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बरेली: जिला अस्पताल के रैन बसेरा का है खस्ताहाल

उत्तर प्रदेश के बरेली में लोगों को ठंड से बचाने के लिए जिले के रैन बसेरा में कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. जिलाधिकारी के सख्त निर्देश के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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जिला अस्पताल के रैन बसेरे में नहीं हैं सुविधाएं.
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Published : Dec 12, 2019, 11:42 AM IST

बरेली: लोगों को ठंड से बचाने के लिए बनाए गए जिला अस्पताल के रैन बसेरे में अव्यवस्थाएं हावी हैं. सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ने के बाद भी अब तक रैन बसेरे में रात गुजारने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. कहने को अस्पताल में दो जगह रैन बसेरे बनाए गए हैं मगर एक में भी सुविधाएं पूरी नहीं हैं.

जिला अस्पताल के रैन बसेरे में नहीं हैं सुविधाएं.

रैन बसेरे में नहीं है सुविधाएं

  • रैन बसेरे में पसरी पड़ी अव्यवस्थाओं की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
  • इस वजह से लोग इन रैन बसेरों मे रात गुजारना नहीं चाह रहे हैं.
  • रैन बसेरे में न तो ठंड से बचने के लिए अलाव की कोई व्यवस्था है, न ही रजाई-गद्दे हैं.
  • कुछ के पलंगों पर गद्दे डलवाए गए हैं, मगर वे भी फटे हुए और बदबूदार हैं.
  • हालत ये है कि रैन बसेरे में टूटी खिड़कियों के कांच तक नहीं लगवाए गए, न इन खिड़कियों पर पर्दे लगे हैं.

नगर निगम ने नहीं भेजी लकड़ी

  • लोगों को ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाने के लिए नगर निगम की ओर से हर साल रैन बसेरों को लकड़ी भेजी जाती है.
  • इस साल अब तक नगर निगम की तरफ से लकड़ी भी नहीं मिल पाई है.
  • लकड़ी का इंतजाम न होने से अलाव जलाने की व्यवस्था भी शुरू नहीं हो सकी है, जिसको लेकर लोग परेशान हैं.

जिलाधिकारी के कड़े निर्देश पर भी नहीं हो रहा काम

  • हैरत की बात है कि रैन बसेरों का यह हाल जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों के बाद का है.
  • पिछले दिनों जिला अस्पताल के निरीक्षण को आए डीएम नितीश कुमार ने रैन बसेरे को बंद देखकर कड़ी नाराजगी जताई थी.
  • उन्होंने जल्द रैन बसेरों में इंतजाम पूरे कर उन्हें खोलने के निर्देश दिए थे.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: शासन ने कराई रैन बसेरों की व्यवस्था, फुटपाथ पर सोने वालों को नहीं जानकारी

  • डीएम की सख्ती के बाद हरकत में आए अधिकारियों ने आनन- फानन में रैन बसेरों के ताले खुलवाकर वहां फटे ही सही मगर गद्दे डलवा दिए.
  • 20 लोगों का इंतजाम जिला अस्पताल परिसर में दो जगहों पर रैन बसेरे बनवाए गए हैं.

बरेली: लोगों को ठंड से बचाने के लिए बनाए गए जिला अस्पताल के रैन बसेरे में अव्यवस्थाएं हावी हैं. सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ने के बाद भी अब तक रैन बसेरे में रात गुजारने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. कहने को अस्पताल में दो जगह रैन बसेरे बनाए गए हैं मगर एक में भी सुविधाएं पूरी नहीं हैं.

जिला अस्पताल के रैन बसेरे में नहीं हैं सुविधाएं.

रैन बसेरे में नहीं है सुविधाएं

  • रैन बसेरे में पसरी पड़ी अव्यवस्थाओं की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
  • इस वजह से लोग इन रैन बसेरों मे रात गुजारना नहीं चाह रहे हैं.
  • रैन बसेरे में न तो ठंड से बचने के लिए अलाव की कोई व्यवस्था है, न ही रजाई-गद्दे हैं.
  • कुछ के पलंगों पर गद्दे डलवाए गए हैं, मगर वे भी फटे हुए और बदबूदार हैं.
  • हालत ये है कि रैन बसेरे में टूटी खिड़कियों के कांच तक नहीं लगवाए गए, न इन खिड़कियों पर पर्दे लगे हैं.

