बरेलीः प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक स्थलों पर बजने वाले लाउडस्पीकर को लेकर नए निर्देश जारी किए गये. गुरुवार को सीएम योगी इन लाउडस्पीकर की बढ़ती ध्वनि को नियंत्रित करने को कहा. साथ ही तेज आवाज और मानक के विपरीत लगे लाउडस्पीकर को उतरवाने का भी आदेश दिया. अब योगी सरकार इस फैसले को लेकर राजनीतिक दल तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. इन प्रतिक्रियाओं पर राज्य के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सरकार का पक्ष रखा.
बरेली के सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा, 'इस तरह की कार्रवाई पहले भी हो चुकी है. सरकार का आदेश सिर्फ किसी एक धर्म विशेष के लिए नहीं है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुसलमानों के मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर हटेंगे. हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई और जहां-जहां मानकों के विपरीत लाउडस्पीकर लगे होंगे, उन सभी को हटाया जाएगा.'
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, 'कर्कश तेज आवाज बहुत अच्छा संदेश देने वाली नहीं होती है. मंद आवाज से कोई बात कही जाती है, तो वह कर्णप्रिय होती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यही बात कही है. तेज आवाज कान फोड़ने वाली आवाज होती है.' वहीं, नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर मंत्री ने कहा, 'विपक्ष के नेताओं के पास अब कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए अनर्गल बातें कर रहे हैं. विपक्ष राजनीति कर रहा है. प्रधानमंत्री को देश ही नहीं दुनिया भी नेता मान रही है, विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.'
इसके अलावा, मदरसों में फंडिंग को लेकर मंत्री ने कहा, 'नेपाल बॉर्डर से सटे हुए कुछ सीमित मदरसे हैं. वहां का आर्थिक स्रोत क्या है, इसे लेकर हमने विभाग से इसकी जांच कराई. कुछ मदरसों ने कहा कि उन्हें चंदा और जकात मिलता है, जिससे मदरसा चलता है. विभाग की जांच में पता चला कि वहां पर ऐसे लोग नहीं हैं, जो जकात और चंदा दे सके. इसलिए हमें शक हुआ है. अगर मदरसे में गलत हाथों से चंदा आ रहा होगा, तो वो गरीब मुसलमानों के बच्चों कहीं बुरे रास्ते पर ना ले जाएं. इसलिए हमें उनकी चिंता है. इस मामले को गंभीरता से लिया गया. पूरी जांच के बाद निर्णय लिया जाएगा.'
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