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सरकारी स्कूल हुआ मॉडर्न, एडमिशन के लिए निजी स्कूल के अभिभावक भी कर रहे मारामारी - Bareilly Education Department

उत्तर प्रदेश के बरेली में बेसिक शिक्षा विभाग के एक प्राथमिक स्कूल की फर्स, दीवार और कमरों को चमकती टाइल्स से सजाया गया है. बेसिक शिक्षा विभाग जसौली के इस स्कूल में 16 स्मार्ट क्लास रूम बनाए गए हैं. सभी में प्रोजेक्टर, एसी और सुविधाजनक फर्नीचर लगाए गए हैं. इस स्कूल की रंगत ऐसी है कि अभिभावक अपने बच्चों के एडमिशन के लिए निजी स्कूल छोड़ यहां लाइन लगा रहे हैं.

बरेली के गांव का आकर्षक और चमचमाता सरकारी स्कूल.
बरेली के गांव का आकर्षक और चमचमाता सरकारी स्कूल.
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Published : Jul 31, 2021, 6:07 PM IST

बरेली: बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) के किसी स्कूल में एडमिशन के लिए छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की लाइन लगती हो, ऐसा नजारा शायद ही आपने कभी देखा होगा. आपने सरकारी स्कूल की शायद ही ऐसी बिल्डिंग देखी हो, जो टाइल्स से चमक रही हो और क्लास रूम में एसी और प्रोजेक्टर लगाकर बच्चों को पढ़ाने की तैयारी हो. जी हां! बरेली में बेसिक शिक्षा विभाग का एक ऐसा ही स्कूल है, जिसे चमकती टाइल्स से सजाया गया है और क्लासरूम में प्रोजेक्टर लगाकर फर्नीचर की व्यवस्था की गई है. यह सरकारी स्कूल मॉडर्न तरीके से बनाया गया है. इसमें एडमिशन के लिए निजी स्कूल के अभिभावक भी मारामारी कर रहे हैं.

बरेली के गांव का आकर्षक और चमचमाता सरकारी स्कूल.
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कोरोना काल में पैरेंट्स मजबूर, बच्चों को भेज रहे सरकारी स्कूल


बरेली के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने मिशन कायाकल्प के तहत जिले के सभी सरकारी स्कूलों को संवारने का अभियान शुरू किया था. इसी कड़ी में बरेली के बड़े उद्योगपति हाजी शकील कुरेशी ने जसौली के प्राथमिक स्कूल को संवारने का जिम्मा लिया, जिसके बाद स्कूल की पुरानी इमारतों को गिराकर लगभग 2 करोड़ खर्च कर मॉडर्न तरीके से नया स्कूल बनाकर तैयार किया गया है. यहां आधुनिक क्लास रूम, मार्डन शौचालय, कैंटीन, बगीचा और अन्य आधुनिक सुविधाएं हैं. इस स्कूल को नया रूप देकर बनाया गया है.

बरेली के बेसिक शिक्षा विभाग जसौली के (Bareilly Basic Education Department Jasuli) प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 8 तक की पढ़ाई होती है, जिसमें छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए 16 कक्षाएं बनाई गई हैं. प्रत्येक कक्षा में प्रोजेक्टर और सुंदर फर्नीचर लगाया गया है. इतना ही नहीं क्लासरूम को एयरकंडीशनर बनाया गया है.
इसे भी पढ़ें- ग्राम प्रधान ने परिषदीय स्कूल का किया 'कायाकल्प'


प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहा बेसिक शिक्षा विभाग का स्कूल
स्कूल की फर्स, दीवार और कमरों की चमकती टाइल्स से स्कूल की बिल्डिंग बहुत ही खूबसूरत लग रही है. बेसिक शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है. बिल्डिंग को देखकर ऐसा नहीं लगता कि यह कोई उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय है.

निजी स्कूलों से सरकारी स्कूल में एडमिशन ले रहे छात्र
बेसिक शिक्षा विभाग के इस मॉडर्न स्कूल बनने के बाद निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र अब इस स्कूल में एडमिशन के लिए लाइन में लग रहे हैं. एडमिशन के लिए प्राथमिक विद्यालय में छात्र-छात्राओं के अभिभावकों का आना जारी है. यह शायद बेसिक शिक्षा विभाग का पहला ऐसा स्कूल होगा, जहां अभिभावकों की एडमिशन के लिए लाइन लग रही हो.


स्कूल की खूबसूरती देख दाखिले के लिए दौड़ रहे अभिभावक
स्कूल की खूबसूरत बिल्डिंग और इसकी सुविधाओं को देखकर अभिभावक भी अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर इस बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल में पढ़ाने के लिए लालायित हैं. कुछ अभिभावकों का कहना है कि मोटी फीस देने के बाद भी उतनी अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पा रही थी, जितनी इस स्कूल में मिलने की उम्मीद है.

स्कूल बनने के बाद छात्रों की संख्या में आई बढ़ोतरी
स्कूल के प्रधानाध्यापक हरीश बाबू शर्मा बताते हैं कि जब से मॉडर्न स्कूल बनकर तैयार हुआ है, तब से छात्र-छात्राओं के एडमिशन में दोगुनी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जहां पहले प्राथमिक विद्यालय में 450 के आस-पास बच्चे थे, अब यहां महज कुछ दिनों में ही 900 से ऊपर बच्चे हो गए हैं. अभी भी नए बच्चों के एडमिशन का सिलसिला जारी है. विद्यालय में अभी भी कुछ काम चल रहा है.

