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बरेली : जिला अस्पताल में जान बचाने वाला ऑक्सीजन सिस्टम ही बीमार

बरेली के जिला अस्पताल के इमरजेंसी बोर्ड मे लगा सेंटर सेक्शन सिस्टम मरीजों को बीमार करने में लगा हुआ है, क्योंकि इसमें भरे गंदे पानी की सफाई कभी-कभी ही होती है.

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Published : Mar 31, 2019, 4:21 PM IST

जिला अस्पताल में जान बचाने वाला ऑक्सीजन सिस्टम ही बीमार

बरेली : जिला अस्पताल में सेंटर सेक्शन सिस्टम पैनल को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों के प्रति अस्पताल कितना सजग है. इमरजेंसी वार्ड मे लगा सेंटर सेक्शन सिस्टम मरीजों को बीमार करने में लगा हुआ है.

गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए सेंटर ऑक्सीजन सिस्टम की जरूरत पड़ती है. उसके पैनल में सेंटर सेक्शन लगा होता है, जिसका काम ऑक्सीजन और पानी के माध्यम से मरीजों के मुंह और गले में पड़ी गंदगी को खींचकर बाहर निकालना होता है. इस सिस्टम की सफाई हर दूसरे और तीसरे दिन की जाती है, जिससे कि सेंटर सेक्शन सिस्टम से इन्फेक्शन की संभावना न रहे.

जिला अस्पताल में जान बचाने वाला ऑक्सीजन सिस्टम ही बीमार, देखें वीडियो

मरीजों की सेहत से खिलवाड़

इमरजेंसी वार्ड के अलावा चिल्ड्रेन वार्ड, बर्न वार्ड ,ऑर्थो सर्जिकल वार्ड, फीमेल मेडिकल वार्ड के पास सेंटर सेक्शन सिस्टम लगा होता है. इसकी सफाई यदा-कदा ही की जाती है. ऐसे में सेंटर सेक्शन सिस्टम का गंदा होना मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना है. यहां तक कि जिम्मेदार लोग भी इस सिस्टम को देखकर अनदेखा कर देते हैं.

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एस के गुप्ता ने कहा कि मेरी तरफ से सेंटर सेक्शन सिस्टम को लगातार साफ करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, आर्थो सर्जिकल वार्ड के विशेषज्ञ डॉक्टर विनोद पकरानी ने बताया कि एयर प्रेशर के माध्यम से गंभीर मरीजों के गले और मुंह में फंसी गंदगी को निकालने के लिए सेंटर सेक्शन सिस्टम के पानी में दवा मिलाई जाती है.

डॉक्टर विनोद ने बताया कि ऑक्सीजन पैनल में लगे इंटरसेक्शन सिस्टम का दवा युक्त पानी एक बार में एक ही मरीज के लिए इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इसमें काफी संक्रमण हो जाते हैं. दूसरे मरीज पर इसका इस्तेमाल करने पर उसे गंभीर बीमारी हो सकती है.

बरेली : जिला अस्पताल में सेंटर सेक्शन सिस्टम पैनल को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों के प्रति अस्पताल कितना सजग है. इमरजेंसी वार्ड मे लगा सेंटर सेक्शन सिस्टम मरीजों को बीमार करने में लगा हुआ है.

गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए सेंटर ऑक्सीजन सिस्टम की जरूरत पड़ती है. उसके पैनल में सेंटर सेक्शन लगा होता है, जिसका काम ऑक्सीजन और पानी के माध्यम से मरीजों के मुंह और गले में पड़ी गंदगी को खींचकर बाहर निकालना होता है. इस सिस्टम की सफाई हर दूसरे और तीसरे दिन की जाती है, जिससे कि सेंटर सेक्शन सिस्टम से इन्फेक्शन की संभावना न रहे.

