बरेली: राधारानी सेवा ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में आईं कथा व्यास सुश्री जया किशोरी ने कत्था फेक्टरी के संत आश्रम में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं संत साध्वी नहीं हूं, बल्कि एक कथाकार हूं. उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ मामले सामने आने की वजह से कथावाचकों के प्रति बढ़ते अविश्वास के जवाब में उन्होंने कहा कि एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है.
जब-जब इंसान को भगवान की उपाधि दी गई तब-तब हुआ गलत
एक-दो चमत्कार देखकर गुरु न बनाएं. सच्चा और अच्छा गुरु वहीं है, जो भक्त को खुद से नहीं बल्कि ईश्वर से जोड़े. जब-जब हमने इंसान को भगवान की उपाधि दी तब-तब गलत हुआ. आध्यात्म के लिए जरूरी नहीं आप अपना घर छोड़ें या किसी आश्रम में रहें. मैंने अपनी सभी शिक्षा घर में रहकर ही पूरी की है.
भगवान से जुड़ने के बाद मुश्किलों से लड़ने की बढ़ जाती है ताकत
युवाओं के मेक इन इंडिया या अध्यात्म से जुड़ने के सवाल पर कहा कि मैं युवाओं को मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाने का काम कर रही हूं. भगवान से जुड़ने के बाद व्यक्ति में मुश्किलों से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है. अपना करियर शुरू करने के सवाल पर कहा कि मैंने 6 वर्ष की आयु में शुरुआत की थी. तब करियर के बारे में कुछ नहीं सोचा था. भगवान ने अपने आप रास्ता दिखाया.
उन्होंने कहा कि वे अब कथा के साथ मोटीवेशनल स्पीकिंग सेशन भी युवाओं के बीच कराएंगी, क्योंकि युवाओं में जीवन सम्बंधी समस्याएं, तनाव, अवसाद जैसे मामले काफी बढ़ रहे हैं. जया कुमारी ने युवाओं से कहा, हार या जीत जिन्दगी का हिस्सा है, लेकिन जिन्दगी नहीं है. युवाओं को निराश नहीं होना चाहिए.
CAA पर बोली जया किशोरी
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समय आने पर वैवाहीक जीवन में जरूर जाउंगी. CAA और NRC के बारे में उन्होंने कहा कि पहले उसे समझना चाहिए बाद में निर्णय लें कि हमें समर्थन करना चाहिए या नहीं.
इसे भी पढ़ें:- शिवपाल यादव ने सपा से गठबंधन के दिए संकेत, बोले- बीजेपी को हराने के लिए साथ आना जरूरी