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बरेली: लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को नहीं मिली मदद, हाईवे पर लगाया जाम

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान कोई मदद नहीं मिली, जिसके बाद मजदूरों ने हाईवे पर जाम लगा दिया. इस दौरान जाम खुलवाने को लेकर पुलिस और मजदूरों में जमकर नोकझोंक हो गई.

बरेली में मजदूरों ने जाम किया हाईवे
बरेली में मजदूरों ने जाम किया हाईवे
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Published : May 7, 2020, 1:49 PM IST

बरेली: मीरगंज के लभारी बार्डर के नेशनल हाईवे पर प्रवासी मजदूरों और मीरगंज, मिलक पुलिस के अधिकारियों में जमकर नोकझोंक हुई. रामपुर जनपद के बार्डर लभारी गांव के पास 32 घंटों से 200 की तादात में प्रवासी मजदूर हाईवे के किनारे खेत में बैठे हुए थे. मजदूरों का कहना है कि किसी भी क्षेत्र के पुलिस प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली. तब उनके सब्र का बांध टूट गया और वह NH-24 पर उतरकर धरने पर बैठ गए.

बरेली में मजदूरों ने जाम किया हाईवे.

पढ़ें पूरा मामला
रामपुर जनपद के बार्डर लभारी गांव के पास 32 घंटों से 200 की तादात में प्रवासी मजदूर हाईवे के किनारे खेत में बैठे हुए थे. मजदूरों का कहना है कि किसी भी क्षेत्र के पुलिस प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली, जिसके बाद जंगल में ठहरे एक प्रवासी मजदूर भूप सिंह ने मीरगंज पुलिस से मदद मांगी तो एक पुलिसकर्मी ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी.

इस घटना के बाद मजदूरों में आक्रोश फैल गया और वह एनएच-24 पर उतरकर धरने पर बैठ गए. प्रवासी मजदूरों के धरने पर बैठने के कारण हाईवे पर दो घंटे तक जाम लगा रहा, जिसमें एंबुलेंस भी फंसी रही. मजदूरों का कहना है कि वह 36 घंटे से एक खेत में ठहरे हुए हैं. मजदूरों ने बताया कि उनके ठहरने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है और मच्छरों के आतंक से वह बहुत परेशान हो चुके हैं. मजदूरों का कहना है कि ऐसे तो वह मलेरिया से ही मर जाएंगे.

बरेली: मीरगंज के लभारी बार्डर के नेशनल हाईवे पर प्रवासी मजदूरों और मीरगंज, मिलक पुलिस के अधिकारियों में जमकर नोकझोंक हुई. रामपुर जनपद के बार्डर लभारी गांव के पास 32 घंटों से 200 की तादात में प्रवासी मजदूर हाईवे के किनारे खेत में बैठे हुए थे. मजदूरों का कहना है कि किसी भी क्षेत्र के पुलिस प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली. तब उनके सब्र का बांध टूट गया और वह NH-24 पर उतरकर धरने पर बैठ गए.

बरेली में मजदूरों ने जाम किया हाईवे.

पढ़ें पूरा मामला
रामपुर जनपद के बार्डर लभारी गांव के पास 32 घंटों से 200 की तादात में प्रवासी मजदूर हाईवे के किनारे खेत में बैठे हुए थे. मजदूरों का कहना है कि किसी भी क्षेत्र के पुलिस प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली, जिसके बाद जंगल में ठहरे एक प्रवासी मजदूर भूप सिंह ने मीरगंज पुलिस से मदद मांगी तो एक पुलिसकर्मी ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी.

इस घटना के बाद मजदूरों में आक्रोश फैल गया और वह एनएच-24 पर उतरकर धरने पर बैठ गए. प्रवासी मजदूरों के धरने पर बैठने के कारण हाईवे पर दो घंटे तक जाम लगा रहा, जिसमें एंबुलेंस भी फंसी रही. मजदूरों का कहना है कि वह 36 घंटे से एक खेत में ठहरे हुए हैं. मजदूरों ने बताया कि उनके ठहरने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है और मच्छरों के आतंक से वह बहुत परेशान हो चुके हैं. मजदूरों का कहना है कि ऐसे तो वह मलेरिया से ही मर जाएंगे.

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