बरेलीः द हेल्थ केयर सर्विस पर्सनल एंड क्लीनिक स्टैब्लिशमेंट नामक समझौते के मुताबिक डॉक्टर, नर्स ,पैरामेडिक स्टाफ और एएनएम सभी को कानून के तहत सुरक्षा मिलेगी. अगर कोई व्यक्ति चिकित्सकों से मारपीट करता है या पैथोलॉजी नर्सिंग होम में तोड़फोड़ करता है तो उसके खिलाफ पांच साल तक की जेल और पांच लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.
उपर्युक्त कानून के मसौदे को तैयार करके स्वास्थ्य मंत्रालय ने 30 दिनों के लिए लोगों से इस कानून के प्रति आपत्ति और सुझाव मांगे हैं. इस कानून को लागू होते ही कानूनी कार्रवाई होना चालू हो जाएगी. डॉक्टर, नर्स ,पैरामेडिक स्टाफ और एएनएम इन सभी से मारपीट करना गैर जमानती अपराध होगा. दोषी साबित होने पर छः माह से पांच साल तक की सजा और पचास हजार से लेकर पांच लाख तक का जुर्माना हो सकता है. अस्पताल के संपत्ति का नुकसान करने पर बाजार मूल्य का दोगुना हर्जाना देना होगा.
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बरेली के नामचीन हॉस्पिटल के डॉक्टर विनोद पागरानी इस कानून को लागू करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है इसका सबसे बड़ा फायदा मरीज को होगा, क्योंकि डॉक्टर गंभीर मरीज को भर्ती करने से डरता है अभी तक गंभीर मरीजों को भर्ती करने से चिकित्सक बचते हैं. चिकित्सक को डर रहता है कि मरीज को बचा न सके तो उसके साथ आए हुए परिजन तोड़फोड़ करेंगे या डॉक्टर के साथ मारपीट करेंगे. इसलिए वह गंभीर मरीजों को बाहर रेफर कर देता है जिससे अधिकांश मरीजों की मौत रास्ते में ही हो जाती है.