रथम दृष्टया उनकी ही भूमिका संदिग्ध मिली है. इस प्रकरण की अब गहनता से जांच कराई जा रही है.