बरेली: कान्हा उपवन में गायों की मौत का मामला लखनऊ तक पहुंचा तो गोवंश की देखभाल को लेकर चौकसी शुरू हो गई. अब शासन द्वारा गांवों में छोटी-छोटी बदहाल गोशालाओं को बंद करने की तैयारी की जा रही है. इसके तहत कम से कम 90 से अधिक छोटी-छोटी गोशाला बहुत जल्द बंद हो जाएंगी.
कान्हा गोशाला के गायों की मौत के मामले में बरेली के मेयर और नगर आयुक्त ने अपनी-अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी. इस घटना की जिम्मेदारी शासन स्तर से तय होनी थी, कि जिम्मेदार कौन है. गोशाला की लचर व्यवस्था होने के बाद भी जिम्मेदार क्यों नहीं सुधार कर पाए. नगर निगम के कान्हा गोशाला में एक के बाद एक गायों के मौत की जांच मेयर डॉ. उमेश गौतम और नगर आयुक्त सैमुअल पाल एन ने अपने स्तर की. गोशाला में मरी गायों से संबंधित रिपोर्ट की जांच नगर आयुक्त ने कमेटी से कराई थी. इसमें गायों के मरने की वजह और पूरी व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट तैयार की गई. वहीं मेयर ने कुछ दिन पहले पत्र के माध्यम से किए गए सवालों को आधार बना कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी.
गोवंश को लेने वाले पशुपालकों को 900 रुपये महीना देगी सरकार
हाल ही में कान्हा उपवन में गायों की मौत हुई तो प्रशासन को छोटी-छोटी गोशालाओं की याद आ गई. इसमें दस से कम गोवंश वाली गोशालाओं को बंद करने को कहा है. साथ ही उन गोशालाओं में रहने वाले गोवंश को गोवंश सहभागिता योजना के तहत किसानों को देने को कहा. गोवंश को लेने वाले पशुपालकों को 900 रुपये महीना सरकार देगी. अब तक 15 किसानों ने गोवंश को लेने के लिए आवेदन कर दिए हैं. इतना ही नहीं अन्य गोवंश को बड़ी गोशालाओं में शिफ्ट किया जाएगा, ताकि उनकी बेहतर देख-रेख की जा सके. बरेली में 144 गोशालाओं में गोवंश रह रहे है. इनमें से 90 से अधिक ऐसी गोशाला हैं, जिनमें दस से कम पशु हैं. इन गोशालाओं को बंद करने की बात की जा रही है.
महापौर का कहना है कि दस से कम गोवंश वाली छोटी गोशालाओं को बंद किया जाएगा. बरेली की करीब 90 छोटी गोशाला बंद हो जाएंगी. उपवन में गोवंश की देख-रेख के लिए एक स्थाई तौर पर पशु चिकित्सक तैनात कर दिया गया है. प्राइवेट पशु चिकित्सक के वेतन का भुगतान नगर निगम करेगा. इसके अलावा पशुपालन विभाग के डाक्टरों की टीम नियमित गोवंश की जांच करेगी.