बरेली: लॉकडाउन में फीस माफी को लेकर अभिभावक लगातार गुहार लगा रहे हैं. लेकिन स्कूल वाले अभिभावकों की फीस माफ करने में आनाकानी कर रहे हैं. प्रशासन ने स्कूलों में फीस माफी के लिए स्कूलों से डाटा मांगा है, जिसको लेकर केवल 5 स्कूलों ने प्रस्ताव भेजा है. आने वाले 3 जून को प्रस्तावित शुल्क समिति की बैठक में इस पर फैसला होना है.
कमेटी अधूरी होने की वजह से नहीं हो पा रही है बैठक
प्रशासन ने अभिभावकों को 3 वर्गों में बांटा है. फीस से राहत देने को प्रशासन ने सभी स्कूलों से रिकॉर्ड भी मांगा था. लॉकडाउन में जिन-जिन अभिभावकों के व्यापार चौपट हो चुके हैं या जिनकी नौकरी जा चुकी है उनको राहत दी जा सकती है. शुल्क समिति की अंतिम बैठक के लिए जिला प्रशासन करीब 18 माह से कोशिश कर रहा है, लेकिन कमेटी अधूरी होने की वजह से बैठक नहीं हो पा रही है.
वहीं स्कूलों की मनमानी को लेकर लोगों ने शिक्षा विभाग में खूब शिकायत दर्ज कराया है. लेकिन प्रशासन ने अभी तक स्कूलों पर लगाम नहीं कसी है. फीस माफी के लिए शहर के कुछ स्कूल तो राजी हैं. लेकिन स्कूलों के मालिकों को यह बात रास नहीं आ रही है. शहर में नामचीन स्कूलों की एसोसिएशन स्कूल की फीस माफी को लेकर गंम्भीर नहीं हैं.
स्कूल वाले फीस जमा करने का बना रहे हैं दबाव
स्कूल वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन के नाम पर फीस जमा करने के लिए दबाव बना रहे हैं. हालांकि कमेटी में किन-किन सदस्यों को शामिल किया जाए इस पर फैसला जल्द हो जाएगा. शहर के एसआर इंटरनेशनल स्कूल, वुड्रो स्कूल, सोबती स्कूल, चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल, रामस्वरूप जूनियर हाई स्कूल ने सिर्फ प्रस्ताव भेजा है, बल्कि फीस को लेकर 3 जून को शुल्क कमेटी की बैठक में डीएम नितीश कुमार अंतिम फैसला लेंगे.