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बरेली में 90 से अधिक छोटी-छोटी गोशालाएं होंगी बंद - बरेली में छोटी-छोटी गोशालाएं होंगी बंद

उत्तर प्रदेश के बरेली में गायों की देख-रेख को लेकर सावधानी बरती जा रही है. जनपद में 90 से अधिक छोटी-छोटी गोशालाएं बंद की जाएंगी और गोवंशों को बड़े गोशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा.

90 से अधिक छोटी-छोटी गोशालाएं होंगी बंद.
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Published : Nov 15, 2019, 5:10 PM IST

बरेली: कान्हा उपवन में गायों की मौत का मामला लखनऊ तक पहुंचा तो गोवंश की देखभाल को लेकर चौकसी शुरू हो गई. अब शासन द्वारा गांवों में छोटी-छोटी बदहाल गोशालाओं को बंद करने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत कम से कम 90 से अधिक छोटी-छोटी गोशाला बहुत जल्द बंद हो जाएंगी.

कान्हा गोशाला के गायों की मौत के मामले में बरेली के मेयर और नगर आयुक्त ने अपनी-अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी. इस घटना की जिम्मेदारी शासन स्तर से तय होनी थी, कि जिम्मेदार कौन है. गोशाला की लचर व्यवस्था होने के बाद भी जिम्मेदार क्यों नहीं सुधार कर पाए. नगर निगम के कान्हा गोशाला में एक के बाद एक गायों के मौत की जांच मेयर डॉ. उमेश गौतम और नगर आयुक्त सैमुअल पाल एन ने अपने स्तर की. गोशाला में मरी गायों से संबंधित रिपोर्ट की जांच नगर आयुक्त ने कमेटी से कराई थी. इसमें गायों के मरने की वजह और पूरी व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट तैयार की गई. वहीं मेयर ने कुछ दिन पहले पत्र के माध्यम से किए गए सवालों को आधार बना कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी.

90 से अधिक छोटी-छोटी गोशालाएं होंगी बंद.

गोवंश को लेने वाले पशुपालकों को 900 रुपये महीना देगी सरकार
हाल ही में कान्हा उपवन में गायों की मौत हुई तो प्रशासन को छोटी-छोटी गोशालाओं की याद आ गई. इसमें दस से कम गोवंश वाली गोशालाओं को बंद करने को कहा है. साथ ही उन गोशालाओं में रहने वाले गोवंश को गोवंश सहभागिता योजना के तहत किसानों को देने को कहा. गोवंश को लेने वाले पशुपालकों को 900 रुपये महीना सरकार देगी. अब तक 15 किसानों ने गोवंश को लेने के लिए आवेदन कर दिए हैं. इतना ही नहीं अन्य गोवंश को बड़ी गोशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा, ताकि उनकी बेहतर देख-रेख की जा सके. बरेली में 144 गोशालाओं में गोवंश रह रहे है. इनमें से 90 से अधिक ऐसी गोशाला हैं, जिनमें दस से कम पशु हैं. इन गोशालाओं को बंद करने की बात की जा रही है.

महापौर का कहना है कि दस से कम गोवंश वाली छोटी गोशालाओं को बंद किया जाएगा. बरेली की करीब 90 छोटी गोशाला बंद हो जाएंगी. उपवन में गोवंश की देख-रेख के लिए एक स्थाई तौर पर पशु चिकित्सक तैनात कर दिया गया है. प्राइवेट पशु चिकित्सक के वेतन का भुगतान नगर निगम करेगा. इसके अलावा पशुपालन विभाग के डाक्टरों की टीम नियमित गोवंश की जांच करेगी.

बरेली: कान्हा उपवन में गायों की मौत का मामला लखनऊ तक पहुंचा तो गोवंश की देखभाल को लेकर चौकसी शुरू हो गई. अब शासन द्वारा गांवों में छोटी-छोटी बदहाल गोशालाओं को बंद करने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत कम से कम 90 से अधिक छोटी-छोटी गोशाला बहुत जल्द बंद हो जाएंगी.

कान्हा गोशाला के गायों की मौत के मामले में बरेली के मेयर और नगर आयुक्त ने अपनी-अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी. इस घटना की जिम्मेदारी शासन स्तर से तय होनी थी, कि जिम्मेदार कौन है. गोशाला की लचर व्यवस्था होने के बाद भी जिम्मेदार क्यों नहीं सुधार कर पाए. नगर निगम के कान्हा गोशाला में एक के बाद एक गायों के मौत की जांच मेयर डॉ. उमेश गौतम और नगर आयुक्त सैमुअल पाल एन ने अपने स्तर की. गोशाला में मरी गायों से संबंधित रिपोर्ट की जांच नगर आयुक्त ने कमेटी से कराई थी. इसमें गायों के मरने की वजह और पूरी व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट तैयार की गई. वहीं मेयर ने कुछ दिन पहले पत्र के माध्यम से किए गए सवालों को आधार बना कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी.

90 से अधिक छोटी-छोटी गोशालाएं होंगी बंद.

गोवंश को लेने वाले पशुपालकों को 900 रुपये महीना देगी सरकार
हाल ही में कान्हा उपवन में गायों की मौत हुई तो प्रशासन को छोटी-छोटी गोशालाओं की याद आ गई. इसमें दस से कम गोवंश वाली गोशालाओं को बंद करने को कहा है. साथ ही उन गोशालाओं में रहने वाले गोवंश को गोवंश सहभागिता योजना के तहत किसानों को देने को कहा. गोवंश को लेने वाले पशुपालकों को 900 रुपये महीना सरकार देगी. अब तक 15 किसानों ने गोवंश को लेने के लिए आवेदन कर दिए हैं. इतना ही नहीं अन्य गोवंश को बड़ी गोशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा, ताकि उनकी बेहतर देख-रेख की जा सके. बरेली में 144 गोशालाओं में गोवंश रह रहे है. इनमें से 90 से अधिक ऐसी गोशाला हैं, जिनमें दस से कम पशु हैं. इन गोशालाओं को बंद करने की बात की जा रही है.