जिला अस्पताल में जान बचाने वाला ऑक्सीजन सिस्टम ही बीमार, देखें वीडियो

मरीजों की सेहत से खिलवाड़

इमरजेंसी वार्ड के अलावा चिल्ड्रेन वार्ड, बर्न वार्ड ,ऑर्थो सर्जिकल वार्ड, फीमेल मेडिकल वार्ड के पास सेंटर सेक्शन सिस्टम लगा होता है. इसकी सफाई यदा-कदा ही की जाती है. ऐसे में सेंटर सेक्शन सिस्टम का गंदा होना मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना है. यहां तक कि जिम्मेदार लोग भी इस सिस्टम को देखकर अनदेखा कर देते हैं.

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एस के गुप्ता ने कहा कि मेरी तरफ से सेंटर सेक्शन सिस्टम को लगातार साफ करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, आर्थो सर्जिकल वार्ड के विशेषज्ञ डॉक्टर विनोद पकरानी ने बताया कि एयर प्रेशर के माध्यम से गंभीर मरीजों के गले और मुंह में फंसी गंदगी को निकालने के लिए सेंटर सेक्शन सिस्टम के पानी में दवा मिलाई जाती है.

डॉक्टर विनोद ने बताया कि ऑक्सीजन पैनल में लगे इंटरसेक्शन सिस्टम का दवा युक्त पानी एक बार में एक ही मरीज के लिए इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इसमें काफी संक्रमण हो जाते हैं. दूसरे मरीज पर इसका इस्तेमाल करने पर उसे गंभीर बीमारी हो सकती है.

Intro:जिला अस्पताल में सेंटर सेक्शन सिस्टम पैनल को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों के प्रति जिला अस्पताल कितना सजग है सेंटर सेक्शन सिस्टम में भरे गंदे पानी ओर साफ सफाई की अब्यबस्त की वजह से डॉक्टर भी मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।



Body:इमरजेंसी बोर्ड मे लगा सेंटर सेक्शन सिस्टम मरीजों को बीमार करने में लगा हुआ है गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन देने के लिए सेंटर ऑक्सीजन सिस्टम की जरूरत पड़ती है उसके पैनल में सेंटर सेक्शन लगा होता है जिसका काम ऑक्सीजन और पानी के माध्यम से मरीजों के मुंह ओर गले में पड़ी गंदगी को खींचकर बाहर निकालना होता है इस सिस्टम की सफाई हर दूसरे और तीसरे दिन की जाती है जिससे कि सेंटर सेक्शन सिस्टम इन्फेक्शन की संभावना ना रहे।
बाइट:- डॉ एस के गुप्ता( cmsजिला अस्पताल) इमरजेंसी बोर्ड के अलावा बच्चा बोर्ड ,बर्न बोर्ड ,ऑर्थोसर्किकल बोर्ड ,फीमेल मेडिकल बोर्ड के पास सेंटर सेक्शन सिस्टम लगा होता है। इसकी सफाई यदाकदा ही की जाती है। ऐसे में सेंटर सेक्शन सिस्टम का गंदा होना अलग ही दिखाई पड़ता है जिम्मेदार लोग भी इस सिस्टम को देख कर अनदेखा कर देते हैं।
बाइट: विनोद पकरानी (ऑर्थोसर्जिकल डॉक्टर)
विशेषज्ञ डॉक्टर ने बताया कि एयर प्रेशर के माध्यम से गंभीर मरीजों के गले और मुंह में फंसी गंदगी को निकालने के लिए सेंटर सेक्शन सिस्टम के पानी में दवा मिलाई जाती है ऑक्सीजन पैनल में लगे इंटरसेक्शन सिस्टम का दवा युक्त पानी एक बार में एक ही मरीज के लिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसमें काफी संक्रमण हो जाते हैं इसलिए दूसरे मरीज के इस्तेमाल करने पर गंभीर बीमारी हो सकती है जिससे सदैव बचना चाहिए।


Conclusion:बरेली का जिला अस्पताल अगर ऐसे ही मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करता गया तो 1 दिन जिला अस्पताल के अंदर सभी मरीजों में गंभीर बीमारियों के लक्षण उत्पन्न हो जाएंगे। अस्पताल के डॉक्टर और सीएमएस को चाहिए कि समय-समय पर यह सारे उपकरणों की जांच और इनकी सफाई की व्यवस्था सुचारू रूप से करानी चाहिए जिससे कि कोई भी मरीज किसी प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रस्त ना हो सके
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