नगर निगम ने नहीं भेजी लकड़ी

  • लोगों को ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाने के लिए नगर निगम की ओर से हर साल रैन बसेरों को लकड़ी भेजी जाती है.
  • इस साल अब तक नगर निगम की तरफ से लकड़ी भी नहीं मिल पाई है.
  • लकड़ी का इंतजाम न होने से अलाव जलाने की व्यवस्था भी शुरू नहीं हो सकी है, जिसको लेकर लोग परेशान हैं.

जिलाधिकारी के कड़े निर्देश पर भी नहीं हो रहा काम

  • हैरत की बात है कि रैन बसेरों का यह हाल जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों के बाद का है.
  • पिछले दिनों जिला अस्पताल के निरीक्षण को आए डीएम नितीश कुमार ने रैन बसेरे को बंद देखकर कड़ी नाराजगी जताई थी.
  • उन्होंने जल्द रैन बसेरों में इंतजाम पूरे कर उन्हें खोलने के निर्देश दिए थे.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: शासन ने कराई रैन बसेरों की व्यवस्था, फुटपाथ पर सोने वालों को नहीं जानकारी

  • डीएम की सख्ती के बाद हरकत में आए अधिकारियों ने आनन- फानन में रैन बसेरों के ताले खुलवाकर वहां फटे ही सही मगर गद्दे डलवा दिए.
  • 20 लोगों का इंतजाम जिला अस्पताल परिसर में दो जगहों पर रैन बसेरे बनवाए गए हैं.
Intro:एंकर:-लोगों को ठंड से बचाने के लिए बनाए गए जिला अस्पताल के रैन बसेरे में अव्यवस्थाएं हावी हैं । सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ने के बाद भी अब तक रैन बसेरे में रात गुजारने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं । कहने को अस्पताल में दो जगह रैन बसेरे बनाए गये हैं , मगर एक में भी सुविधाएं पूरी नहीं हैं । 





Body:Vo1:-रैन बसेरे में पसरी पड़ी अव्यवस्थाओं की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है , जिस वजह से लोग इन रैन बसेरों मे रात गुजारना नहीं चाह रहे । हाड़ कंपाती ठंड में अगर आप जिला अस्पताल के रैन बसेरे में रात गुजारने की सोच रहे हैं तो एक बार ठहर जाइए । अस्पताल का रैन बसेरा आपको सर्दी से निजात दिलाने से ज्यादा उल्टा बीमार ही कर देगा ।


Vo2:-रैन बसेरे में न तो ठंड से बचने के लिए अलाव की कोई व्यवस्था है , न रजाई गद्दे ही हैं । कुछे के पलंगों पर गद्दे डलवाए गए हैं , मगर वे भी फटे हुए और बदबूदार हैं । हालत ये है कि रैन बसेरे में टूटी खिड़कियों के कांच तक नहीं लगवाए गए , न इन खिड़कियों पर पर्दे लगे हैं ।


बाइट:-विनीत शुक्ल सीएमओ जिला अस्पताल





Conclusion:Fvo:-:-नगर निगम ने नहीं भेजी लकड़ी : लोगों को ठंड से बचाव के लिए अलाव जलाने के लिए नगर निगम की ओर से हर साल रैन बसेरों को लकड़ी भेजी जाती है , मगर इस साल अब तक वह भी नहीं मिल पाई है । लकड़ी का इंतजाम न होने से अलाव जलाने की व्यवस्था भी शुरू नहीं हो सकी है । इसको लेकर लोग परेशान हैं ।खानापूर्ति भी डीएम के निर्देश पर की हैरत की बात है कि रैन बसेरों का यह हाल जिलाधिकारी के सख्त निर्देशों के बाद है । पिछले दिनों जिला अस्पताल के निरीक्षण को आए डीएम नितीश कुमार ने रैन बसेरे को बंद देखकर कड़ी नाराजगी जताई थी । उन्होंने जल्द रैन बसेरों में इंतजाम पूरे कर उन्हें खोलने के निर्देश दिए थे । डीएम की सख्ती के बाद हरकत में आए अधिकारियों में आनन - फानन में रैन बसेरों के ताले खुलवाकर वहां फटे ही सही मगर गद्दे डलवा दिए । 20 लोगों का इंतजाम जिला अस्पताल परिसर में दो जगहों पर रैन बसेरे बनवाए गए हैं । इमरजेंसी वार्ड के पास और रोड के दूसरी ओर हड्डी वार्ड के सामने 10 10 बेड के दो रैन बसेरे बनाए गए हैं । मगर पर्याप्त इंतजाम कहीं नहीं है ।


रंजीत शर्मा।

9536666643

ईटीवी भारत,बरेली।

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