महापौर का कहना है कि दस से कम गोवंश वाली छोटी गोशालाओं को बंद किया जाएगा. बरेली की करीब 90 छोटी गोशाला बंद हो जाएंगी. उपवन में गोवंश की देख-रेख के लिए एक स्थाई तौर पर पशु चिकित्सक तैनात कर दिया गया है. प्राइवेट पशु चिकित्सक के वेतन का भुगतान नगर निगम करेगा. इसके अलावा पशुपालन विभाग के डाक्टरों की टीम नियमित गोवंश की जांच करेगी.

Intro:एंकर:-कान्हा उपवन में गायों की मौत का मामला लखनऊ तक पहुंचा तो गोवंश की देखभाल को लेकर चौकसी शुरू हो गई । गांवों में छोटी - छोटी बदहाल गोशालाओं को बंद करने की तैयारी की जा रही है । दससे कम गोवंशवाली 90 से अधिक छोटी - छोटी गोशाला बहुत जल्द बंद हो जाएंगी ।





Body:Vo1:-कान्हा गोशाला के गायों के मौत के मामले में बरेली के मेयर और नगर आयुक्त ने अपनी-अपनी रिपोर्ट को शासन को भेज थी तो इस घटना की जिम्मेदारी शासन स्तर से तय होनी थी। कि जिम्मेदार कौन है। गोशाला की लचर व्यवस्था होने के बाद भी जिम्मेदार क्यों नहीं सुधार कर पाए।नगर निगम के कान्हा गोशाला में एक के बाद एक गायों के मौत की जांच मेयर डा. उमेश गौतम और नगर आयुक्त सैमुअल पाल एन ने अपने स्तर कर ली। गोशाला में मरी गायों से संबंधित रिपोर्ट नगर आयुक्त ने कमेटी से कराई थी। इसमें गायों के मरने की वजह और पूरी व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट तैयार की गई । जबकि मेयर ने कुछ दिन पहले पत्र के माध्यम से किए गए सवालों को आधार बना कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी।


Vo2:-गोशालाओं में गोवंश की बदहाली के मामले लगातार सामने आ रहे हैं । देखरेख को लेकर सवाल उठ रहे हैं । हाल ही में कान्हा उपवन में गायों की मौत हुई तो प्रशासन को छोटी - छोटी गोशालाओं की याद आ गई । एक - एक गोशाला के इंतजाम के बारे में सीवीओ सेडीएम ने रिपोर्टली । दस से कम गोवंश वाली गोशालाओं को बंद करने को कहा । उनमें रहने वाले गोवंश को गोवंश सहभागिता योजना के तहत किसानों को देने को कहा । गोवंश को लेने वाले पशुपालकों को 900 रुपये महीना सरकार देगी । इतना ही नहीं बाकी गोवंश को बड़ी गोशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा । ताकि उनकी बेहतर देखरेख की जा सके । बरेली में 144 गोशालाओं में गोवंश रह रहे है । इनमें से 90 से अधिक ऐसी गोशाला हैं , जिनमें दस से कम पशु हैं । इन गोशालाओं को बंद करने की बात की जा रही है ।


बाइट:-उमेश गौतम (महापौर बरेली)


Vo3:-दस से कम गोवंश वाली छोटी गोशालाओं को बंद किया जाएगा । इनके गोवंश को बड़ी गोशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा । कई बड़ी गोशालाओं का संचालन शुरू हो गया है । बड़ी गोशालाओं में गोवंश की बेहतर देखभाल हो सकेगी । बरेली की करीब 90 छोटी गोशाला बंद हो जाएंगी ।कान्हा उपवन में गोवंश की देखरेख के लिए एक स्थाई तौर पर पशु चिकित्सक तैनात कर दिया गया है । प्राइवेट पशु चिकित्सक के वेतन का भुगतान नगर निगम करेगा । इसके अलावा पशुपालन विभाग के डाक्टरों की टीम नियमित गोवंश की जांच करेगी ।

कान्हा उपवन की गाय किसानों को दी जाएंगी । गोवंश सहभागिता योजना के तहत किसानों को 9 सौ रुपये हर महीने देखभाल के लिए मिलेंगे । अब तक 15 किसानों ने गोवंश को लेने के लिए आवेदन कर दिए हैं ।




Conclusion:Fvo:- बरेली के साथ-साथ अधिकांश शहरों में नगर निगम द्वारा संचालित गौशालाओं में गायों के मरने के मामले लगातार सामने आते जा रहे हैं जिस पर इन गौशालाओं पर सवालिया निशान खड़ा होता है जबकि सरकार की तरफ से हर संभव प्रयास करा जाता है कि गायों को की उचित देखभाल की जा सके जिसके लिए राज्य स्तर पर हर प्रकार की सहायता राशि भेजी जाती है लेकिन यह सहायता राशि पूरी तरह से गौशाला को मिलती है या नहीं मिलती यह जांच का विषय है। नगर निगम की गौशाला में गायों को देखकर ऐसा लगता है कि इनको पर्याप्त भोजन और सही देखभाल नहीं मिल पा रही है तब तक इन चीजों पर शासन स्तर से कोई कार्रवाई या देखरेख नहीं होगी जब तक ऐसे ही गौशाला में गायों के मरने के मामले लगातार सामने आते रहेंगे।

रंजीत शर्मा।

9536666643

ईटीवी भारत, बरेली।

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