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अब छूटेगी मोबाइल की लत, बरेली में खुला नशा मुक्ति केंद्र

आजकल के दौर में मोबाइल बहुत ज्यादा खतरनाक हो गया है. ज्यादा देर तक मोबाइल के इस्तेमाल करने से लोगों को कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं. इन्हीं सबको देखते हुए बरेली के जिला अस्पताल में मोबाइल नशा मुक्ति केंद्र खोला गया है.

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Published : Sep 7, 2019, 1:02 PM IST

बरेली में खुला नशा मुक्ति केंद्र.

बरेली: अगर आपके दिमाग में हर समय सोशल मीडिया घूमता रहता है, तो यह मोबाइल की लत है. यह एक मानसिक बीमारी बनती जा रही है. जिले में यह बीमारी इतनी फैल गयी है कि इसके लिए जिला अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है.

बरेली में खुला नशा मुक्ति केंद्र.

जो लोग आठ से दस घंटे तक मोबाइल में बिजी रहते हैं, उनमें यह बीमारी देखी जा रही है. बार-बार वीडियो देखना, सोशल मीडिया के पोस्ट को बार-बार देखना, कमेंट और लाइक करना यह सब इसके लक्षण हैं. आज के समय में यह बड़ी बीमारी बनती जा रही है.

अस्पताल में बनाया गया नशा मुक्ति केंद्र-
आज कल के बच्चों और युवाओं में इसका लक्षण देखने को मिल रहा है. इसके लिए महाराणा प्रताप जिला संयुक्त अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र बनाया गया है. यहां काउंसलिंग कर इस लत को दूर किया जा रहा है.

ये हैं इस बीमारी के लक्षण-

  • देर रात तक मोबाइल लेकर बैठे रहना.
  • हर समय फेसबुक और व्हाट्सऐप पर एक्टिव रहना.
  • खाली समय में मोबाइल नें व्यस्त रहना.
  • 7 से 8 घंटे तक मोबाइल का प्रयोग करना.
  • फिजूल का वीडियो देखना.

जिला अस्पताल में काउंसलिंग के लिए आये 14 वर्षीय संतोष ने बताया कि वह दिन में करीब 7 घंटे तक मोबाइल में व्यस्त रहता है. पढ़ाई छोड़ चुके संतोष ने बताया कि उसकी नस और मुंह में काफी दर्द रहता है. इसके पीछे मोबाइल की लत बताई गई है.

पढ़ें:-मुरादाबाद: कभी रहता था नशे में चूर, आज नशा करने वालों का कर रहा है इलाज

जिला अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में काम कर रहीं काउंसलर खुश अदा ने बताया कि मोबाइल से ग्रसित बच्चे यहां आते हैं. उनकी काउंसलिंग करने के बाद पता चलता है कि इन सबके पीछे का कारण सिर्फ देर तक मोबाइल पर एक्टिव रहना है. उन्होंने बताया कि महीने में करीब 20 से 25 बच्चे आते हैं. अभी तक 3 हजार बच्चों का इलाज कर चुके हैं.

आजकल मोबाइल की लत बढ़ रही है. खासकर बच्चों और युवा में मोबाइल की लत काफी देखने को मिल रही है. इस केंद्र से लोगों को काफी फायदा हो रहा है.
-डॉ. विनीत कुमार शुक्ल, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी

बरेली: अगर आपके दिमाग में हर समय सोशल मीडिया घूमता रहता है, तो यह मोबाइल की लत है. यह एक मानसिक बीमारी बनती जा रही है. जिले में यह बीमारी इतनी फैल गयी है कि इसके लिए जिला अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है.

बरेली में खुला नशा मुक्ति केंद्र.

जो लोग आठ से दस घंटे तक मोबाइल में बिजी रहते हैं, उनमें यह बीमारी देखी जा रही है. बार-बार वीडियो देखना, सोशल मीडिया के पोस्ट को बार-बार देखना, कमेंट और लाइक करना यह सब इसके लक्षण हैं. आज के समय में यह बड़ी बीमारी बनती जा रही है.

अस्पताल में बनाया गया नशा मुक्ति केंद्र-
आज कल के बच्चों और युवाओं में इसका लक्षण देखने को मिल रहा है. इसके लिए महाराणा प्रताप जिला संयुक्त अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र बनाया गया है. यहां काउंसलिंग कर इस लत को दूर किया जा रहा है.

ये हैं इस बीमारी के लक्षण-

  • देर रात तक मोबाइल लेकर बैठे रहना.
  • हर समय फेसबुक और व्हाट्सऐप पर एक्टिव रहना.
  • खाली समय में मोबाइल नें व्यस्त रहना.
  • 7 से 8 घंटे तक मोबाइल का प्रयोग करना.
  • फिजूल का वीडियो देखना.

