बरेली: जिले की रूहानी दरगाह आला हजरत के संगठन आल इंडिया तंजीम उलमा-ऐ-इस्लाम के एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भारतीय मुसलमानों को जागरूक करते हुए कहा कि पीएफआई (Popular Front of India) संगठन कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए बहुत सक्रिय है. उन्होंने कहा कि यह संगठन सूफी विचार धारा के विरुद्ध है, इसलिए मुस्लिम नौजवान ऐसे संगठनों और विचारधाराओं से दूर रहे. ये संगठन हिन्दू और मुसलमानों में नफरत फैला रहा है.
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा हमारे देश में कुछ ऐसे संगठन हैं जो हिंदू मुस्लिम में नफरत फैला रहे हैं. जिसमें साउथ इंडिया का एक संगठन है. इसका नाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) है. यह संगठन कुछ ऐसे कामों में सम्मिलित है जो हिंदू और मुस्लिमों के बीच में नफरत फैलाने में लगा हुआ हैं. ऐसे संगठनों का हम विरोध करते हैं, जो सूफी विचारधाराओं के खिलाफ हैं, जो कट्टरपंथी को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे संगठनों से मुस्लिम नौजवान, इमाम, उलेमा सावधान रहें और इनके बहकावे में न आएं. मौलाना ने कहा कि हिंदुस्तान का रीति रिवाज ऐसा है कि यहां सब लोग भाईचारे से रहते हैं.
दरगाह आला हजरत के संगठन आल इंडिया तंजीम ने भारत सरकार से गुजारिश की है कि ऐसे कट्टरपंथी संगठनों पर लगाम लगाएं जो भारत की एकता और अखंडता को खंडित करने का काम कर रहे हैं. ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएं ताकि मुस्लिम नौजवान गुमराह होने से बच सकें.
यह भी पढे़ं- सब की नजर में हैं 'साइलेंट वोटर', इनके वोट से किसकी दौड़ेगी 'सत्ता की मोटर'
उन्होंने कहा कि पीएफआई खुद को मुस्लिम हितों का एकमात्र उम्मीद के रूप में पेश करता रहा है, यह अपने प्रशिक्षण मार्गदर्शन कार्यक्रमों के माध्यम से मुस्लिम युवाओं में गलत फैमियां फैलाकर हिंदुत्व के खिलाफ हथियार उठाने को कहता रहा है. यह अपने सदस्यों को युद्ध प्रशिक्षण प्रदान करता रहा है, पीएफआई संगठन आतंकवादी है. कुछ मुस्लिम युवाओं को आकर्षित कर रहा है और प्रमाण स्वरूप उदार, उदारवादी और राष्ट्रवादी दृष्टिकोण वाले मुस्लिम संगठनों के प्रभाव को हाशिए पर डाल रहा है, यदि पीएफआई को मौजूदा नीतियों और कार्यक्रमों के साथ बढ़ने दिया जाता है तो अन्य सभी मुस्लिम संगठन विशेष रूप से उत्तर भारत के मुस्लिम संगठनों पर गलत असर डालेगी.