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बरेली: अनलॉक में बढ़ी मरीजों की तादाद, दवा कंपनियों ने भी बढ़ाए दाम

यूपी के बरेली में अनलॉक प्रक्रिया में लोग बेझिझक घर से बाहर निकल रहे हैं. इससे जिले में अनलॉक प्रक्रिया के दौरान लोगों की सेहत भी जवाब देने लगी है. लोगों को क्लीनिक या फिर अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है. वहीं दवा कंपनियों ने भी दवाइयों के दाम बढ़ा दिए हैं.

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अनलॉक में बढ़ी मरीजों की तादाद
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Published : Jul 14, 2020, 10:00 PM IST

बरेली: जून से अनलॉक प्रक्रिया शुरू हुई तो मानो लोगों ने कोरोना को खत्म ही मान लिया. सोशल डिस्टेंसिंग तो तोड़ी ही बेझिझक घर से बाहर का खाना भी खाने लगे. रेस्टोरेंट्स पर रौनक लौटने लगी और सड़क किनारे लगी चांट-पकौड़ी की दुकानों से भी लोगों ने परहेज बंद कर दिया. इससे रेस्टोरेंट और फास्ट फूड कारोबार तो पटरी पर आने लगा, लेकिन लोगों की सेहत भी जवाब देने लगी. अब लोगों को क्लीनिक या फिर अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है.

अनलॉक शुरू होने के बाद डॉक्टरों के पास जाने वाले मरीजों की तादाद में इजाफा हुआ है. खांसी, जुकाम और बुखार के मामलों में इजाफा हुआ है. इसकी वजह से दवाओं की बिक्री में भी करीब 30 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है. मौका देख दवा कंपनियों ने भी दाम बढ़ा दिए हैं. उधर बारिश और मौसम बदलने का असर भी लोगों पर पड़ने लगा है. इससे लोगों को बुखार, जुकाम, सर्दी, खांसी, शुगर, बीपी जैसी बीमारियां घेरने लगी हैं. ऐसे में लोगों को डॉक्टरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

पिछले महीने यानी जून में हुए कारोबार के परिणाम आना शुरू हो गए हैं. जुलाई में आए परिणाम चौंकाने वाले हैं. इसमें तीस प्रतिशत से ज्यादा दवाओं की बिक्री बढ़ गई है. सबसे ज्यादा पैरासिटामॉल और एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री में उछाल आया है. कारोबारी इसे अच्छा उछाल मान रहे हैं. वहीं डॉक्टरों के यहां भी मरीज लगातार बढ़ना शुरू हुए हैं. लगभग सभी डॉक्टरों की ओपीडी में मरीजों की गिनती अप्रैल और मई से दोगुनी से ज्यादा तक हो गई है.

मरीजों की बढ़ती तादाद के चलते कई प्रमुख दवा निर्माता कंपनियों ने मांग बढ़ने के साथ 20-25 प्रतिशत दामों में बढ़ोतरी कर दी है. दवाओं के नए स्टाक में एमआरपी बढ़कर आने लगी है. जिनके पास पुराना स्टाक है वो भी नए दामों में बेचने लगे हैं.

बरेली: जून से अनलॉक प्रक्रिया शुरू हुई तो मानो लोगों ने कोरोना को खत्म ही मान लिया. सोशल डिस्टेंसिंग तो तोड़ी ही बेझिझक घर से बाहर का खाना भी खाने लगे. रेस्टोरेंट्स पर रौनक लौटने लगी और सड़क किनारे लगी चांट-पकौड़ी की दुकानों से भी लोगों ने परहेज बंद कर दिया. इससे रेस्टोरेंट और फास्ट फूड कारोबार तो पटरी पर आने लगा, लेकिन लोगों की सेहत भी जवाब देने लगी. अब लोगों को क्लीनिक या फिर अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है.

अनलॉक शुरू होने के बाद डॉक्टरों के पास जाने वाले मरीजों की तादाद में इजाफा हुआ है. खांसी, जुकाम और बुखार के मामलों में इजाफा हुआ है. इसकी वजह से दवाओं की बिक्री में भी करीब 30 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया है. मौका देख दवा कंपनियों ने भी दाम बढ़ा दिए हैं. उधर बारिश और मौसम बदलने का असर भी लोगों पर पड़ने लगा है. इससे लोगों को बुखार, जुकाम, सर्दी, खांसी, शुगर, बीपी जैसी बीमारियां घेरने लगी हैं. ऐसे में लोगों को डॉक्टरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

पिछले महीने यानी जून में हुए कारोबार के परिणाम आना शुरू हो गए हैं. जुलाई में आए परिणाम चौंकाने वाले हैं. इसमें तीस प्रतिशत से ज्यादा दवाओं की बिक्री बढ़ गई है. सबसे ज्यादा पैरासिटामॉल और एंटीबायोटिक दवाओं की बिक्री में उछाल आया है. कारोबारी इसे अच्छा उछाल मान रहे हैं. वहीं डॉक्टरों के यहां भी मरीज लगातार बढ़ना शुरू हुए हैं. लगभग सभी डॉक्टरों की ओपीडी में मरीजों की गिनती अप्रैल और मई से दोगुनी से ज्यादा तक हो गई है.

मरीजों की बढ़ती तादाद के चलते कई प्रमुख दवा निर्माता कंपनियों ने मांग बढ़ने के साथ 20-25 प्रतिशत दामों में बढ़ोतरी कर दी है. दवाओं के नए स्टाक में एमआरपी बढ़कर आने लगी है. जिनके पास पुराना स्टाक है वो भी नए दामों में बेचने लगे हैं.

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