जिला अस्पताल में काउंसलिंग के लिए आये 14 वर्षीय संतोष ने बताया कि वह दिन में करीब 7 घंटे तक मोबाइल में व्यस्त रहता है. पढ़ाई छोड़ चुके संतोष ने बताया कि उसकी नस और मुंह में काफी दर्द रहता है. इसके पीछे मोबाइल की लत बताई गई है.

पढ़ें:-मुरादाबाद: कभी रहता था नशे में चूर, आज नशा करने वालों का कर रहा है इलाज

जिला अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में काम कर रहीं काउंसलर खुश अदा ने बताया कि मोबाइल से ग्रसित बच्चे यहां आते हैं. उनकी काउंसलिंग करने के बाद पता चलता है कि इन सबके पीछे का कारण सिर्फ देर तक मोबाइल पर एक्टिव रहना है. उन्होंने बताया कि महीने में करीब 20 से 25 बच्चे आते हैं. अभी तक 3 हजार बच्चों का इलाज कर चुके हैं.

आजकल मोबाइल की लत बढ़ रही है. खासकर बच्चों और युवा में मोबाइल की लत काफी देखने को मिल रही है. इस केंद्र से लोगों को काफी फायदा हो रहा है.
-डॉ. विनीत कुमार शुक्ल, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी

Intro:बरेली। क्या आपके दिमाग में हर समय सोशल मीडिया ही घूमता रहता है। उठते बैठते पोस्ट का घूमना, लाइक और कमेंट के विचार आना आपको बैचेन कर देता है।

यह सब अगर आपके या आपके बच्चे के साथ हो रहा है तो यह मोबाइल की लत है। यह एक मानसिक बीमारी बनती जा रही है। जिले में यह बीमारी इतनी फैल गयी है कि इसके लिए जिला अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है।


Body:बनती जा रही बीमारी

यह लत ऐसे बढ़ रही है कि लोग आठ से दस घंटे तक मोबाइल में बिजी रहते हैं। बार-बार वीडियो देखना, सोशल मीडिया के पोस्ट को बार-बार देखना, कमेंट और लाइक करना यह सब इसके लक्षण हैं। आज के समय में यह बड़ी बीमारी बनती जा रही है।

ज्यादातर बच्चों और युवाओं को जकड़ा

इन सभी लक्षणों ने आजकल के बच्चों और युवाओं को अपने जाल में फंसा रहा है। काफी लोग चाहकर भी इस बीमारी को छोड़ नहीं पा रहे हैं। इसके लिए महाराणा प्रताप जिला संयुक्त अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र बनाया गया है। जहां कॉउंसलिंग करके इस लत को दूर किया जा रहा है।

यह लक्षण दिखें तो जाए सावधान

देर रात तक मोबाइल लेकर बैठे रहना।

हर समय फेसबुक और व्हाट्सएप पर एक्टिव रहना।

खाली समय में मोबाइल नें व्यस्त रहना।

7 से 8 घंटे तक मोबाइल का प्रयोग करना।

फ़िज़ूल के वीडियो देखना।

आज भी एक बच्चा आया इलाज करवाने

जिला अस्पताल में आज भी करीब 14 साल का बच्चा संतोष आया। कॉउंसलिंग के बाद उसने बताया कि वह दिन में करीब 7 घंटे तक मोबाइल में व्यस्त रहता है। पढ़ाई छोड़ चुके संतोष ने बताया कि उसकी नस और मुंह में काफी दर्द रहता है। इसके पीछे मोबाइल की लत ही है।

तीन साल का बच्चा भी मोबाइल से ग्रसित

काउंसलर खुश अदा ने बताया कि हाल ही एक केस सामने आया है जिसमें एक तीन साल का बच्चा भी मोबाइल का लती है। उन्होंने बताया कि इस दौरान वह अपनी पेशाब रोके रहता है। जिस वजह से उसको बीमारी हो गयी है।

नशा मुक्ति केंद्र में आते हैं मरीज़

जिला अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में काम कर रहीं कॉउंसलर खुश अदा ने बताया कि मोबाइल से ग्रसित बच्चे यहां आते हैं। उनकी कॉउंसलिंग करने के बाद पता चलता है कि इन सबके के पीछे का कारण सिर्फ देर तक मोबाइल पर एक्टिव रहना है। उन्होंने बताया कि महीने में करीब 20 से 25 बच्चे आते हैं अपना इलाज करवाने। अभी तक 3 हज़ार बच्चों का इलाज करवा चुके हैं।

मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी का बयान

जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर विनीत कुमार शुक्ल ने भी बताया कि आजकल मोबाइल की लत बढ़ रही है। जिसमें बच्चे और युवा शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस केंद्र से लोगों को काफी फायदा हो रहा है।


Conclusion:आजकल के दौर में मोबाइल ज्यादा खतरनाक हो गया है। इन्हीं सबको देखते हुए जिला अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र खोला गया है।

अनुराग मिश्र

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