बरेली: कोरोना के कहर ने जहां आम जनजीवन को प्रभावित किया वहीं बर्ड फ्लू दस्तक ने पॉल्ट्री से सम्बंधित व्यवसाय को प्रभावित किया. कोरोना के बाद बर्ड फ्लू से पॉल्ट्री फार्म से जुड़े व्यवसाय पर काफी असर पड़ा है. बरेली जिले में पिछले साल कोरोना काल से पहले एक हजार से भी ज्यादा पोल्ट्री फार्म संचालित थे, जिनसे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर हजारों लोगों की आजीविका टिकी थी, लेकिन कोरोना के देश में दस्तक देते ही और लॉक डाउन के चलते पॉल्ट्री पर इसका खासा असर देखा गया.
घट गए ग्राहक, रेट भी कम
पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े ताहिर हुसैन कहते हैं कि "उन्हें खुद समझ नहीं आ रहा कि वो करें तो क्या करें, क्योंकि कोरोना से उभर भी नहीं पाए ऐसे में बर्डफ्लू के खतरे की वजह से ग्राहक काफी घट गए हैं. अब रेट भी काफी कम हो गए हैं, लेकिन लोग रिस्क लेना नहीं चाहते. यही वजह है कि उनकी दुकानदारी पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा है." बरेली में काफी संख्या में रेस्टोरेंट्स है, जहां चिकन परोसा जाता है, लेकिन बर्ड फ्लू के डर ने यहां भी संन्नाटा ला दिया है. बरेली में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं है, इसके बावजूद यहां चिकन और अंडे की मांग में गिरावट देखने को मिल रही है.
रेस्टोरेंट संचालक मोहम्मद कासिम ने बताया कि उनके काम पर भी इसका करीब 75% तक फर्क पड़ा है, फिलहाल जहां पूरे दिन उनके रेस्टोरेंट में चहल-पहल रहा करती थी वहीं अब चिकन के शौकीन अब पहले की तरह दिखाई नहीं देते. पोल्ट्री फर्मों से लेकर छोटे दुकानदार हों या फिर बड़े ठेकेदार या नॉनवेज रेस्टोरेंट् संचालक हर कोई इससे प्रभावित है.