बरेली: महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर यूनिवर्सिटी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी Artificial Intelligence सेंटर की स्थापना कर रहा है. इसके लिए देश के बाहर कई विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ भी सम्पर्क साधा जा रहा है. प्रदेश भर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देने के लिए MJPRU पहली यूनिवर्सिटी है, जहां इस विषय को शामिल करने के लिए प्रयास हो रहे हैं.
कम्प्यूटर के आविष्कार के बाद से इंसानों ने लगातार Artificial Intelligence यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा देने को लेकर काम किया है. यही वजह है कि आज इंसान के किसी भी सवाल का अधिकतर जवाब पलक झपकते ही कम्प्यूटर से हम प्राप्त कर सकते हैं. इसके पीछे की जो योजना और कार्य संरचना है, उसके लिए एक्सपर्ट्स की जो मेहनत है उसे समझना भी अहम है.
क्या है Artificial Intelligence
कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कृत्रिम होशियारी या कृत्रिम दिमाग एक ऐसी चीज है, जिसके द्वारा तकनीक का सहारा लेकर मशीनों को इंसानी इंटेलिजेंस दिया जाता है. इतना ही नहीं, उन मशीनों को नियम भी सिखाये जाते हैं. उनको इतना विकसित किया जाता है, जिससे वो मशीनें तत्काल सटीक परिणाम दें और सही से काम कर सकें.
पहली यूनिवर्सिटी कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर कर रही काम
देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब artificial intelligence को सुदृढ़ करने, बढ़ावा देने व इस विधा में स्टूडेंट्स को पारंगत करने का प्लान बनाया गया है. महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में राज्य विश्वविद्यालयों की अगर बात की जाए तो सबसे पहले MJPRU ने बरेली में इसके लिए एक केन्द्र स्थापित करने की दिशा में पहल की है.
अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो रही सेंटर की स्थापना
उन्होंने बताया कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर यूनिवर्सिटी कैम्पस में अटल सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की स्थापना की जा रही है. आज हर क्षेत्र में हमें आगे बढ़ने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी में तमाम तकनीकी विषयों को पढ़ाया जाता है. ऐसे में artificial intelligence केंद्र की स्थापना से स्टूडेंट्स को लाभ होगा.
कम्पनियों से किया जा रहा सम्पर्क
कुलपति केपी सिंह कहते हैं कि जो देशभर में बड़ी-बड़ी कम्पनी इस पर काम कर रही हैं, उनके साथ मिलकर पीपीपी मोड पर यूनिवर्सिटी में सेंटर स्थापित करके स्टूडेंट्स को जोड़ा जाएगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में MJPRU PHD कराएगा. इस विषय को जल्द ही मास्टर्स डिग्री में भी जोड़ा जाएगा.
बाहर की यूनिवर्सिटीज से साधा जा रहा सम्पर्क
कुलपति ने बताया कि रोहिलखंड यूनिवर्सिटी लगातार देश के बाहर की ताइवान, जापान और अमेरिका की कई यूनिवर्सिटीज के साथ सम्पर्क में है. जल्द ही वो इस दिशा में बहुत कुछ नया शुरू करने वाले हैं.