इसे भी पढ़ें- कैसे संवरेगा नौनिहालों का भविष्य, जब ऐसे होंगे राजधानी के सरकारी स्कूल

स्कूल में 6 अध्यापकों का स्टाफ
बरेली के जसौली प्राथमिक विद्यालय में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से 6 अध्यापकों को नियुक्त किया गया है. अनुदेशक भी नियुक्त हैं, जो इस स्कूल में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं. अभी तक कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं. साथ ही साथ अध्यापकों द्वारा मोहल्ला पाठशाला चलाई जा रही है. स्मार्ट कमरों में लगे प्रोजेक्टर पर पढ़ाने के लिए स्कूल में तैनात अध्यापक उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब बच्चों की क्लास चलना शुरू हो जाएगी.
इसे भी पढ़ें-निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे ये सरकारी स्कूल

बरेली: बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) के किसी स्कूल में एडमिशन के लिए छात्र-छात्राओं के अभिभावकों की लाइन लगती हो, ऐसा नजारा शायद ही आपने कभी देखा होगा. आपने सरकारी स्कूल की शायद ही ऐसी बिल्डिंग देखी हो, जो टाइल्स से चमक रही हो और क्लास रूम में एसी और प्रोजेक्टर लगाकर बच्चों को पढ़ाने की तैयारी हो. जी हां! बरेली में बेसिक शिक्षा विभाग का एक ऐसा ही स्कूल है, जिसे चमकती टाइल्स से सजाया गया है और क्लासरूम में प्रोजेक्टर लगाकर फर्नीचर की व्यवस्था की गई है. यह सरकारी स्कूल मॉडर्न तरीके से बनाया गया है. इसमें एडमिशन के लिए निजी स्कूल के अभिभावक भी मारामारी कर रहे हैं.

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बरेली के जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने मिशन कायाकल्प के तहत जिले के सभी सरकारी स्कूलों को संवारने का अभियान शुरू किया था. इसी कड़ी में बरेली के बड़े उद्योगपति हाजी शकील कुरेशी ने जसौली के प्राथमिक स्कूल को संवारने का जिम्मा लिया, जिसके बाद स्कूल की पुरानी इमारतों को गिराकर लगभग 2 करोड़ खर्च कर मॉडर्न तरीके से नया स्कूल बनाकर तैयार किया गया है. यहां आधुनिक क्लास रूम, मार्डन शौचालय, कैंटीन, बगीचा और अन्य आधुनिक सुविधाएं हैं. इस स्कूल को नया रूप देकर बनाया गया है.

बरेली के बेसिक शिक्षा विभाग जसौली के (Bareilly Basic Education Department Jasuli) प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 8 तक की पढ़ाई होती है, जिसमें छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए 16 कक्षाएं बनाई गई हैं. प्रत्येक कक्षा में प्रोजेक्टर और सुंदर फर्नीचर लगाया गया है. इतना ही नहीं क्लासरूम को एयरकंडीशनर बनाया गया है.
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प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहा बेसिक शिक्षा विभाग का स्कूल
स्कूल की फर्स, दीवार और कमरों की चमकती टाइल्स से स्कूल की बिल्डिंग बहुत ही खूबसूरत लग रही है. बेसिक शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है. बिल्डिंग को देखकर ऐसा नहीं लगता कि यह कोई उत्तर प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग का प्राथमिक विद्यालय है.

निजी स्कूलों से सरकारी स्कूल में एडमिशन ले रहे छात्र
बेसिक शिक्षा विभाग के इस मॉडर्न स्कूल बनने के बाद निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र अब इस स्कूल में एडमिशन के लिए लाइन में लग रहे हैं. एडमिशन के लिए प्राथमिक विद्यालय में छात्र-छात्राओं के अभिभावकों का आना जारी है. यह शायद बेसिक शिक्षा विभाग का पहला ऐसा स्कूल होगा, जहां अभिभावकों की एडमिशन के लिए लाइन लग रही हो.


स्कूल की खूबसूरती देख दाखिले के लिए दौड़ रहे अभिभावक
स्कूल की खूबसूरत बिल्डिंग और इसकी सुविधाओं को देखकर अभिभावक भी अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर इस बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल में पढ़ाने के लिए लालायित हैं. कुछ अभिभावकों का कहना है कि मोटी फीस देने के बाद भी उतनी अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पा रही थी, जितनी इस स्कूल में मिलने की उम्मीद है.

स्कूल बनने के बाद छात्रों की संख्या में आई बढ़ोतरी
स्कूल के प्रधानाध्यापक हरीश बाबू शर्मा बताते हैं कि जब से मॉडर्न स्कूल बनकर तैयार हुआ है, तब से छात्र-छात्राओं के एडमिशन में दोगुनी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जहां पहले प्राथमिक विद्यालय में 450 के आस-पास बच्चे थे, अब यहां महज कुछ दिनों में ही 900 से ऊपर बच्चे हो गए हैं. अभी भी नए बच्चों के एडमिशन का सिलसिला जारी है. विद्यालय में अभी भी कुछ काम चल रहा है.

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स्कूल में 6 अध्यापकों का स्टाफ
बरेली के जसौली प्राथमिक विद्यालय में छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से 6 अध्यापकों को नियुक्त किया गया है. अनुदेशक भी नियुक्त हैं, जो इस स्कूल में एडमिशन लेने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं. अभी तक कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं. साथ ही साथ अध्यापकों द्वारा मोहल्ला पाठशाला चलाई जा रही है. स्मार्ट कमरों में लगे प्रोजेक्टर पर पढ़ाने के लिए स्कूल में तैनात अध्यापक उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब बच्चों की क्लास चलना शुरू हो जाएगी.
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