बरेलीः जिले में यूं तो बेहतर पुलिसिंग के लिए दिन रात अफसर भागदौड़ कर रहे हैं. क्राइम पर कंट्रोल भी यहां किया जा रहा है, लेकिन अगर गौर किया जाए तो हैरान करने वाली बात यह है कि अक्टूबर महीने में बरेली की क्राइम ब्रांच की टीम को अवैध वसूली का वीडियो वायरल होने के बाद भंग कर दिया गया था. तब से नई टीम का अब तक गठन नहीं हो पाया है.
सूना है 3 माह से क्राइम ब्रांच का जिले का दफ्तर
आपराधिक घटनाओं के बाद उनके जल्द खुलासे से लेकर अपराधियों को सलाखों के पीछे तक पहुंचाने के लिए सूबे के हर जिले में क्राइम ब्रांच का दफ्तर भी है. अपराधियों पर नकेल कसने के लिए क्राइम ब्रांच की अच्छी खासी टीम होती है. अब अगर बरेली जिले का जिक्र किया जाए तो यहां अक्टूबर माह से क्राइम ब्रांच का दफ्तर तो है, क्राइम ब्रांच के बड़े अधिकारी भी हैं, लेकिन टीम नहीं है.
हिस्से के बंटवारे का वीडियो वायरल होने पर भंग की गई थी टीम
दरअसल अक्टूबर माह में एक वीडियो तब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जब क्राइम ब्रांच की टीम अवैध वसूली के बंटवारे को लेकर आप में बंदरबांट कर रहे थे. उस वायरल वीडियो में क्राइम ब्रांच के यूपी पुलिस की साख पर बट्टा लगाते हुए भ्रष्ट पुलिसकर्मी बंटवारे को लेकर आपस में मंथन कर रहे थे.
गौरतलब है कि बाद में जिले के कप्तान रोहित सिंह सजवाण ने क्राइम ब्रांच प्रभारी समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए भ्रष्टाचार का मुकदमा भी उन पर दर्ज कराया था. तब पुलिस की साख को धूमिल करने वाले सभी टीम के सदस्यों को अन्य जनपदों में स्थानांतरित भी कर दिया था.
वर्तमान में क्राइम ब्रांच में ज्वाइन करने से कतरा रहे पुलिसकर्मी
खास बात ये है कि जिम्मेदार अफसरों की मानें तो उसके बाद से तमाम कवायदें यहां हो रही हैं. नई टीम बनाने के लिए, लेकिन अब तीन महीने गुजर चुके, लेकिन अभी तक क्राइम ब्रांच की टीम का यहां गठन नहीं हो पाया है.